जीवन एक ऐसी यात्रा है जो हमारे जन्म के साथ शुरू होती है और मृत्यु के समय खत्म हो जाती है। आपने एक मशहूर पंक्ति तो सुनी ही होगी कि जो दुनिया में आया है उसे एक दिन जाना ही है। हर धर्म के लोग अंतिम संस्कार के वक्त अलग-अलग रीति-रिवाज निभाते हैं। हिंदू धर्म में मौत के बाद शरीर को जलाया जाता है। वहीं मुस्लिम धर्म के लागों को मृत्यु के बाद दफनाया जाता है।
हालांकि हिंदू धर्म में भी जलाने के अलावा एक और तरीके से अंतिम संस्कार किया जाता है। जी हां, साधु-संतों को मौत के बाद जलाया नहीं जाता है। कुछ ही दिनों पहले शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती का निधन हुआ था। ऐसे में उनका भी जलाने के बजाए अलग तरीके से अंतिम संस्कार किया गया था। आइए जानते हैं साधु-संतों के शव को जलाया क्यों नहीं जाता है।
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बहुत से लोग साधु-संतों को अंतिम संस्कार से जुड़ी इस जानकारी के बारे में नहीं जानते हैं। आपको इस बारे में जानकर कैसा लगा? यह हमें इस आर्टिकल के कमेंट सेक्शन में जरूर बताइएगा।
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