Famous Temple In Rajasthan: हिन्दू धर्म में भगवान शिव एक पूजनीय देवता माने जाते हैं। भगवान शिव को ब्रह्मांड के निर्माता और सृष्टि रचने वाले देवताओं से एक माना जाता है।
हिंदुस्तान में भगवान शिव को महाकाल, भोले, शम्भू, नटराज, महादेव और आदियोगी आदि कई अलग-अलग नामों से जाना जाता है। सावन में भगवान शिव की पूजा-पाठ करने के लिए लोग अलग-अलग शिव मंदिरों में पहुंचते रहते हैं।
देश के अन्य राज्यों की तरह राजस्थान में भी ऐसे कई शिव मंदिर मौजूद हैं, जहां हर दिन हजारों की संख्या में शिव भक्त दर्शन के लिए पहुंचते रहते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको राजस्थान में स्थित कुछ प्रसिद्ध और पवित्र शिव मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।
राजस्थान में स्थित सबसे प्रसिद्ध और पवित्र शिव मंदिर का नाम लिया जाता है, तो घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर उस लिस्ट में सबसे टॉप पर शामिल रहता है। यह पवित्र मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर के शिवाड़ में स्थित है। इसे भगवान शिव का अंतिम ज्योतिर्लिंग भी माना जाता है।
घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर को भगवान शंकर का बारहवां अवतार 'घुश्मेश्वर' के नाम से जाना भी जाता है। यह मंदिर स्थानियों लोगों के लिए काफी खास है, क्योंकि उनका मानना है कि यह मंदिर गांव की रक्षा करता है। शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में यहां हजारों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं।
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अचलेश्वर महादेव मंदिर राजस्थान के धौलपुर में स्थित है। यह पवित्र मंदिर राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा के पास मौजूद है, इसलिए यहां दोनों ही राज्यों से भक्त दर्शन के लिए पहुंचते रहते हैं।
अचलेश्वर महादेव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह एक अनूठा मंदिर है, क्योंकि यहां शिवलिंग की नहीं, बल्कि भगवान शिव के पैर के अंगूठे की पूजा की जाती है। इस मंदिर को लेकर एक अन्य मान्यता है कि यहां स्थापित शिवलिंग का रंग बदलते रहता है। यहां महाशिवरात्रि और सावन माह में दर्शन करने के लिए हजारों की संख्या में शिव भक्त पहुंचते हैं।
राजस्थान के रामगढ़ में स्थित भांड देवरा भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र और प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण 10 वीं शताब्दी में हुआ था। इस पवित्र मंदिर को मिनी खजुराहो ऑफ राजस्थान के नाम से भी जाना जाता है। (भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में)
जी हां, भांड देवरा को लेकर कहा जाता है कि इस मंदिर खजुराहो स्मारक समूह की शैली में बनाया गया है, इसलिए इसे मिनी खजुराहो ऑफ राजस्थान भी कहा जाता है। मान्यता है कि यहां जो भी सच्चे मन से दर्शन के लिए पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
पहाड़ी की चोटी पर मौजूद होने चलते मंदिर के आसपास का नजारा भी सैलानियों को खूब आकर्षित करता है। महाशिवरात्रि और सावन के महीने में यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती हैं।
राजस्थान के डूंगरपुर में स्थित देव सोमनाथ मंदिर एक पवित्र मंदिर के साथ-साथ एक भव्य मंदिर भी माना जाता है। सोम नदी के किनारे बसा देव सोमनाथ मंदिर करीब 1 हजार साल प्राचीन माना जाता है।
देव सोमनाथ मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मंदिर 108 खंभों पर टिका है, जो मिट्टी और चूने से जुड़े हुए हैं। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां जो भी दर्शन के लिए पहुंचता है, उसकी मनोकाना पूरी हो जाती है। महाशिवरात्रि और सावन में यहां भक्तों की काफी भीड़ रहती हैं।
राजस्थान में ऐसे अन्य कई पवित्र और प्रसिद्ध शिव मंदिर मौजूद हैं, जिनका दर्शन करने आप भी पहुंच सकते हैं। जैसे- उदयपुर में स्थित एकलिंग जी शिव मंदिर, राजस्थान के झुंझुनू में स्थित चौमुखा भैरवी शिव मंदिर और अलवर में स्थित नालदेश्वर मंदिर का दर्शन करने पहुंच सकते हैं। (यहां स्थित है भगवान शिव का अंतिम ज्योतिर्लिंग)
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