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why lord krishna stands cross legged

श्री कृष्ण हमेशा पैरों को क्रॉस करके ही क्यों खड़े होते थे?

आपने अक्सर चित्रों या प्रतिमाओं में श्री कृष्ण को पैर क्रॉस करके खड़े हुए देखा होगा। क्या आपको पता है कि श्री कृष्ण के ऐसी मुद्रा में खड़े होने के पीछे का कारण क्या है। 
Editorial
Updated:- 2025-02-14, 14:30 IST

अक्सर आपने देखा होगा कि श्री कृष्ण बांसुरी बजाते समय या फिर गाय चराते समय जब भी एक जगह पर खड़े होते थे तो उनके पैर क्रॉस पोजीशन में रहते थे यानी कि श्री कृष्ण खड़े होते समय पैरों को आपस में क्रॉस कर लेते थे। क्या आपको पता है कि श्री कृष्ण के ऐसी मुद्रा में खड़े होने के पीछे का कारण क्या है। अगर नहीं तो आइये जानते हैं इस बारे में ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से।

आखिर क्यों पैरों को क्रॉस करके खड़े होते थे श्री कृष्ण? (Aakhir Kyu Pairon Ko Cross Kar Ke Khade Hote The Shri Krishna?)

भगवान श्री कृष्ण की खड़े होने की मुद्रा टेढ़ी है। गौर करने वाली बात यह है कि श्री कृष्ण 2 अवस्था में ही ऐसी मुद्रा में कहदे होते थे। एक जब वह गाय चराने जाते थे और पेड़ के नीचे खड़े होकर बांसुरी बजाते थे और दूसरी जब वह रास रचाते थे।

krishna ji cross leg kyu khade hote the

ये दोनों ही अवस्था ब्रज भूमि के अंतर्गत ही आती हैं। वहीं, जब भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज छोड़ा था और द्वारका राज्य बसाया था तब उनकी मुद्रा सिंघासन पर बैठे हुए नजर आती है। युद्ध के समय भी कृष्ण जी सीधे खड़े होकर ही युद्ध किया करते थे।

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यानी कि सिर्फ ब्रज में जब तक ठाकुर जी थे तब तक उनकी मुद्रा टेढ़ी थी। अब इसके पीछे 2 कारण मिलते हैं जो प्रेम और भक्ति भाव को दर्शाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि श्री कृष्ण की खड़े होने की यह मुद्रा आकर्षण मुद्रा कहलाती है।

lord krishna cross leg kyu khade hote the

श्री कृष्ण बांसुरी बजाते समय इस मुद्रा में इसलिए खड़े होते थे कि जितने भी जीव हैं उन्हें अपने प्रति आकर्षित कर अपनी शरण में ले लें और रास रचाते समय इस मुद्रा में इसलिए रहते थे कि प्रेम भाव में पड़ी गोपियों को आकर्षित कर कल्याण कर सकें।

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यह तो हम सभी जानते हैं कि श्री कृष्ण की गोपियां पूर्व जन्म में वो साधु-संत रहे हैं जिन्हें गोपी रूप में श्री कृष्ण के सानिध्य की प्राप्ति हो रही थी। ऐसे में आकर्षण मुद्रा में खड़े होकर उन्हें प्रेम के साथ भक्ति भाव से जोड़ने की यह प्रक्रिया थी।

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