वृंदावन का एक ऐसा मंदिर जहां 500 साल से जल रही अग्नि को कोई नहीं बुझा पाया

आज हम आपको वृंदावन के एक ऐसे मंदिर के बारे में  बताने जा रहे हैं जहां 500 साल से रसोई में आग जल रही है और उसी आग पर भोजन पकता है। 

radha raman ji

Radha Raman Temple: वृंदावन यानी कि ब्रज धाम जिसके कण-कण में कृष्ण समाहित हैं। वृन्दावन में अनगिनत कृष्ण मंदिर हैं और हर एक मंदिर की अपनी एक कहानी है, एक रहस्य है।

हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर आज हम आपको वृंदावन के एक ऐसे ही मंदिर के रहस्य के बारे में बताने जा रहे हैं जो करीब 500 साल से बरकरार है।

  • एक मंदिर जिसमें साक्षात दिखती है प्रभु की लीला और चमत्कार। एक ऐसा मंदिर जिसकी ख्याति बिहारी जी के मंदिर से कम नहीं। एक ऐसा मंदिर जिसमें ठाकुर जी की मनोरम प्रतिमा स्थापित है।
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  • ठाकुर जी के इस विग्रह रूप से भी जुड़ा अचरज भरा चमत्कार है। कभी कृष्ण (श्री कृष्ण का नाम गोविंद क्यों है?) के दांत नजर आते हैं तो कभी नहीं, पर जो हमेशा दिखाई देती रहती है वो है उनके होठों पर मंद-मंद मुस्कान।
  • हम बात कर रहे हैं वृंदावन के राधा रमण मंदिर के बारे में। इस मंदिर में ठाकुर जी की मूर्ति तो एक है लेकिन उस एक मूर्ति में तीन छवि नजर आती हैं। कभी यह छवि गोविंद देव जी के समान दिखती है।
  • तो कभी यह छवि वक्ष स्थल गोपी नाथ जी की भांति नजर आती है तो कभी चरण मदन मोहन जी के विग्रह रूप के दर्शन राधा रमण जी की प्रतिमा में दिखाई देने लग जाते हैं।
radha raman ji ka mandir
  • अब आते हैं इस मंदिर के मुख्य रहस्य पर, माना जाता है कि राधा रमण जी के मंदिर में 500 सालों से अग्नि स्वतः ही प्रज्वलित है। पौराणिक कथा के अनुसार, चैतन्य महाप्रभु के शिष्य गोपाल भट्ट गोस्वामी ने अपनी भक्ति के बल पर राधा रमण जी के विग्रह रूप को प्रकट किया था।
  • मान्यता है कि जब भगवान प्रकट हुए तब गोपाल भट्ट जी ने उनका भोग बनाने के लिए हवन की लकड़ियों को रख कर मात्र मंत्रोच्चार (मंत्रोच्चार 108 बार करना क्यों होता है शुभ?) की शक्ति से अग्नि प्रज्वलित की थी।
  • तब से अब तक वह अग्नि प्रज्वलित ही है। कैसी भी परिस्थिति हो उस अग्नि को न प्रकृति और न ही कोई मनुष्य भुजा पाया है। आज भी राधा रमण मंदिर में ठाकुर जी का भोग उसी अग्नि पर पकाया जाता है।
bhagwan radha raman ji ka mandir
  • राधा रमण मंदिर में किसी भी कीमत पर माचिस या अन्य किसी भी ऐसी वस्तु का इस्तेमाल नहीं होता जिससे अग्नि प्रज्वलित की जा सके। मंदिर में धूप जलाने के लिए भी उगनी का प्रयोग किया जाता है।

तो ये था वृंदावन के राधा रमण मंदिर में 500 साल से जल रही अग्नि का रहस्य। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

Image Credit: Pinterest

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