भारतीय रेलवे यानी सिर्फ किसी इंसान का ही नहीं बल्कि यादों का भी सफर। बचपन की कई यादें रेल से जुड़ी हुई हैं। गर्मी की छुट्टियों में नाना-नानी के घर जाना होता था तो पापा घंटों लंबी लाइन में लगकर रिजर्वेशन करवाते थे। शुक्र है कि टिकट विंडो पर घंटों खड़े होने वाला वो दौर चला गया। भारतीय रेलवे पिछले कुछ सालों में इतना बदल गया है कि अब सुविधाओं को लिए बहुत ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती है। रेलवे से जुड़े कई ऐसे नियम हैं जिन्हें कम लोग जानते हैं, लेकिन अगर उनके बारे में पता हो तो सुविधाएं और बढ़ सकती हैं।
हर साल रेल बजटभी बढ़ाया जाता है और इससे सुविधाओं में भी फायदा मिलता है। हालांकि, इन सभी नियमों में समय के साथ बदलाव होता रहता है फिर भी आप रेलवे इन्फोर्मेशन काउंटर से पूछकर इसके बारे में पता कर सकते हैं। पर यकीन मानिए ये नियम आपके काम जरूर आएंगे।
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पहले तत्काल टिकट रिफंड से जुड़ा कोई नियम नहीं था, लेकिन समय के साथ बदलाव ने इसे यात्रियों के लिए और सुविधाजनक बना दिया। अब नया रूल कहता है कि तत्काल टिकट का रिफंड भी आपको मिलेगा।
अगर ट्रेन तीन घंटों से ज्यादा लेट है तो तत्काल टिकट का रिफंड क्लेम किया जा सकता है। साथ ही, अगर ट्रेन का रूट किसी वजह से बदल गया है या किसी वजह से ट्रेन कैंसिल हो गई है तो भी तत्काल टिकट का रिफंड मिल जाएगा। ऐसे में फुल रिफंड का प्रावधान है और अगर कोई कह रहा है कि पूरा रिफंड नहीं मिलेगा तो उसे इस रूल की याद दिलाई जा सकती है। साथ ही, आपको अपना टिकट स्टेशन मास्टर को जमा करना होगा।
मान लीजिए किसी वजह से आपकी ट्रेन छूट गई या आप अपनी सीट पर नहीं जा पाए। तो टीटी को कम से कम दो स्टॉप तक इंतजार करना होगा। तभी वो आपकी सीट किसी और को दे सकता है। हालांकि, अगर दो स्टॉप बहुत देर में आने वाले हैं तो टीटी सिर्फ 1 घंटे तक इंतजार करेगा।
अगर आपकी ट्रेन गलती से छूटी है तो उसके लिए रिफंड का भी एक प्रावधान है। इसके लिए टीडीआर यानी टिकट डिपॉजिट रिसीट जमा करनी होती है। अगर ये एक्सेप्ट हो गई तो आपको 50% रिफंड मिल जाएगा। ये ध्यान रखें कि ये बेसिक किराए पर मिलेगा और टैक्स पर नहीं। आप ट्रेन से 3 घंटे पहले टिकट कैंसिल भी कर सकते हैं। कितने किलोमीटर का सफर है उस हिसाब से पैसे वापस मिलेंगे। अगर i-ticket है तो TDR नहीं होगी और ऐसे में IRCTC की ऑनलाइन साइट से रिफंड क्लेम किया जा सकता है।
आप आधिकारिक तौर पर मिडिल बर्थ में सोने वाले लोगों को सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक उठा सकते हैं। ये नियम सभी स्लीपर बर्थ के लिए होता है। अगर कोई पैसेंजर मना कर रहा है तो आप टीटी से बात कर सकते हैं।
पालतू जानवर के साथ ट्रैवल करना है तो उसका टिकट आपके टिकट से ज्यादा होगा। अगर कोई पंछी या कुत्ता, बिल्ली है तो पहले स्टेशन मास्टर के पास जाकर उसकी टिकट और ट्रैवल पास लेना होगा। इसके बाद उसके पिंजरे में उसे रखना होगा क्योंकि पेट्स को सामान की तरह ही देखा जाता है। साथ ही, अगर सर्विस एनिमल है तो खास प्रावधानों के साथ आप उसे अपनी सीट के पास रख सकते हैं। लेकिन उसके लिए पहले से परमीशन लेनी होगी और साथ ही आपको अपने पेट की पूरी जिम्मेदारी उठानी होगी।
अगर ट्रेन में कोई पानी की बॉटल के कूलिंग चार्ज अलग से ले रहा है और उसकी शिकायत की जा सकती है। कोई भी पैकेज फूड तय कीमत से ज्यादा अगर कोई वेंडर बेच रहा है तो शिकायत करने पर उसका लाइसेंस कैंसिल किया जा सकता है।
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अगर आपके पास कोई प्रिंटेड टिकट है और आप उसे खो देते हैं तो आप अपने बोर्डिंग स्टेशन से नया टिकट ले सकते हैं। आपको एक फॉर्म भरना होगा और उसी के साथ अपना वैलिड आईडी प्रूफ सब्मिट करना होगा।
ये सारे हैक्स आपके बहुत काम आ सकते हैं, लेकिन कुछ राज्यों में कोरोना कारणों से नियमों में बदलाव किया गया है। आप अपनी यात्रा से पहले इन नियमों को जरूर जान लें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी हो तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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