Varanasi to Prayagraj For Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश का वाराणसी शहर पूरे भारत के लिए एक पवित्र नगरी है। गंगा तट के किनारे स्थित इस शहर को एक्सप्लोर करना किसी सपने से कम नहीं होता है।
हालांकि, इस समय उत्तर प्रदेश का वाराणसी नहीं, बल्कि प्रयागराज देश के केंद्र में बना हुआ है, क्योंकि यहां जनवरी से महाकुंभ मेला शुरू होने वाला है। महाकुंभ में देश के हर कोने से लेकर विदेशी लोग भी पहुंचते हैं।
भक्त या पर्यटक जब महाकुंभ के लिए निकलते हैं, तो कई लोग वाराणसी से होते हुए भी प्रयागराज पहुंचते हैं। ऐसे में पर्यटकों को ये मालूम नहीं रहता है कि सड़क मार्ग में कोई शानदार जगहें मौजूद हैं या नहीं।
इस आर्टिकल में हम आपको कुछ शानदार और खूबसूरत जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो वाराणसी और प्रयागराज सड़क मार्ग में पड़ती हैं। इन जगहों को एक्सप्लोर करने के बाद महाकुंभ का मजा चार गुणा अधिक बढ़ जाएगा।
वाराणसी से प्रयागराज के बीच में पड़ने वाली कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में बताने से पहले आपको यह बता दें कि वाराणसी से प्रयागराज की दूरी करीब 121 किमी है। इसके लिए NH19 से होते हुए वाराणसी से प्रयागराज या फिर प्रयागराज से वाराणसी पहंचा जा सकता है।
आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि वाराणसी से प्रयागराज रूट में मोहनसराय, गोपीगंज, अंदावा और झूसी जैसी शानदार और खूबसूरत जगहें पड़ती हैं, जिन्हें एक्सप्लोर किया जा सकता है। आइए इन जगहों के बारे में जानते हैं।
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मोहनसरा, उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर से कुछ ही दूरी पर है। जब वाराणसी से प्रयागराज के लिए निकलते हैं, तो पहला पड़ाव मोहनसराय ही पड़ता है। यह शहर गंगा घाट और हरे-भरे वातावरण के लिए जाना जाता है। मोहनसराय में आप कुछ समय ठहरकर मोहनसराय वाटर पार्क, मोहनसराय हेरिटेज हॉस्पिटल और हरे-भरे खेत के मैदान को निहार सकते हैं।
उत्तर प्रदेश भदोही जिले में स्थित गोपीगंज एक खूबसूरत नगर है, जिसे वाराणसी-प्रयागराज का दूसरा पड़ाव माना जाता है। इस प्रसिद्ध शहर को मंदिरों की वास्तुकला का केंद्र माना जाता है। कहा जाता है कि यह स्थित दोही के मंदिरों की डिजाइन और वास्तुकला सैलानियों को खूब आकर्षित करती है। मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां जो भी पहुंचता है, उसकी सभी मुरादें पूरी हो जाती हैं।
अंदावा, वाराणसी-प्रयागराज सड़क मार्ग का तीसरा पड़ाव माना जाता है। अंदावा शहर वाराणसी और प्रयागराज हाईवे के ठीक बीच में मौजूद है। इस शहर में घूमने के लिए बहुत कम ही जगहें मौजूद हैं, पर इस शहर की हरियाली देखकर आप खुशी से झूम उठेंगे। इस शहर में आपको गन्ने, सरसों, आलू और गेहूं आदि की खेती खूब देखने को मिलेगी।
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वाराणसी-प्रयागराज सड़क मार्ग का चौथा और अंतिम पड़ाव झूसी है। यह खूबसूरत शहर प्रयागराज जिले में ही पड़ता है, पर यह शहर के बाहरी इलाके में मौजूद है। झूसी को एक ऐतिहासिक भी माना जाता है। इस शहर के बारे में कहा जाता है कि यह शहर खंडहरों का इलाका है और इसे उल्टे किले के लिए भी जाना जाता है। इस में स्थित श्री हनुमान गुफा सैलानियों को सबसे अधिक आकर्षित करती है। इस गुफा के अंदर एक प्राचीन हनुमान जी की प्रतिमा भी स्थित है।
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