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भगवान को क्यों लगाया जाता है भोग? जानें कारण और नियम

भगवान की पूजा के बाद उन्हें भोग लगाया जाता है। ऐसे में आइये जानते हैं भगवान को भोग लगाने के पीछे का कारण और नियम।
Editorial
Updated:- 2022-12-26, 11:45 IST

Why Is Food Offered To God: हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ के बाद या भोजन से पहले भगवान को भोग लगाने की परंपरा है। बिना भगवान को भोग लगाए न तो किसी घर में भोजन किया जाता है और न ही किया जाना चाहिए।

मान्यता है कि भगवान को दिल से जो भी खिलाया जाए वो उसे उतने ही प्यार से ग्रहण करते हैं। 56 भोग से लेकर एक चावल के टुकड़े तक को भगवान उतने ही भाव से खाते हैं जिस भाव से उन्होंने वो परोसा जाए।

भगवान को भोग लगाना चाहिए ये तो सभी जानत हैं लेकिन क्यों लगाना चाहिए क्या इस बारे में आप जानते हैं। अगर नहीं तो आज हम आपको हमारे एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य डॉ राधाकांत वत्स द्वार दी गई जानकारी के आधार पर इस विषय में बताने जा रहे हैं।

  • शुद्ध और उचित भोजन भगवान (भगवान की मूर्ति रखने के वास्तु नियम) को परोसना उनकी उपासना करने का ही एक रूप है। भगवान की मर्यादा के अनुसार उन्हें भोग लगाया जाता है और उनके भोग में अपवित्र खाने का कोई स्थान नहीं होता।

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  • हम शुद्ध भोजन खाएं इसलिए भगवान को भोग लगाया जाता है। हालांकि, भाव के साथ भगवान को भोजन कराने का कारण पहले आता है बाद में हमारे शुद्ध भोजन करने का तर्क स्थान लेता है।

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  • बता दें कि भगवान को भोग लगाने के पीछे का कारण सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि इसके पीछे का तर्क आयुर्वेद और वास्तु शास्त्र का आधार भी रखता है। आयुर्वेद के अनुसार, भगवान के लिए भोजन बनाते समय व्यक्ति के मन में सद्भाव होता है।
  • यही सद्भाव व्यक्ति को भीतर से प्रसन्न रखता है और उसके मस्तिष्क में पसरे तनाव को दूर करता है। भगवान के लिए बनाए गए भोजन में प्रेम भाव होता है। इसी कारण से व्यक्ति प्रसन्नता महसूस करता है और मानसिक बीमारियों का प्रभाव कम होने लगता है।

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  • वहीं, वास्तु शास्त्र के हिसाब से बात करें तो भगवान को भोग लगाकर भोजन करने से अन्न दोष दूर होता है। यानी कि जो भी अन्न का व्यय होने से, अन्न भंडार के गलत स्थान पर होने से, मां अन्नपूर्णा की तस्वीर (मां अन्नपूर्णा की तस्वीर लगाने के नियम) गलत जगह होने आदि से जो भी अन्न दोष उत्पन्न होता है वह भोग लगाने से दूर हो जाता है।

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  • भगवन को भोग लगाने के नियमों की बात करें तो, भगवान के हमेशा दाई तरफ भोजन की थाली रखनी चाहिए। भोजन की थाली के साथ-साथ जल अवश्य रखना चाहिए। भगवान की थाली अन्य बर्तनों से अलग होनी चाहिए।

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  • भगवान को भोग लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि थाली रखने का स्थान स्वच्छ होना चाहिए। थाली रखने से पहले शुद्ध जल का छिड़काव करना न भूलें। भगवान को भोग लगाने के बाद उस भोजन को खुद खाएं और अपने परिवार को भी खिलाएं।

तो इस कारण से लगाया जाता है भगवान को भोग। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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