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history of roothi rani of jaisalmer marwar

शादी की रात राजा को दासी के साथ देख रूठ गई थी मारवाड़ की रानी, एक पल में सुना दी थी जिंदगी भर की सजा

क्या आप जानते हैं कि मारवाड़ की रूठी रानी बहुत ही फेमस हैं। आखिर क्यों उनके नाम से ज्यादा उनका रूठ जाना फेमस है। 
Editorial
Updated:- 2022-07-14, 12:40 IST

भारत का इतिहास बहुत ही ज्यादा समृद्ध रहा है और हज़ारों प्रेम कहानियां हमारे देश के इतिहास का बहुत बड़ा हिस्सा हैं। कई राजा-रानी हमारे इतिहास को अपनी प्रेम कहानियों से समृद्ध किए हुए हैं। पर क्या आप जानते हैं कि राजस्थान की एक ऐसी कहानी है जो प्रेम नहीं बल्कि गुस्से से जुड़े हुई है। एक रानी का गुस्सा जो राजा को जिंदगी भर भुगतना पड़ा। ये कहानी है उमादे भटियाणी उर्फ रूठी रानी की। राजकुमारी उमादे ने शादी की पहली ही रात राजा को दासी के साथ देख लिया था और फिर जिंदगी भर के लिए उन्हें एक सज़ा दे दी थी।

राजा की लाखों मिन्नतों के बाद भी वो मानी नहीं और हमेशा के लिए उन्हें अकेलेपन का दुख दे दिया। उनका गुस्सा इतना प्रसिद्ध हो गया कि उन्हें 'रूठी रानी' कहा जाने लगा।

1530 के दशक की है ये कहानी

ये कहानी शुरू होती है 1530 के दशक से जब जोधपुर राज्य के राजा मालदेव अपनी राज्य सीमा चारों तरफ बढ़ा रहे थे। राजा राव मालदेव पहले से ही शादीशुदा थे और उस वक्त के चक्रवर्ती राजा माना जाता था।

राजा अपनी सीमाएं बढ़ाने के लिए बहुत इच्छुक था और इसलिए उसने जैसलमेर पर आक्रमण करना चाहा। इस बारे में जैसलमेर के राजा को भनक पड़ गई और राव लूणकरण ने युद्ध को टालने के लिए शादी की बात सोची। राजा लूणकरण ने अपनी बेटी उमादे की शादी मालदेव से करवाने का प्रस्ताव दिया।

roothi rani ka qila

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बेहद खूबसूरत थीं राजकुमारी उमादे

उस दौर में एक से बढ़कर एक खूबसूरत राजकुमारियां राजघरानों में थीं, लेकिन फिर भी रानी उमादे की खूबसूरती बहुत ही प्रसिद्ध थी। रानी उमादे ना सिर्फ सुंदर थीं बल्कि वो बेहद चतुर भी थीं।

राजा मालदेव ने अपने जीवनकाल में कई युद्ध जीते थे और उन्हें अपने पति के रूप में पाकर उमादे बहुत ही खुश थीं। शादी की रात को जैसलमेर के राजा ने बारातियों के स्वागत के लिए बहुत से इंतजाम किए थे और राजा मालदेव ने बहुत नशा भी कर लिया था।

roothi rani of jaisalmer

कहानी के अनुसार उमादे के साथ दहेज में कई दासियां भी आई थीं और उसमें से एक दासी भारमली बेहद खूबसूरत थी। जब शादी की रात नशे में धुत्त राजा रानी के कमरे में नहीं आया तो उमादे ने भारमली को ही उन्हें लाने भेजा।

राजा भारमली को देख खुश हो गए और उसे अपने पास ही बैठा लिया। नशे में धुत्त राजा ये भूल ही गया था कि उसकी पत्नी उसका इंतज़ार कर रही है। जब बहुत देर बाद भी राजा अपनी पत्नी के पास नहीं आया तब उमादे खुद राजा को लेने गई।

वहां उन्होंने राजा को दासी के साथ देखा और उन्हें ये अपने आत्मसम्मान पर ठेस लगी। उन्होंने राजा की इस हरकत पर उन्हें सज़ा दी।

roothi rani and dasi ki kahani

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रानी ने दी राजा को ऐसी सज़ा

राजकुमारी उमादे ने राजा को अलगाव की सज़ा दी। रानी ने उसी वक्त अपने आत्मसम्मान को ऊपर रखा और राजा से कहा, 'तुम मेरे लायक नहीं हो।' उन्होंने अपने घर में ही रहने का फैसला किया और वो अपने घर पर ही रह गईं।(ऐसे बनें सशक्त महिला)

जब सुबह राजा का नशा उतरा तो उन्होंने रानी से माफी मांगने की बहुत कोशिश की, लेकिन रानी नहीं मानी। रानी ने जिंदगी भर राजा का मुंह नहीं देखा। पर रानी ने एक पत्नी के रूप में सारे रिवाज निभाए और राजा की मृत्यु के बाद सती होकर अपनी जान दी।

क्योंकि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी रूठे हुए ही बिता दी इसलिए उनका नाम रूठी रानी के नाम से प्रसिद्ध हो गया। रूठी रानी की ये कहानी आपको कैसी लगी ये हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

Image Credit: Wordpress/ sarita/ wikimedia

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