Chiranjeevi Statement:साउथ इंडियन एक्टर चिरंजीवी ने हालही में अपनी फिल्म ‘ब्रह्म आनंदम’ के प्री-रिलीज इवेंट के दौरान पोते की चाहत को बयां करते हुए एक स्टेटमेंट दिया था। वर्तमान में यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल चिरंजीवी के बेटे राम चरण और बहू उपासना की एक बेटी है, जिनके साथ मस्ती की तस्वीरें वह आए-दिन अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर करते रहते हैं। बता दें, कि फिल्म प्रमोशन इवेंट के दौरान एक्टर ने कहा कि ‘जब मैं घर पर होता हूं तो मुझे ऐसा नहीं लगता कि मैं अपनी पोतियों के आसपास हूं। मुझे लगता है कि मैं तो हॉस्टल वार्डन हूं जो कई सारी महिलाओं के बीच घिरा हुआ हूं। मैं उम्मीद करता हूं और रामचरण से कहता हूं कि कुछ नहीं तो कम से कम एक बेटा तो हो, जो हमारी लेगेसी को आगे बढ़ाने काम करें।'
इस स्टेटमेंट के बाद से एक्टर लगातार ट्रोल हो रहे हैं। इस बयान के बाद एक सवाल उठता है कि क्या 21वीं सदी में भी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बेटों की जरूरत होती है, जबकि समाज में महिलाओं की स्थिति अब बहुत बदल चुकी है?
21वीं सदी में भी पुरानी सोच...
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चिरंजीवी के इस बयान के बाद इंटरनेट तमाम कमेंट आ रहे हैं, जिसमें यूजर्स कह रहे हैं, कि यह पुराने दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें माना जाता था कि केवल बेटों ही परिवार या व्यवसाय की विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं। यह विचारधारा उन पारंपरिक सोचों से जुड़ी है,जो लंबे समय से हमारे समाज में मौजूद हैं। लेकिन, आज की दुनिया में यह धारणा धीरे-धीरे बदल रही है। महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही हैं, चाहे वह राजनीति हो, व्यापार हो, या फिल्म इंडस्ट्री हो। लेकिन इसके बाद भी आज समाज का एक समूचा हिस्सा विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बेटे पर ही निर्भर होते हैं। हम सब ने कभी न कभी अपने परिवार, रिश्तेदारों और आस-पड़ोस के लोगों को यह कहते हुए सुना तो जरूर होगा कि बेटे के चक्कर में चार बेटियां हो गई।
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क्या आज भी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बेटे की जरूरत?
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अब ऐसे में सवाल यह आता है कि अगर समाज का यह बड़ा हिस्सा अगर ऐसी सोच रखता है, तो सामान्य और गरीब आदमी की क्या ही बात करें। आज के समय में यह सवाल उठाना वाजिब है कि क्या विरासत को आगे बढ़ाने के लिए बेटों की जरूरत है। क्या बेटियां अपने पिता की लेगेसी को आगे नहीं बढ़ा सकती हैं। पहले के समय के लोगों की सोच थी कि परिवार की जिम्मेदारियों और विरासत को केवल बेटे ही संभाल सकते हैं, लेकिन 21वीं सदी में महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी क्षमता और काबिलियत साबित की है। बेटा हो या बेटी हर कोई अपनी मेहनत और टैलेंट से परिवार की प्रतिष्ठा और विरासत को आगे बढ़ा सकते हैं। बहुत सी महिलाएं आज हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं और विरासत को न सिर्फ आगे बढ़ा रही हैं, बल्कि उसे नई दिशा भी दे रही हैं।
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