नई GST दरें लागू होने के बाद आम जनता को महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद है। 22 सितंबर 2025 से रसोई का राशन, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और कई अन्य जरूरी वस्तुएं सस्ती हो सकती हैं। त्योहारों से पहले सरकार की इस पहल को ‘दिवाली बंपर गिफ्ट’ के रूप में देखा जा रहा है, जिससे घर का बजट कम होगा और बचत की संभावना भी बढ़ेगी। आम लोगों के लिए यह बदलाव एक बड़ी राहत लेकर आ सकता है, खासकर उन परिवारों के लिए जो आने वाले त्योहार पर बड़ी खरीदारी की योजना बना रहे हैं और जिनको शादी की शॉपिंग करनी है। आइए जानते हैं किन चीजों पर कम होगा टैक्स और कितना सस्ता होगा आपका शॉपिंग बिल।
इन वस्तुओं पर अब कोई GST नहीं देना होगा, यानी ये और सस्ती हो जाएंगी:
कम टैक्स वाली श्रेणी में आम उपभोग की चीजें आएंगी, जो अब थोड़ी और सस्ती होंगी:
ये वस्तुएं पहले 28% GST की श्रेणी में थीं, लेकिन अब 18% पर आ गई हैं:
मीना गुप्ता, कानपुर के बिरहाना रोड इलाके में रहने वाली एक मध्यम वर्गीय गृहिणी हैं। उनके परिवार में पति, दो बच्चे और बेटा-बहू हैं। हर महीने का राशन संभालते हुए उन्हें हर चीज की कीमत का पूरा हिसाब रखना पड़ता है। वही कहती हैं "पहले सिर्फ राशन का बिल ही 10 हजार रुपये से ऊपर चला जाता था।अब जब सरकार ने दाल, आटा, चावल और तेल जैसी जरूरी चीजों पर GST हटा दिया है, तो हमें कम से कम 1000 रुपये तक की मासिक राहत मिलेगी। त्योहारों के टाइम पर ऐसी राहत बहुत बड़ी बात है। इससे ना सिर्फ बचत होगी, बल्कि बच्चों के लिए कुछ एक्स्ट्रा खरीदने सामान खरीदने का मौका भी मिल जाएगा। "
जीएसटी दरें कम होने के बाद अब मीना जैसी लाखों गृहणियां उम्मीद कर रही हैं कि आने वाले समय में और भी घरेलू वस्तुओं पर टैक्स कम किया जाए, ताकि महंगाई के इस दौर में थोड़ी और राहत मिल सके।
चलिए हम आपको एक टेबल के माध्यम से दिखाते हैं कि कैसे घर का बजट कम हो सकता है:
सामान | मासिक खपत | पुराना GST (5%) | नया GST (0%) | बचत |
दूध | 2000 रुपये | 100 रुपये | 0 रुपये | 100 रुपये |
आटा | 800 रुपये | 40 रुपये | 0 रुपये | 40 रुपये |
दाल | 1200 रुपये | 60 रुपये | 0 रुपये | 60 रुपये |
चावल | 1000 रुपये | 50 रुपये | 0 रुपये | 50 रुपये |
सब्जियां | 1500 रुपये | 75 रुपये | 0 रुपये | 75 रुपये |
खाने का तेल | 1800 रुपये | 90 रुपये | 0 रुपये | 90 रुपये |
" इससे देश का टैक्स सिस्टम आसान होगा और अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलेगी। अब सिर्फ दो टैक्स स्लैब – 5% और 18% होंगे, जिससे व्यापारियों के लिए काम आसान होगा, उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ेगा और आम लोगों पर खर्च का बोझ कम होगा। यह फैसला हाल ही में अमेरिका द्वारा लगाए गए टैक्स (टैरिफ) के असर को भी कम करेगा।"
- शेनु अग्रवाल, एमडी और सीईओ, अशोक लेलैंड
"यह सुधार नागरिकों और व्यापारियों पर टैक्स का बोझ कम करेगा। इससे मुनाफा बढ़ेगा, काम की उत्पादकता बढ़ेगी और निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे देश की अर्थव्यवस्था और तेजी से आगे बढ़ेगी। छोटे व्यापारियों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखने से उन्हें टैक्स से जुड़ी परेशानियों से राहत मिलेगी और वे अपना पूरा ध्यान व्यापार बढ़ाने पर लगा सकेंगे। जरूरी चीजों की कीमतें कम होने से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को सीधा फायदा होगा और टैक्स नियमों का पालन करना भी आसान होगा।"
- आशीषकुमार चौहान, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)
उम्मीद है कि आपको भी इस नई जीएसटी दरों से खूब फायदा होगा। तो आप आने वाले वक्त में कुछ नया खरीदना चाहती हैं, तो 22 सितंबर तक का इंतजार कर लें। यह जानकारी पसंद आई हो तो इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें इसी तरह और भी यूटिलिटी वाली आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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