राजस्थान को कई ऐतिहासिक महलों के लिए जाना जाता है। राजस्थान के लगभग हर जिले में ऐसे कई ऐतिहासिक स्थान और इमारत है, जिन्हें देखने और वहां घूमने के लिए देश के साथ-साथ विदेशी सैलानी भी समय-समय पर आते रहते हैं। राजस्थान के जोधपुर जिले में एक ऐसा ही भवन या महल है जो हर सैलानी को आश्चर्यचकित कर देता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं 'उम्मेद भवन पैलेस' के बारे में। उम्मेद भवन पैलेस राजस्थान के जोधपुर में स्थित एक बेहद ही शानदार और खूबसूरत महल है। भारत के मध्य काल में निर्मित यह महल अपने इतिहास और बेहतरीन संरचना के लिए पूरे विश्व भर में विख्यात है। आज इस लेख में हम आपको इस महल से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं।
जोधपुर में स्थित उम्मेद भवन पैलेस का निर्माण उस समय के महाराजा उम्मैद सिंह ने वर्ष 1929 से शुरू करवाया और यह महल साल 1943 में बनकर पूरा हुआ था। कहा जाता है कि यह महल दुनिया के सबसे बड़े निजी महलों में से एक है। कहा जाता है कि इस महल को बनाने में लगभग तीस हज़ार से भी अधिक लोगों ने दिनरात मेहनत करके इसका निर्माण किया है। एक अनुमान के तहत इस भवन के निर्माण में लगभग 11 मिलियन रूपये की लगत लगी थी। आज यह महल जोधपुर के सबसे बड़े आकर्षक पर्यटन स्थलों में से भी एक है।
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कहा जाता है कि इस भवन का निर्माण कराने के पीछे कई वजह थी। लेकिन, कई लोगों का मानना है इस पैलेस के निर्माण कराने के पीछे मुख्य उद्देश्य लोगों का भला करने के लिए था। कहा जाता है कि उस समय राज्य को कई महीनों तक सूखे का सामना करना पड़ा था, जिस वजह से राज्य के किसान और मजदुर काफी परेशान थे। इस परेशानी को देखते हुए महाराजा ने बेरोजगारी और भुखमरी में बचने के लिए इस महल का निर्माण करवाया, ताकि प्रजा को रोजगार मिल सके और भोजन भी।(जोधपुर की शान है मेहरानगढ़ किला)
पैलेस के बारे में कहा जाता है कि वास्तुकार हेनरी वॉन लानचेस्टर को इस महल की डिजाइन के लिए काम को सौंपा गया था। बलुआ पत्थर और संगमरमर से तैयार यह महल मध्यकाल का एक अद्भुत कला का एक जीता-जागता उदहारण है। कई जगह इस महल को बनाने के लिए लकड़ी का भी इस्तेमाल किया गया है। कहा जाता कि इस महल में लगभग 347 कमरे, कई दरबार हॉल, स्विमिंग पूल, पुस्तकालय, बिलियर्ड रूम और शानदार निजी भोजन कक्ष भी मौजूद है।(जोधपुर जाते वक्त रखें इन बातों का ख्याल)
कहा जाता कि उम्मेद भवन पैलेस मौजूदा समय में तीन हिस्सों में विभाजित है। पहला-रॉयल निवास, दूसरा-उम्मेद भवन पैलेस म्यूजियम और तीसरा-उम्मेद भवन पैलेस होटल। रॉयल निवास को शाही परिवार का घर माना जाता है। कहा जाता है कि यहां किसी भी आम आदमी को जाने की अनुमति नहीं है। उम्मेद भवन पैलेस म्यूजियम में मध्यकाल के कई तस्वीरों, स्मृति चिन्ह, तलवार, बर्तन आदि को रखा गया है। उम्मेद भवन पैलेस होटल-कहा जाता है इस महल के एक हिस्सों को साल 1971 में होटल में तब्दील कर दिया गया, जिसमें लगभग 70 से अधिक कमरे हैं। कहा जाता है कि यहां के कमरों की कीमत लगभग 22,000 प्रति रात है।
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घूमने के लिए इस महल में भारतीय पर्यटकों के लिए 30 रूपये, बच्चों के लिए 10 रुपये और विदेशी सैलानी के लिए 100 रूपये टिकट की कीमत हैं। यहां आप सुबह नौ बजे से लेकर शाम के पांच बजे के बीच कभी भी घूमने के लिए जा सकते हैं।
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