(wedding sinhora) भारतीय परंपरा और संस्कृति में कई छोटी-बड़ी चीजों का विशेष महत्व होता है। शादी से लेकर मौत तक कई सारी ऐसी चीजें होती है। जिनकी बहुत मान्यता बताई गई है। जिसमें सिन्होरा भी शामिल है।
हिंदू विवाह संस्कारों में सिंहोरा के बारे में विस्तार से बताया गया है। ऐसा कहा जाता है कि सिन्होरा नवविवाहिता के लिए गहने के समान माना जाता है। जो सुहागिनों की डोली के साथ उसके मायके से आता है और उसकी अर्थी के साथ चला जाता है।
सिंहोरा विवाह जैसे शुभ कार्य में सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। सिंदूर सुहागिनों का सबसे बड़ा श्रृंगार माना जाता है। साथ ही सिंदूर को जिस पात्र में रखा जाता है, उसे सिंहोरा कहा जाता है। यह आम की लकड़ी से बनाया जाता है। जो कभी खराब नहीं होता है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से सिंहोरा के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ऐसा माना जाता है कि सिंहोरा का अर्थ है मांग का सिंदूर। यह पति-पत्नी के रिश्ते का एक मात्र प्रतीक माना जाता है। जो जन्म-जन्मांतर तक का होता है। सिन्होरा सुहागिन महिलाओं के लिए सौभाग्य लेकर आता है।
सुहागिन महिलाओं को पूजा-पाठ के दौरान मांग में सिंदूर जरूर लगाना चाहिए। आपको बता दें, महिलाओं को रविवार, सोमवार और शुक्रवार (शुक्रवार मंत्र) को बाल धोकर सिंहोरा से सिंदूर लगाना बहुत शुभ माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि पति की उम्र लंबी होती है और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति भी हो सकती है। महिलाएं कई तरह के व्रत जैसे कि करवा चौथ, वट सावित्री पूजा, तीज करती हैं। जिसमें सिंहोरा से सिंदूर लगाना बेहद शुभ और पवित्र माना जाता है।
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ऐसी मान्यता है कि मां पार्वती भगवान शिव (भगवान शिव मंत्र) के लिए मांग में सिंदूर लगाती थीं। इसलिए मां पार्वती को सिंदूर अवश्य चढ़ाना चाहिए। उन्हें चढ़ाने के बाद स्वयं सिंदूर लगाएं। इससे सौभाग्य का वरदान मिलता है। साथ ही शुभ फलों की भी प्राप्ति हो सकती है।
शास्त्रों के अनुासर, ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं मांग में लंबा सिंदूर लगाती हैं। उनके पति को मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। इसलिए सुहागिन महिलाओं को हमेशा नाक की सीध पर ही सिंदूर लगाना चाहिए। टेढ़ा-मेढ़ा सिंदूर लगने से पति का भाग्य खराब हो सकता है। इसलिए ऐसी गलती करने से बचें।
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महिलाओं के उपरी भाग बहुत संवेदनशील और कोमल होता है। यही वो स्थान होता है, जहां महिलाएं सिंदूर लगाती हैं। सिंदूर विद्युत ऊर्जा को प्रभावित करता है। जिससे नकारात्मकता से बचाव होता है। सिंदूर लगाने से चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़ती है और बढ़ती उम्र के संकेत भी नहीं दिखते हैं।
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