यह हम सभी जानते हैं कि अर्जुन को भगवान कृष्ण ने गीता का उपदेश कुरुक्षेत्र में ही दिया था, जहां पौराणिक कथा के अनुसार महाभारत का विषम युद्ध हुआ था। लेकिन अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि महाभारत युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र को ही क्यों चुना गया था तो फिर आपका जवाब क्या हो सकता है? अगर आपको नहीं मालूम है तो फिर आपको इस आर्टिकल को ज़रूर पढ़ना चाहिए।
आपको बता दें कि इस आर्टिकल से पहले हम आपको कृष्णा यात्रा सीरिज में कृष्णा जन्स्थाली के बारे में बता चुके हैं। अब इस आर्टिकल में हम आपको उस कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी वजह से भगवान कृष्ण ने महाभारत युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र को चुना। आइए जानते हैं।
महाभारत युद्ध
कई पौराणिक कथाओं के अनुसार महाभारत के इस विषम युद्ध के लिए ऐसी जगह की तलाश थी जहां भारी संख्या में सैनिक खड़े हो सकें और युद्द कर सकते हैं। ऐसे में इस कार्य के लिए भगवान कृष्णा को चुना कि आप भी ऐसी जगह की तलाश करें। कथाओं के अनुसार जब यह तय हो गया की युद्ध होना तब श्री कृष्ण ने अपने दूत युद्ध के लिए जगह तलाश करने भेज दिया।
कृष्ण ने कुरुक्षेत्र को ही महाभारत युद्ध के लिए क्यों चुना?
महाभारत के युद्ध के लिए कुरुक्षेत्र को चुने जाने के पीछे दिलचस्प कहानी बताई जाती है। कहा जाता है कि श्री कृष्ण को इस बात का डर था कि अगर युद्ध के दौरान कौरव और पांडवों को मरते देख कहीं आसपास में संधि न कर बैठे। इस भय की वजह से उन्होंने ऐसी भूमि का चुनाव किया जहां क्रोध और द्वेष का बेहद गंभीर इतिहास रहा हो। ऐसे में उन्होंने इस जगह को युद्ध के लिए चुना।(कृष्ण जन्मस्थली से जुड़े इतिहास)
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कुरुक्षेत्र का चुनाव करने के पीछे कहानी
पौराणिक कथा के अनुसार जब भगवान कृष्ण को महाभारत युद्ध के लिए जगह की तलाश करने का भार दिया गया तो उन्होंने अपने दूतों को जगह तलाश करने के लिए भेजा। जब दूतों ने सभी दिशाओं में घटना का जायजा लिया और भगवान कृष्ण को एक-एक करके घटना के बारे में बताने लगे।
एक दूत ने एक घटना के बारे में बताया कि एक जगह एक छोटे भाई ने बड़े भाई को मारकर खेत की मेंढ़ पर मृत शरीर को रख दिया ताकि एक खेत से दूसरे खेत में पानी न जाए। छोटे भाई बड़े भाई को इसलिए मार दिया क्योंकि बड़ा भाई में पानी रोकने के लिए बोला था।(मनाली हिल स्टेशन के फेमस मंदिर)
कहा जाता कि दूत द्वारा सुनाई इस घटना के बाद उन्होंने यह तय किया कि भाई-भाई, गुरु-शिष्य और सगे-संबधियों के युद्ध के लिए बिल्कुल सही है। कहा जाता है कि युद्ध में इतनी संख्या में सैनिक मरे कि आज भी कुरुक्षेत्र की मिट्टी लाल रंग की है।
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