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Ravana Mystery: रावण की नाभि में कहां से आया था उसे अमर बना देने वाला अमृत

दशानन रावण से जुड़े ऐसे कई रहस्य हैं जो आज भी एक पहेली के रूप में लोगों के सामने आते रहते हैं। इन्हीं में से एक है वो अमृत जो उसकी नाभि में स्थापित था। आइये जानते हैं कि आखिर कहां से आया था रावण की नाभि में अमृत।  
Editorial
Updated:- 2023-04-05, 16:44 IST

Ravan Ki Nabhi Mein Amrit Ka Rahasya: हिन्दू धर्म के महाकाव्य रामायण ग्रंथ में कई अनोखे और गहरे रहस्य छिपे हुए हैं। रामायण में हर एक पात्र किसी न किसी रहस्य को समेटे हुए थे। इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे रावन से जुड़े रहस्य के बारे में।

रावण के जीवन और उसकी मृत्यु से जुड़े कई ऐसे राज़ हैं जो आज भी एक पहेली बने हुए हैं। इन्हीं में से एक है रावण की नाभि में अमृत का रहस्य जिसके बारे में हमें बताएंगे ज्योतिष एक्सपर्ट डॉ राधाकांत वत्स। तो आइये जानते हैं कि आखिर कहां से आया रावण की नाभि में अमृत।

रामायण ग्रंथ के अनुसार, जब श्री राम और रावण का युद्ध हुआ था तब श्री राम के अनेक प्रयासों के बाद भी वह रावण को मृत्यु दे पाने में विफल हो रहे थे। तब विभीषण (विभीषण से जुड़ा सत्य) जी ने श्री राम को रावण की मृत्यु का रहस्य उजागर करते हुए बताया था कि रावण की नाभि में अमृत है। नाभि पर वार करने से ही रावण की मृत्यु संभव है जिसके बाद श्री राम ने रावण की नाभि पर बाण चलाया और नाभि को बाण लगते ही रावण की मृत्यु हो गई।

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अब प्रश्न यह उठता है कि आखिर रावण की नाभि में अमृत कहां से आया। तो बता दें कि इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जिसके अनुसार जब बालि और रावण का युद्ध हुआ था तब रावण को बालि ने परास्त कर भुत घायल कर दिया था।

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यह देख रावण की पत्नी मंदोदरी ने रावण को अमर बनाने का संकल्प लिया। मंदोदरी ने अपने पिता से अमृत के बारे में पूछा और सारी जानकारी जुटाकर चंद्र लोक की ओर चल दीं। अपने पिता की सहायता से मंदोदरी (क्या मंदोदरी ने करवाया था रावण का वध) चंद्र लोक तक पहुंची।

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अमृत चंद्रलोक में स्थापित था लेकिन उसे चुरा पाना संभव न था इसलिए मंदोदरी ने शरद पूर्णिमा का इंतजार किया क्योंकि ऐसा माना जाता है कि मात्र शरद पूर्णिमा के दिन ही चंद्र देव स्वयं अमृत कलश को बाहर निकालकर उसकी कुछ बूंदें धरती पर गिराते हैं। जब शरद पूर्णिमा आई तब मंदोदरी ने विभीषण जी की मदद से अमृत कलश से अमृत की कुछ बूंदें चुराईं और उन बूंदों को रावण की नाभि में स्थापित कर दिया।

तो ये था रावण की नाभि में छिपे हुए अमृत का रहस्य। अगर हमारी स्टोरीज से जुड़े आपके कुछ सवाल हैं, तो वो आप हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम आप तक सही जानकारी पहुंचाने का प्रयास करते रहेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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