पूजा पाठ के लिए कुछ जरूरी नियम बनाए गए हैं। इन नियमों का वर्णित शास्त्रों में हैं। इन नियमों के अनुसार पूजन करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है। वैसे तो कहते हैं कि ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए मन में सच्ची भक्ति होनी चाहिए। फिर भी हमारा मन कई बार पूजा-पाठ के सही या गलत विधि-विधानों में उलझ जाता है। कई बार हम दिन रात ईश्वर का स्मरण करते हैं लेकिन फल नहीं मिलता है क्योंकि जानकारी न होने पर हम कुछ गलतियां कर जाते हैं। हालांकि ईश्वर सिर्फ भाव चाहते हैं किंतु सच्चे मन के साथ अगर कुछ नियमों का पालन भी कर लिया जाए तो पूजा सफल मानी जाती है। ऐसे में आपकी उलझनों को दूर करते हुए हम आपको बताने वाले है पूजा पाठ के दौरान किन बातों का ध्यान रखें। आइए जानें, पूजा के दौरान कुछ जरूरी नियमों का पालन कैसे करें।
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तुलसी के पत्तों को न तोड़ें
तुलसी का पत्तों बिना नहाए न तोड़े। शास्त्रों के अनुसार अगर कोई व्यक्ति बिना नहाए ही तुलसी के पत्तों को तोड़ता है तो पूजन में ऐसे पत्ते भगवान द्वारा स्वीकार नहीं किए जाते हैं। साथ ही आपको बता दें कि तुलसी के पत्तों को ग्यारह दिनों तक बासी नहीं माना जाता है। इसकी पत्तियों पर हर रोज जल छिड़कर भगवान को अर्पित किया जा सकता है। वहीं, रविवार, एकादशी, द्वादशी, संक्रान्ति और संध्या काल में तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
पूजा में कहां कौन सी चीजें कहां रखें
पूजा में दीपक सही जगह रखना चाहिए। घी का दीपक दाईं ओर और तेल का दीपक बाईं ओर रखें। जल पात्र, घंटा, धूपदानी जैसी चीजें हमेशा बाईं तरफ रखें। शंख को जल में डुबाना और धरती पर रखना वर्जित माना जाता है इसलिए शंख को हमेशा किसी वस्तु के ऊपर ही रखें। शंख में चंदन और फूल भी रखें।
भगवान को न चढ़ाएं ये चीजें
शिवजी, गणेशजी और भैरवजी को तुलसी न चढ़ाएं। विष्णु भगवान को चावल, गणेश जी को तुलसी, देवी को दूर्वा और सूर्य को बिल्व पत्र कभी न चढ़ाएं। शिवजी को सदाबहार फूल, विष्णु को धतूरा और चावल और देवी को आक के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव को विल्व पत्र, गणेश को हरी दूर्वा, विष्णु को तुलसी, दुर्गा को अनेक प्रकार के फूल पसंद होते हैं।
तिलक करने का सही तरीका
देवी-देवताओं को हमेशा अनामिका यानि हाथ की तीसरी उंगली से तिलक या सिंदूर लगाएं और ध्यान रखें कि भगवान को स्नान कराने के बाद चंदन-टीका लगाएं। भगवान गणेश, हनुमान, दुर्गा माता या किसी भी मूर्ति से सिंदूर लेकर माथे पर न लगाएं।
पूजा के दौरान अगर कोई सामग्री छूट जाए
पूजा के लिए अगर आप कोई चीज लाना भूल गई हैं तो परेशान न हों और पूजा बीच में बिल्कुल न छोड़ें। ऐसे में भगवान को चावल और फूल चढ़ाएं और मन में उस चीज का ध्यान करें।
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पूजा में दक्षिणा जरूर चढ़ाएं
किसी भी पूजा में मनोकामना की सफलता के लिए दक्षिणा जरूर चढ़ाएं, तभी पूजा सफल मानी जाती है।
पूजा के दौरान धूप-दीप कैसे जलाएं
भगवान की आरती की तैयारी करते समय एक दीपक से दूसरा दीपक, धूप या कपूर कभी न जलाएं। घर के मंदिर में सुबह और शाम को दीपक जरूर जलाएं। हमेशा एक दीपक घी का और एक दीपक तेल का जलाना चाहिए।
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Photo courtesy- (अबाउट सुदर्शन चक्र, Samachar Nama, YouTube, hindi.topyaps.com, Panditbooking, Dailymotion & Punjab Kesari)
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