डिजिटल युग में सब्जी वाले, पेट्रोल पंप, दुकान से राशन से लेकर रेस्टोरेंट में ऑर्डर या किसी प्रोडक्ट की जानकारी लेने के लिए क्यूआर कोड का इस्तेमाल खूब किया जा रहा है। क्यूआर कोड की मदद से कुछ ही सेकेंड में हजारों से लेकर लाखों की पेमेंट हो जाती है। आज कैश रखने या छुट्टे पैसे रखने की समस्या भी नहीं आती है। जी हां, एक स्कैन और आपका बड़े से बड़ा काम हो जाता है। क्यूआर कोड का हर दिन लाखों लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि यह क्यूआर क्या है, इसकी फुल फॉर्म क्या है और यह कहां से आया है।
एक कागज, गत्ते या प्लास्टिक पर छोटे से बक्से में बना अजीब से पैटर्न वाला क्यूआर कोड अपने अंदर दुनियाभर की जानकारी समेटे होता है। इसके पीछे कोई चमत्कार नहीं बल्कि साइंस और टैक्नोलॉजी होती है। जी हां, छोटे बक्से में दिखने वाले अजीब पैटर्न के पीछे एक यूआरएल (URL) एंबेड होता है, जिसे स्मार्टफोन पर स्कैन करने के साथ ही देखा जा सकता है। जैसे ही हम क्यूआर कोड स्कैन करते हैं, वैसे ही वह यूआरएल ओपन हो जाता है और हम वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं। यूआरएल कैसे काम करता है, यह समझना ज्यादा मुश्किल नहीं है, लेकिन इसकी फुल फॉर्म क्या है और यह कहां से आया है अब इस बारे में बात कर लेते हैं।
क्या है QR कोड की फुल फॉर्म?
क्यूआर कोड या QR Code की फुल फॉर्म है Quick Response Code। यह इंजीनियर्स की ऐसी इनोवेशन है, जिसे कंप्यूटर किसी टेक्स्ट यानी शब्दों की जगह ज्यादा आसानी और तेजी से समझ पाता है। यही वजह है कि आज क्यूआर कोड की मदद से हम आसानी से किसी भी प्रोडक्ट की जानकारी, ऑनलाइन पेमेंट और अन्य कई तरह के कामों में कर पाते हैं। कई बार क्यूआर कोड का इस्तेमाल कंपनियां डेटा स्टोर करने के लिए भी करती हैं। लेकिन, यह पूरी तरह से तकनीक पर काम करता है, जिसे स्पेशलिस्ट ही समझ और हेंडल कर पाते हैं।
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कहां से आया है क्यूआर कोड?
पब्लिक डोमेन में मौजूद जानकारी के मुताबिक, क्यूआर कोड को साल 1994 में जापानी कंपनी डेंसो वेव ने डेवलप किया था। यह डेटा को तेजी से इनकोड और डीकोड करके सूचनाओं को जल्द से जल्द सामने रखता है। क्यूआर कोड कुछ-कुछ बारकोड की तरह की काम करता है, लेकिन इसमें ज्यादा जानकारियां स्टोर की जा सकती हैं।
कैसे काम करता है क्यूआर कोड?
क्यूआर कोड 2डी होता है और इसे मैट्रिक्स के फॉर्म में सेट किया जा सकता है। ऐसे तो यह बारकोड की तरह काम करता है, लेकिन इसमें ढेर सारी लाइन्स नहीं, बल्कि बॉक्स और डॉट्स दिखाई देते हैं। क्यूआर कोड को वर्टिकल और हॉरिजोन्टल, दोनों तरह से सेट किया जा सकता है। यह दो तरह के होते हैं पहला स्टैटिक क्यूआर कोड और दूसरा डायनमिक क्यूआर कोड।
स्टैटिक क्यूआर कोड की डिटेल्स को एक बार सेट करने के बाद बदला नहीं जा सकता है। वहीं, डायनमिक क्यूआर कोड में मौजूद जानकारी को बार-बार अपडेट किया जा सकता है।
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कैसे बनाएं क्यूआर कोड?
अगर आप अपना क्यूआर कोड बनाना चाहते हैं तो आप किसी भी ऑनलाइन वेबसाइट पर जा सकते हैं, जो क्यूआर कोड बनाती हैं।
क्यूआर कोड बनाने वाली वेबसाइट पर आपको कई ऑप्शन मिलेंगे। जिसमें यूआरएल, इमेज, वीकार्ड, ईमेल जैसे ऑप्शन्स होंगे। यहां आप उस वेबसाइट या प्रोडक्ट का यूआरएल डालें, जिसके लिए आप क्यूआर कोड सेट कर रहे हैं।
यूआरएल डालने के बाद आपका क्यूआर कोड बनकर तैयार हो जाएगा, जिसका एक स्कैन से आसानी से इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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Image Credit: Freepik
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