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एक ऐसा अनोखा गांव जहां हर किसी को बुलाने के लिए बनी है अलग धुन

भारत के इस गांव में लगभग हर व्यक्ति एक-दूसरे को नाम से नहीं बल्कि सीटी बजाकर या किसी अन्य धुन बजाकर बुलाते हैं।
Editorial
Updated:- 2022-07-08, 09:10 IST

अच्छा, अगर आपको कोई व्यक्ति नाम से नहीं बल्कि सीटी बजाकर या फिर किसी अन्य धुन की मदद से पुकारे तो फिर आपको कैसा लगेगा? शायद सुनने में आपको थोड़ा अजीब लगे। लेकिन अगर आपसे यह बोला जाए कि भारत के एक गांव में किसी भी व्यक्ति को नाम से नहीं बल्कि सीटी या विशेष धुन बजाकर पुकारा जाता है तो फिर आपका जवाब क्या होगा।

जी हां, नॉर्थ-इंडिया में एक ऐसा अनोखा गांव है जहां लगभग हर कोई किसी अन्य व्यक्ति को बुलाने के लिए सीटी या धुन का उपयोग करता है। यह गांव इस विशेषता के लिए सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर भी फेमस है। आइए इस गांव के बारे में जानते हैं।

क्या है व्हिसलिंग विलेज का नाम?

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस व्हिसलिंग विलेज के बारे में हम जिक्र कर रहे हैं उस अनोखे गांव का नाम 'कोंगथोंग' है। कहा जाता है कि यह अनोखा गांव विश्व भर का एक अनोखा गांव है जहां के लोग दूसरे को नाम से नहीं बल्कि सीटी बजाकर बुलाते हैं। इस अजीबो-गरीब परंपरा के चलते इस गांव का नाम भी व्हिसलिंग विलेज रख दिया गया है, आज इसी नाम से यह गांव प्रचलित भी है।

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हर व्यक्ति के लिए अलग धुन

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आप यह ज़रूर सोचा रहे होंगे कि अगर किसी व्यक्ति को बुलाना हो और सीटी की आवाज एक जैसा हो तो फिर क्या होगा? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस गांव के लोग सीटी मारकर किसी को बुलाने के लिए प्रैक्टिस करते रहते हैं। कहा जाता है कि इस अनोखे गांव में लगभग 200 परिवार रहता है और लगभग 100 से अधिक धुन का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, कई लोग बोलते हैं कि धुन की संख्या अधिक है।(मेघालय की बेहतरीन जगहें)

क्या सच में संस्कृति का हिस्सा है?

कहा जाता है कि कोंगथोंग में सीटी बजाना कोई फैशन नहीं बल्कि यह स्थानीय संस्कृति का हिस्सा है। कहा जाता है कि आवाज की वजह से पशु या पक्षी डर न जाए इसलिए भी पक्षियों की आवाज में यहां के लोग धुन या सीटी बजाकर एक-दूसरे को बुलाते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें सीटी बजाने की धुन में पशु और पक्षियों की आवाज भी शामिल है।(पानी में तैरने वाले होटल)

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कैसे पहुंचे कोंगथोंग गांव?

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत का यह अनोखा गांव शिलांग से लगभग 55 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐसे में आप शिलांग से लोकल बस या टैक्सी को लेकर जा सकते हैं। गुवाहाटी रेलवे स्टेशन से भी आप यहां घूमने के लिए जा सकते हैं। आपको बता दें कि यह गांव मेघालय में है।

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Image Credit:(@twitter)

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