खूबसूरत और विलुप्त पक्षियों को देखकर मेरा मन तो प्रफुलित हो जाता है। शायद आप भी विलुप्त पक्षियों को देकर ज़रूर खुश होते होंगे। पक्षी अपनी धुन में सपनों की कहानी बुनते हुए जिस तरह आसमां में उड़ती है उसे देखकर हर किसी का दिल आकाश में उड़ने को चाहता है। अब ज़रा सोचिए कि जब एक साथ हजारों किस्म की तितलियां एक साथ किसी एक स्थान पर देखने को मिल जाएं तो फिर भला कौन नहीं देखना चाहेगा। जी हां, दक्षिण-भारत में मौजूद बटरफ्लाई फॉरेस्ट में हजारों किस्म की तितलियां पाई जाती हैं। इस लेख में हम आपको दक्षिण-भारत में मौजूद इस बटरफ्लाई फॉरेस्ट के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।
बटरफ्लाई फॉरेस्ट के बारे में
जिस बटरफ्लाई फॉरेस्ट के बारे में हम आपसे जिक्र कर रहे हैं वो दक्षिण भारत के कर्नाटक शहर में मौजूद है। यह दक्षिण भारत के सबसे घने जंगलों में से एक है। यह घना जंगल कर्नाटक के कोडागु, मलनाड और दक्षिण कन्नड़ में फैला हुआ। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस जंगल में घूमने के लिए पहुंचता वो दिन-भर इसी जंगल में घूमने के बाद ही घर वापस जाता है। इस जंगल में सिर्फ हजारों किस्म की तितलियां ही नहीं बल्कि हजारों किस्म की पक्षी भी आप देख सकते हैं।
क्या है बटरफ्लाई फॉरेस्ट नाम?
आपको बता दें कि कर्नाटक का बटरफ्लाई फॉरेस्ट 'बिसले घाट' के नाम से प्रसिद्ध है। कर्नाटक के पश्चिम भाग में फैले इस घने जंगल में कई किस्म की तितलियां पाई जाती हैं। घने जंगलों के बीच में नदी होने के चलते यहां मानसून के समय प्रवासी तितलियां भी दिखाई देते हैं। कहा जाता है कि इस जंगल में कॉमन कैस्टर, कॉमन ग्लास यलो, कॉमन जे, प्लेन टाइगर, स्पॉटेड पैरट, लाइन ब्लू, बलका पेरट, डिंगी स्विफ्ट आदि तितलियां मौजूद हैं।
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इन एक्टिविटीज का उठाएं लुत्फ़
इस खूबसूरत जंगल में आप कई फन एक्टिविटीज का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। इस घने जंगल के बीच में मोटरसाइकिल या कार से सफ़र करना कई लोग पसंद करते हैं। इस घने जंगल में पानी की कई धरा है जिसे देखने के लिए हजारों सैलानी पहुंचते रहते हैं। इस जंगल के अंदर ट्रैकिंग का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं। बिसले घाट में कई व्यू पॉइंट्स भी मौजूद हैं जहां आप जा सकते हैं। आपको बता दें कि यह फ़ॉरेस्ट पिकनिक स्थल के रूप में भी काफी फेमस है।(दिल्ली को मिला बटरफ्लाई पार्क का तोहफ़ा)
कब घूमने जाएं?
बिसले घाट में घूमना किसी जन्नत से कम नहीं है। खासकर उन लोगों के लिए जो नेचर से प्रेम करते हैं उन्हें यहां की हरियाली और जंगल अपना बना सकते हैं। कहा जाता है कि मानसून के समय इस घाटी में घूमना सबसे अच्छा समय माना जाता है। यहां सिर्फ तितलियां ही नहीं बल्कि प्रवासी पक्षी के साथ-साथ अद्वितीय पेड़-पौधे भी देख सकते हैं। ऐसे में अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं और मानसून की छुट्टियां पसंद करते हैं तो फिर आपको बिसले घाट ज़रूर घूमने जाना चाहिए।
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कैसे पहुंचें?
आपको बता दें कि यह जंगल कर्नाटक के हासन जिले के सकलेशपुर में स्थित है। आप सकलेशपुर पहुंचकर लोकल टैक्सी या लोकल बस लेकर जा सकते हैं। इसके अलावा बिसले घाट बैगलुरु से लगभग 250 किमी दूर है। ऐसे में आप बैगलुरु से भी यहां घूमने के लिए जा सकते हैं। आपको बता दें कि इस फ़ॉरेस्ट के सबसे नजदीक सकलेशपुर रेलवे स्टेशन है।(कर्नाटक के ऐतिहासिक स्थल)
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