दीपावली पांच दिनों का महापर्व है, जो की धनतेरस से लेकर भाई दूज तक चलता है। भाई दूज के दिन पूजा का विसर्जन होता है। बहुत से लोगों को यह नहीं पता होता है कि दीपावली पूजा के लिए रखे हुए चांदी के सिक्के, लक्ष्मी गणेश की मूर्ति, चढ़े हुए फूल और अक्षत का क्या करना है। अधिकतर लोग इसे उठाकर फेंक देते हैं, नहीं तो किसी पेड़ के नीचे रख देते हैं। बता दें कि दीपावली पूजन में जब आप मूर्ति की स्थापना करते हैं और फूल एवं अक्षत चढ़ाकर पूजा करते हैं, तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। वहीं आप पूजन के बाद मूर्ति और पूजन सामग्री को कहीं भी रख देते हैं तो मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं। इसलिए मां लक्ष्मी की कृपा अपने जीवन में बनाए रखने के लिए इन उपायों का पालन करें।
दीपावली पूजन में चढ़े हुए सामग्री का क्या करें
- दीपावली पूजन में चढ़े हुए चावल, फूल, कुमकुम और धनिया को कहीं भी रखने के बजाए एक लाल कपड़ा लें।
- लाल कपड़े में चांदी का सिक्का, चावल, फूल, कुमकुम और धनिया को डालकर बांध लें।
- बांधने के बाद पोटली को हाथ में लेकर मां लक्ष्मी से प्रार्थना करें और प्रणाम कर तिजोरी में रखें।
नदी और तालाब में करें विसर्जित
- यदि लक्ष्मी गणेश की मिट्टी की मूर्ति और सभी चढ़े हुए फूल, बेलपत्र, दूर्वा और अक्षत को भी लाल कपड़े में रखें।
- रखने के बाद मां लक्ष्मी से प्रणाम करें और कहें कि हे मां लक्ष्मी विधि पूर्वक पांच दिन के पूजन के बाद हम आपके मूर्ति को जल में विसर्जित करने जा रहे हैं।
- लेकिन आप यही हमारे घर में गणपति जी (गणपतिपूजन विधि) के साथ विराजित रहें और अपनी कृपा बनाए रखें।
- प्रणाम और निवेदन के बाद मूर्ति और फूल अक्षत को किसी जलाशय में विसर्जित करें।
- ध्यान रखें कि पानी शुद्ध और साफ हो आसपास किसी भी प्रकार की गंदगी न हो नहीं तो माता लक्ष्मी नाराज हो जाएंगी।
- यदि आपके आस पास जलाशय या नदी तालाब नहीं है तो आप किसी गमले में थोड़ी मिट्टी डालें और उसमें ही फूल अक्षत को रखें और मूर्ति को भी रखकर पानी डालें।
- पानी डालकर और मिट्टी डालें और अच्छे से गलाकर उसमें कोई पौधा लगा सकते हैं।
- इससे चढ़े हुए पूजन सामग्री और मूर्ति का अपमान नहीं होता है।
सोने चांदी की मूर्ति का क्या करें
- बहुत से लोग पूजन के बाद मूर्ति का दान कर देते हैं, लेकिन आप दीपावली पूजन किए हुए मूर्ति को किसी को दान न दें और उसे अपने पास ही संभाल कर रखें।
- सोने चांदी की मूर्तियों को पहले गंगाजल में स्नान करवा लें फिर उसे दोबारा मंदिर और तिजोरी में स्थापित कर सकते हैं।
- ध्यान रहे मूर्तियों को दोबारा तिजोरी और मंदिर में रखने से पहले विधि विधान से पूजा कर लें और मां लक्ष्मी से प्रणाम करें।
मूर्ति और अक्षत फूल के साथ भूलकर भी ऐसा न करें
- दीपावली पूजन के बाद बहुत से लोग मूर्ति और अक्षत फूल को पेड़ के नीचे रख देते हैं, बता दें कि ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है (लक्ष्मी पूजा विधि)।
- ऐसा करने से मनुष्य परेशानी में पड़ सकता है और मां लक्ष्मी घर से चली जाती है और 5 दिन का यह दीपावली पूजन निष्फल हो सकती है।
- इसके अलावा सूर्यास्त के समय या उसके बाद विसर्जन न करें।
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Image Credit: Freepik
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