herzindagi
image

Maha Kumbh 2025 Snan: महाकुंभ स्नान के दौरान शरीर के किस हिस्से को छूकर लगानी चाहिए डुबकी?

Maha Kumbh Snan: 144 वर्षों के बाद आने वाले महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज की संगम रेती पर हो रहा है। ऐसे में यहां पर स्नान करने को बहुत पुण्यकर माना गया है। अगर आप भी संगम त्रिवेणी आ रहे हैं, तो यह जानना बहुत जरूरी है कि इस दौरान शरीर के किस हिस्से को छूकर डुबकी लगाएं।
Editorial
Updated:- 2025-02-07, 18:23 IST

Prayagraj Kumbh Mela 2025: 12 पूर्ण कुंभ के बाद महाकुंभ का आयोजन किया जाता है। 144 वर्षों बाद आने वाले इस पर्व का साक्ष्य बनने के लिए दुनियाभर से करोड़ों लोग इस प्रयागराज आ रहे हैं। 13 जनवरी से प्रारंभ हुए महाकुंभ का समापन 26 फरवरी, 2025 को होगा। 2-3 फरवरी बसंत पंचमी पर नागा साधु और अन्य संतों ने शाही स्नान किया। इसके बाद अन्य लोगों ने संगम में डुबकी लगाई। ऐसा माना जाता है कि इस स्नान से व्यक्ति के सभी पाप खत्म और मोक्ष की प्राप्ति होती है। ऐसे में स्नान को लेकर कई नियम बनाए गए हैं कि कब और कौन संगम में पहली डुबकी लगाएगा। इसके साथ ही गृहस्थ और अविवाहित लोगों को कितनी डुबकी लगानी चाहिए। हालांकि, कुछ लोग स्नान के दौरान कुछ गलतियां कर देते हैं, जिससे उन्हें इसके पुण्य नहीं मिलता है। इस लेख में आज हम आपको इलाहाबाद के पंडित आचार्य उदित नारायण त्रिपाठी से जानते हैं कि डुबकी लगाते वक्त कौन अंग छूना चाहिए।

स्नान करते समय किस अंग को छूकर लगाएं डुबकी

Prayagraj Kumbh

नदी या संगम में स्नान करने को लेकर प्राचीन समय से कुछ नियम बनाए गए हैं। इन नियमों के तहत स्नान करने से व्यक्ति को पुण्य मिलता है। साथ ही उसके द्वारा किए गए पाप से मुक्ति मिलती है। हम सभी स्नान करते वक्त नदी में नाक बंद कर जल में डुबकी लगाते हैं। वहीं कुछ लोग नाक और कान या केवल कान पकड़कर नदी में स्नान करते है। बता दें, कि आप स्नान करते वक्त आप नाक और कान दोनों को छूकर डुबकी लगा सकते हैं। अब ऐसे में सवाल यह आता है कि महाकुंभ स्नान के दौरान आखिर कान और नाक छूकर क्यों डुबकी लगाया जाता है।

इसे भी पढ़ें- Maha Kumbh Stampede: प्रयागराज महाकुंभ में 1, 2 या 3 नहीं बल्कि कई बार हो चुकी हैं घटनाएं, जानें कब-कब भक्ति का केंद्र बना हादसों का स्थान

नाक पकड़कर क्यों लगाते हैं डुबकी?

आमतौर हम सभी नाक पकड़कर पर पानी में डुबकी लगाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर नाक ही क्यों पकड़ते हैं। पंडित आचार्य उदित नारायण त्रिपाठी जी कहते हैं कि संगम में स्नान करते समय नाक पकड़कर डुबकी लगाना एक परंपरा है, जिसे कुछ श्रद्धालु अनुसरण करते हैं। यह परंपरा विशेष रूप से उन लोगों द्वारा की जाती है जो पवित्र जल में स्नान करने के साथ-साथ शरीर और आत्मा की शुद्धि की ओर अग्रसर होते हैं।

नाक पकड़कर डुबकी लगाने को ऐसा माना जाता है इससे शरीर की शुद्धि और मन की पवित्रता होती है। साथ ही नाक से जुड़ी हुई संवेदी प्रणाली को शुद्ध करने से व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसके अलावा यह भी माना जाता है कि इस क्रिया से सांस की समस्याएं दूर होती हैं और व्यक्ति को आंतरिक शांति मिलती है।

कान पकड़कर क्यों लगाते हैं डुबकी?

bathing rituals maha kumbh 2025 snan

हम में कई लोग ऐसे हैं, जो डुबकी लगाते वक्त नाक नहीं बल्कि कान पकड़कर पानी में स्नान करते हैं। बता दें कान पकड़कर पानी में डुबकी लगाना एक धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा है, जिसे कुछ लोग संगम में स्नान करते समय पालन करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि कान को पकड़कर डुबकी लगाने से मानसिक शुद्धि, आंतरिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। कान की शुद्धि से व्यक्ति को बुरे विचारों और नकारात्मक चीजों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, प्राचीन समय से कान को आध्यात्मिक दृष्टिकोण और ध्यान को भी जोड़कर देखा जाता है, क्योंकि कानों से ही हम दुनिया की आवाजों को सुनते हैं और शुद्ध कान हमें शांति की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।

इसे भी पढ़ें- Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में गुरु दक्षिणा की अनोखी परंपरा का महत्व क्या है, जानें अखाड़ों के साधु-संतों द्वारा दान का कारण

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

Image credit- Freepik, herzindagi

यह विडियो भी देखें

Herzindagi video

Disclaimer

हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।