बिहार देश की पावन धरती मानी जाती है। यहां देश की बड़ी-बड़ी शख्सीयतों ने जन्म लिया जैसे कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जयप्रकाश नारायण, नागार्जुन, रामधारी सिंह दिनकर आदि। सिविल सर्विस पास कर आईएएस और आईपीएस बनने वालों में सबसे बड़ी तादाद बिहारियों की ही होती है। लेकिन बिहार का नाम कई और वजहों से भी चर्चा में रहता है। बिहार के लोगों को लेकर देश के अन्य राज्यों में एक खास छवि है, जो प्रगतिशील होने के बजाय स्टीरियोटाइप है। बिहार में एक दशक पहले जो कुछ सामाजिक और राजनीतिक स्थितियां रहीं, उन्हीं के आधार पर यहां के बाशिंदों को लोग एक तय सांचे में बांध दिया गया। आइए ऐसे ही कुछ स्टीरियोटाइप्स की बात करते हैं, जो बिहार वासियों की असल छवि से कोसों दूर है, लेकिन इनके आधार पर बिहार के लोगों को अक्सर कई तरह के कमेंट और मजाक झेलने पड़ते हैं-
एक समय में बिहार में लॉ एंड ऑर्डर व्यवस्था काफी ज्यादा चरमराई हुई थी और वहां से आए-दिन किडनैपिंग, मर्डर, फिरौती जैसे मामले सामने आते थे। अब जबकि हालात पहले की तुलना में बहुत बदल चुके हैं, तब भी बिहार से आए यंगस्टर्स को स्टीरियोटाइप वाले ताने सुनने पड़ते हैं। अक्सर लोग मजाक में उन्हें कह देते हैं कि उनके पास कुछेक ऑप्शन ही तो हैं-क्राइम पॉलिटिक्स, यूपीएससी और ऑटो चलाना। बिहार से आए पढ़े-लिखे यंगस्टर्स को जब ये ताने सुनने को मिलते हैं तो वे शर्म से पानी-पानी हो जाते हैं।
बिहार के लोकलाइट्स अक्सर मैं को हम कहते हैं, हालांकि यह अंदाज लखनऊ में भी देखने को मिलता है। लेकिन इससे अक्सर उनसे बात करने वाले कन्फ्यूज हो जाते हैं कि किसी एक की बात हो रही है या फिर कई लोगों की।
बिहार से आने वाले टैलेंटेड लोगों की कमी नहीं है, लेकिन अपराध के लिए भी बिहार कुख्यात है। इसी विरोधाभास को लोग अपने मजाक में शामिल कर लेते हैं। अपने मजाक में वे अक्सर लोगों से पूछ देते हैं, 'तुम बिहारी हो, तुम्हारे घर कितने आइएएस हैं और कितने किडनैपर्स?'
बिहार में भोजपुरी का काफी बोलबाला है। तो भोजपुरी टोन वाले गाने काफी पसंद किए जाते हैं मसलन मनोज तिवारी का गाया 'जिया हो बिहार के लाला', वहीं पवन सिंह का गाया गाना जब लगावेलू तू लिपिस्टिक अमूमन हर डांस या सिंगिंग शो में सुनाई दे जाता है। अक्सर बिहार से आई लड़कियों से लोग कह देते हैं, 'तुम्हारा फेवरेट सॉन्ग हमें पता है, वही है ना-जब लगावेलू तू लिपिस्टिक,हिलेला आरा डिस्ट्रिक्ट'
होली, दीवाली और छठ के खास मौकों पर बिहार के रहने वाले चाहे जहां भी रहते हों, अपने घर जरूर आते हैं। और भीड़ इतनी ज्यादा हो जाती है कि लोग ट्रेन की छत पर पर भी जाकर बैठ जाते हैं। ट्रेन की छत पर बैठने पर एक्सीडेंट होने का डर जरूर लगता होगा, लेकिन बिहार के लोग अपनी मिट्टी से इतना प्यार करते हैं कि वे हर हाल में यहां पहुंचना चाहते हैं। इसी जज्बे को देखकर कुछ लोग लड़कों से पूछ बैठते हैं-जब तुम लोग ट्रेन से सफर करते हुए ट्रेन की छत पर बैठ जाते हो तो तुम्हें डर नहीं लगता? मर्डर तो देखे ही होंगे? बिहार में छोटी-छोटी बात पर लोगों की हत्या जैसे संगीन मामले सामने आते हैं। इस कारण लोगों में दहशत जरूर होती है लेकिन दूसरे राज्यों में रहने वाले बिहारियों पर तंज भी कस देते हैं कि उन्होंने अपने आसपास मर्डर तो देखे ही होंगे।
नोट: ये कमेंट्स सिर्फ मनोरंजन के उद्देश्य से लिखे गए हैं।
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