हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि के पर्व बेहद महत्वपूर्ण है। नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आपके जीवन में किसी तरह की कोई परेशानी आ रही है, तो शारदीय नवरात्रि का पर्व उत्तम फलदायी माना जाता है। मां कात्यायनी को युद्ध की देवी माना जाता है और इनकी कृपा से सभी विघ्न दूर हो जाते हैं। अब ऐसे में नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा किस विधि से करें, पूजम सामग्री क्या है और मां कात्यायनी की पूजा में किन मंत्रों का जाप करें। साथ ही माता को भोग क्या लगाएं। इसके बारे में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
मां कात्यायनी का स्वरूप
मां कात्यायनी, देवी दुर्गा के छठे स्वरूप हैं और नवरात्रि के छठे दिन इनकी पूजा की जाती है। इनका स्वरूप अत्यंत भव्य और दिव्य है। वे पीले रंग के वस्त्र धारण करती हैं जो ज्ञान और तपस्या का प्रतीक हैं। मां कात्यायनी का वाहन सिंह है जो शक्ति और साहस का प्रतीक है। उनके हाथ में कमल का फूल और तलवार होती है। कमल शांति और ज्ञान का प्रतीक है, जबकि तलवार दुष्टों का नाश करने की शक्ति को दर्शाती है। मां कात्यायनी को ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है। वे अपने भक्तों को ज्ञान और बुद्धि प्रदान करती हैं। वे संकटों से मुक्ति दिलाने वाली हैं। जो भी भक्त सच्चे मन से उनकी आराधना करता है, उसके सभी संकट दूर हो जाते हैं। विवाहित जीवन में सुख और समृद्धि लाने के लिए भी मां कात्यायनी की पूजा की जाती है।
मां कात्यायनी की पूजा के लिए सामग्री क्या है?
मां कात्यायनी की पूजा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से पढ़ें। इसके साथ ही पूजा विधिवत रूप से करें।
कलश
कलश के लिए सामग्री - कलश में जल, रोली, चावल, कुछ सिक्के, मौली, दूर्वा, आम के पत्ते, कुमकुम और गंगाजल डालें।
अक्षत
फूल
पीले फल: मौसमी फल जैसे सेब, संतरा, अंगूर आदि।
दीपक
धूप
कुमकुम
रोली
चंदन
नैवेद्य
मां कात्यायनी की पूजा किस विधि से करनी चाहिए?
मां कात्यायनी देवी दुर्गा का छठा रूप हैं। वे शक्ति, ऊर्जा, और दृढ़ता का प्रतीक हैं। नवरात्रि के छठे दिन इनकी पूजा की जाती है।
पूजा करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को भी साफ-सुथरा रखें।
मां कात्यायनी की मूर्ति या चित्र को एक साफ स्थान पर स्थापित करें।
एक कलश लें और उसमें जल, रोली, चावल, कुछ सिक्के, मौली, दूर्वा, आम के पत्ते, कुमकुम और गंगाजल डालें।
फूल, फल, दीपक, धूप, कुमकुम, रोली, चंदन, नैवेद्य आदि को तैयार रखें।
मां कात्यायनी को अपने मन में निमंत्रित करें।
मां कात्यायनी को जल, फूल, फल, धूप, दीप आदि अर्पित करें।
मां को चावल अर्पित करें।
मां के माथे पर सिंदूर का तिलक लगाएं।
मां को प्रसाद अर्पित करें।
मां कात्यायनी के मंत्रों का जाप करें।
आखिर में मां कात्यायनी की आरती करें।
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मां कात्यायनी के किन मंत्रों का जाप करें?
मां कात्यायनीकी पूजा करने के दौरान इन मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें।
मंत्र जाप करते समय मन को शांत और एकाग्र रखें।
मंत्रों का उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध होना चाहिए।
ॐ कात्यायनी महामाये महायोगेश्वरी नमः।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमः।
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः:
चन्द्रहासोज्जवलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥:
ॐ कात्यायनी महामाये महायोगेश्वरी नमः:
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मां कात्यायनी को क्या भोग लगाएं?
मां कात्यायनी को शहद, मीठा पान, दूध, फल और मिठाई आदि का भोग लगाएं। इससे माता रानी बेहद प्रसन्न होती हैं। और व्यक्ति को उत्तम परिणाम भी मिलते हैं।
मां कात्यायनी को कौन से फूल चढ़ाएं?
मां कात्यायनी की पूजा में पीले रंग के फूल अर्पित करें। इससे उत्तम फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही सुख-समृद्धि में भी वृद्धि होती है।
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Image Credit- HerZindagi
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