Is Sacred Thread Prohobited For Women: हिन्दू धर्म में जनेऊ संस्कार का अत्यधिक महत्व है। इसे उपनयन संस्कार के नाम से भी जाना जाता है। यूं तो मुख्य रूप से इसे पुरुष ही पहनते हैं लेकिन महिलाओं के जनेऊ धारण करने की बात भी कई बार सुनने को मिल जाती है।
अब सवाल ये उठता है कि महिलाओं को जनेऊ धारण करना चाहिए या नहीं और क्या वाकई महिलाओं का जनेऊ पहनना धर्म शास्त्रों में वर्जित माना गया है। इस विषय में हमने हमारे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स से पूछा तो उन्होंने हमें कई दिलचस्प और हैरान कर देने वाली बातें बताईं।
हमारे एक्सपर्ट ने हमें बताया कि महिलाएं भी जनेऊ पहन सकती हैं लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि हर महिला के लिए जनेऊ पहनना संभव नहीं। तो चलिए जानते हैं कि महिलाएं जनेऊ पहन सकती हैं या नहीं और इसके पीछे का कारण क्या है।
- हिंदु धर्म (हिन्दू धर्म की ये बातें नहीं जानते होंगे आप) के जितने भी ग्रंथ हैं या शास्त्र हैं सब में महिलाओं को जनेऊ पहनने के लिए मना किया गया है लेकिन इसके पीछे का कारण किसी को भी नहीं पता। दरअसल, जनेऊ संस्कार यानी कि उपनयन संस्कार में बहुत ही कड़े नियम होते हैं।
- माना जाता है कि इन नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। इन नियमों की अनदेखी नहीं की जा सकती है और न ही इन्हें अपने हिसाब से तोड़ा-मरोड़ा जा सकता है। वहीं, महिलाओं के साथ कई ऐसी स्थितियां होती हैं जब वह इन नियमों का पालन करने में सक्षम नहीं होतीं। उदाहरण के तौर पर मासिक धर्म, गर्भावस्था आदि ऐसी परिस्थितियां हैं जब महिलाएं शुद्ध नहीं होती हैं।

- यहां शुद्ध का अर्थ है स्वास्थ्य खराब होने के कारण समय से न नहाना, समय से पूजा-पाठ (पूजा-पाठ के दौरान रखें इन बातों का ध्यान) न कर पाना आदि। खराब सेहत या सेहत में उंच-नीच के कारण या फिर घरबार की अनेकों जिम्मेदारियों के कारण महिलाएं नियमों से नहीं चल पाती हैं। इसके अलावा, जनेऊ धारण करने के बाद एक नियम यह भी होता है कि व्यक्ति जितनी बार शौच आदि के लिए जाता है उसे उतनी बार नहाना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में महिलाओं के लिए यह संभव नहीं।

- इसी कारण से महिलाओं को जनेऊ पहनने के लिए मना किया गया है। हालांकि, जो महिलाएं जनेऊ के नियमों का पालन कर सकती हैं उनके लिए जनेऊ पहनने पर कोई मनाही नहीं है। बल्कि महिलाओं का जनेऊ पहनना उनके लिए शुभ ही माना जाता है। उत्तर प्रदेश राज्य से ऐसी कई खबरें सामने आई हैं जब महिलाओं ने सामूहिक कार्यक्रम आयोजित कर जनेऊ धारण किया है और न सिर्फ जनेऊ पहना है बल्कि उसके नियमों का पालन भी कर रही हैं।
- बता दें कि जो भी महिलाएं जनेऊ धारण करने में सक्षम होती हैं उन्हें जनेऊ पहनने के कई लाभ मिलते हैं। जनेऊ पहनने से महिलाओं का दिमाग शांत रहता है, तनाव दूर होता है और स्वास्थ्य में सुधार होता है। यहां तक कि महिलाओं को वात, पित्त और कफ की समस्या में भी आराम मिलता है।
तो ये था महिलाओं के जनेऊ न पहनने के पीछा का असल कारण। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे फेसबुक पर जरूर शेयर करें और इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ। आपका इस बारे में क्या ख्याल है? हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
Image Credit: Shutterstock, Pinterest
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