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मंदोदरी ने ही करवाया था पति रावण का वध

हिन्दू पुराण में दर्ज एक कथा के अनुसार मंदोदरी रावण की मृत्&zwj;यु के बाद लंका में ही रहीं और लंका का पूरा राजपाट भी संभाला ।&nbsp;<span style="color: #626262; font-family: Mangal, serif; font-size: 8pt;">मंदोदरी के बारे में कुछ और रोचक तथ्&zwj;य भी मिलते हैं। चलिए हम आपको बताते हैं।</span>
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-06-26, 09:53 IST

भारत में रहने वाला बच्‍चा-बच्‍चा रामायण की कथा जानता है। सभी को पता है कि आपनी पत्‍नी सीता को बचाने के लिए भगवान राम ने लंका जाकर रावण का वध किया और सीता को लेकर वापिस अयोध्‍या लौट गए। मगर रावण की मृत्‍यु के बाद उसकी पत्‍नी मंदोदरी का क्‍या हुआ यह बात बहुत कम लोग जानेते हैं। शास्‍त्रों में भी इसका बहुत कम ही जिक्र मिलता है मगर हिन्दू पुराण में दर्ज एक कथा के अनुसार मंदोदरी रावण की मृत्‍यु के बाद लंका में ही रहीं और लंका का पूरा राजपाट भी संभाला । 

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कैसे संभाला राजपाट

पुराणों के अनुसार भगवान राम ने जब युद्ध के मैदान में रावण पर विजय हासिल कर ली और उसे मार गिराया तब जाकर युद्ध खत्‍म हुआ और उसके बाद लंका की महारानी मंदोदरी युद्ध स्‍थल पर आईं और वहीं जब पति और पुत्रों को मृत पाया तो वह विलाप करने लगीं। मगर विलाप करते हुए उन्‍होंने वहीं मौजूद अपने देवर विभीष से कहा कि वह अब भी लंका की महारानी हैं और रावण के राजपाट को वही संभालेंगी। रावण के अंतिम संस्‍कार के बाद जब विभीषण का राज्‍यभिषेक हुआ तो महारानी मंदोदरी उन्‍हें शासन चलाने में मदद करने लगीं। 

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भारत में है मंदोदरी का ससुराल 

पुरणों में बताया गया है कि रावण का ननिहाल राजस्‍थान में मौजूद जोधपुर के नजदीक एक गांव में है। रावण की मृत्‍यु के कुछ समय बाद मंदोदरी लंका को अलविदा कह जोधपुर अपनी ससुराल आ गई थी। यहां रावण का एक मंदिर भी है, जो कहा जाता है कि मंदोदरी ने ही बनवाया था और तब से यहां रावण की पूजा की जाती है। 

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यह भी तथ्‍य है 

कहा जाता है कि भगवान श्री राम के कहने पर मंदोदरी ने रावण की मृत्‍यु के कुछ वक्‍त बाद अपने देवर विभीषण से विवाह कर लिया। दरअसल भगवान श्री राम नहीं चाहते थे कि रावण की मृत्‍यु के बाद लंका बिखर जाए और विभीषण अपने बड़े भाई राजगद्दी पर बैठना नहीं चाहते थे। 

मंदोदरी के बारे में रोचक तथ्‍य 

  • मंदोदरी के बारे में जो कथा मिलती है उसके अनुसार वह हेमा नाम की अप्सरा की बेटी थी। देवराज इंद्र की सभा में एक बार कश्यप ऋषि के पुत्र माया की नजर हेमा पर गयी और वह उस पर मोहित हो गया। माया ने हेमा के सामने विवाह का प्रस्ताव रखा विवाह के पश्चात हेमा ने मायासुर की पुत्री को जन्म दिया जिसका नाम मनदोदरी रखा गया । अप्सरा की बेटी होने के कारण मंदोदरी बहुत ही सुंदर और आकर्षक थी।
  • जब मंदोदरी विवाह योग्य हुई तो इनके पिता मायासुर ने योग्य वर की तलाश शुरु कर दी लेकिन उन्हें अपनी रूपवती कन्या के योग्य कोई वर नहीं मिल रहा था। इस दौरान मायासुर ने  रावण से अपनी पुत्री का विवाह करने की बात सोची और रावण के सामने मंदोदरी से विवाह का प्रस्ताव रखा।
  • मायासुर ने मंदोदरी को रावण से मिलाया । रावण की नजर जैसे ही मंदोदरी पर गई वह मोहित हो गया और झट से विवाह का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। रावण ने मंदोदरी को वचन दिया कि केवल मंदोदरी ही उनकी प्रमुख पत्नी और लंका की महारानी होगी। मंदोदरी से विवाह के उपहार स्वरूप मायासुर ने रावण के लिए सोने की लंका का निर्माण किया।
  • एक कथा यह भी है कि रावण की मृत्यु एक खास बाण से हुई थी। इस बाण की जानकरी मंदोदरी ने ही हनुमान जी को दी थी। 

 

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