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माघ मेले में बिजली पोल पर लगाए जा रहे QR कोड का क्या है यूज? जानें कैसे यह आपकी यात्रा को बना देगा आसान

माघ मेला सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है। यह भारतीय संस्कृति, आस्था और सनातन परंपरा को निभाने का प्रतीक माना जाता है। भक्त गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में आस्था की डुबकी लगाने के लिए यहां आते हैं।
Editorial
Updated:- 2025-12-31, 16:40 IST

माघ मेला की शुरुआत 3 जनवरी 2026 से होने जा रही है। हर साल लगने वाले इस मेले में हजारों-लाखों भक्त प्रयागराज आते हैं। मेला में आपको ग्रामीण भारत की झलक देखने को मिलती है, लोकगीत, भजन, देसी खान-पान, हस्तशिल्प और पारंपरिक बाजार भी सजते हैं। इसके साथ-साथ भीड़ में लोगों की रक्षा के लिए प्रशासन द्वारा सुविधाएं भी दी जाती है। यहां टैंट, बाथरूम और कपड़े बदलने के बूथ के साथ-साथ खोया-पाया केंद्र भी बनाया जाता है। हालांकि, इस समय सोशल मीडिया पर पोल पर लगे QR कोड की चर्चा हो रही है। लोग इसके बारे में जानने चाह रहे हैं कि आखिर यह क्यों लगाया गया है और इसे स्कैन करने से क्या होगा? अगर आप भी माघ मेला में अपने परिवार या दोस्तों के साथ जा रही हैं, तो आपके लिए यह QR कोड काम का हो सकता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।

माघ मेला में QR कोड का क्या यूज है?

  • माघ मेला आपको जगह-जगब बिजली के खंबे पर क्यूआर कोड लगा हुआ नजर आएगा। यह क्यूआर कोड आपकी सेफ्टी के लिए लगया गया है। इससे आपके अपने आपसे दूर नहीं होंगे, क्योंकि उन्हें खोजना आसान हो जाएगा। बस फोन खोलिए और स्कैन करें, यह क्विक रिस्पांस करेगा। यह कोड आपके लिए डिजिटल गाइड की तरह काम करने वाला है।
  • इस कोड पर जैसे ही आप स्कैन करेंगी आप ट्रेन की जानकारी से लेकर मेले की हर जानकारी यहां से पढ़ पाएंगी।
  • सबसे खास बात यह है कि इस कोड से आपको मेला के सही लोकेशन का भी पता चल जाएगा। आप मेले में कहां खड़े हैं, इसकी जानकारी भी आपको मिल जाएगी। इससे अगर कोई खो गया है, तो वह बिजली के खंबों पर लगे QR कोड को स्कैन करे और तुरंत अपने खोए हुए रिश्तेदार के पास पहुंच जाएं।

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  • इस कोड को स्कैन करके आप गूगल नेविगेशन की मदद से आप मेले के किसी भी खास स्थान तक आसानी से पहुंच सकेंगे।
  • इसके लिए अब आपको खोया-पाया केंद्र तक पहुंचने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि आप क्यूआर कोड के माध्यम सीधे 'खोया-पाया केंद्र' से जुड़ सकेंगे और मदद ले सकेंगे।
  • उत्तर मध्य रेलवे (NCR) के प्रयागराज मंडल ने इस तकनीक के लिए भक्तों की यात्रा सफर बना दी है।
  • मेला में क्यूआर कोड आधारित 24×7 कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। इससे किसी भी तरह की परेशानी को दर्ज करना आसान होगा।
  • इस कोड को स्कैन करने पर आपको शिकायत दर्ज का ऑप्शन मिलेगा। आप जैसे ही इसमें शिकायत दर्ज करवाएंगी, मैसेज तत्काल कंट्रोल रूम के डैशबोर्ड में दिखाई देगा, जिससे जल्दी मदद मिल पाएगी।
  •  प्रयागराज में घूमने के लिए अच्छी जगह बहुत सारी हैं, इसलिए यहां आप समय बचने के बाद घूमने जा सकती हैं। 

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