इस साल कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर को पड़ रही है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार एक शुभ अवसर है और इस अवसर पर लोग पवित्र गंगा नदी में डुबकी लगाने के साथ कई अन्य तरीकों से भी भगवान का पूजन करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन दान पुण्य का भी विशेष महत्त्व है।
शास्त्रों की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा का चांद अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होता है इसलिए इस दिन चंद्र दर्शन का भी अपना अलग महत्व है। लेकिन इस साल कार्तिक पूर्णिमा का चांद कुछ ख़ास है क्योंकि इस दिन पूर्णिमा तिथि के साथ चंद्र ग्रहण भी लग रहा है। यह चंद्र ग्रहण आम ग्रहण की तरह नहीं है बल्कि सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण है जिसका असर भी लगा होने वाला है। आइए जानें क्यों ख़ास है कार्तिक पूर्णिमा के दिन पड़ने वाला चंद्र ग्रहण और क्या है इसकी खासियत?
19 नवंबर 2021 कार्तिक पूर्णिमा का चंद्र ग्रहण
19 नवंबर को लगने वाला ग्रहण आंशिक चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया इसे लगभग पूरी तरह से ढक देगी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक आंशिक चंद्रग्रहण 3 घंटे 28 मिनट तक रहेगा। इस दौरान चांद का 97 फीसदी हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढका रहेगा। चूंकि यह ग्रहण सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहणहै, इसलिए दुनिया के अधिकांश लोग इस ग्रहण को देख सकेंगे। हालांकि भारत में यह ग्रहण अपने समापन के समयपर थोड़ी ही देर के लिए दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार 11:32 बजे शुरू होगा और आंशिक चंद्र ग्रहण दोपहर 12:48 बजे शुरू होगा। ग्रहण दोपहर 2:32 बजे अपने चरम पर होगा और आंशिक ग्रहण शाम 4:17 बजे समाप्त होगा। क्षितिज के नीचे होने के कारण ग्रहण इनमें से किसी भी समय भारत में दिखाई नहीं देगा। लेकिन, पीनम्ब्रल ग्रहण के शाम 5:33 बजे समाप्त होने की उम्मीद है और इस समय तक चंद्रोदय हो चुका होगा, जिसका अर्थ है कि उत्तर भारत के कुछ हिस्सों और अधिकांश पूर्वी भारत के लोग चंद्र ग्रहण का केवल एक छोटा सा हिस्सा ही देख पाएंगे।
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नासा ने की है ये भविष्यवाणी
नासा की भविष्यवाणी के अनुसार सदी का सबसे लंबा आंशिक चंद्रग्रहण 19 नवंबर यानी कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन उत्तरी अमेरिका में शानदार दृश्यता के साथ दिखेगा। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि ग्रहण 3 घंटे 28 मिनट तक चल सकता है - इस दौरान चंद्रमा का 97% भाग लाल रंग में दिखाई देगा। यह ग्रहण 2001 और 2100 के बीच किसी भी अन्य ग्रहण से अधिक लंबा होने की संभावना है। पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच 19 नवंबर के शुरुआती घंटों में गुजरेगी, जो बाद में छाया डालेगी। नासा ने कहा कि यह ग्रहण 18 और 19 नवंबर को होगा और दुनिया भर के लोग अपने समय क्षेत्र के आधार पर अलग-अलग समय पर एक झलक देख सकेंगे। लेकिन नासा के अनुसार, अमेरिका के पूर्वी तट पर रात के समय 2-4 AM से सबसे अच्छा दृश्य देखने को मिलेगा। यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, पूर्वी एशिया, प्रशांत क्षेत्र और ऑस्ट्रेलिया से भी दिखाई देगा। इस ग्रहण के अलावा, 2021 और 2030 के बीच कुल 20, आंशिक और उपच्छाया ग्रहण होंगे। जो लोग आकाशीय घटना को अपने घरों से नहीं देख पाएंगे, वे इसे नासा की लाइव स्ट्रीम पर भी देख सकते हैं।
🌝 There's a partial lunar eclipse this month—but that's not the only thing to watch out for in the night skies of November!
— NASA (@NASA) November 2, 2021
Look out for the Pleiades star cluster, and Jupiter and Saturn drawing ever-closer together. https://t.co/prbgoFyqMbpic.twitter.com/CcJZvPd0gs
इन देशों में दिखेगा चंद्र ग्रहण
19 नवंबर को खण्डग्रास चंद्र ग्रह दिन के 12:48 बजे से शाम 16:17 बजे तक रहेगा। ऐसे में भारत के अन्य भागों में इस चंद्र ग्रहण का कोई असर नहीं होगा। उत्तर पूर्वी क्षेत्र में भी अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सीमान्त क्षेत्र में चंद्रोदय के समय थोड़ी अवधि के लिए ही यह ग्रहण दिखाई देगा। लेकिन अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, एशिया,ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, इंडोनेशिया,थाईलैंड,चीन एवं रूस सहित अन्य देशों में चंद्र ग्रहण पूरी तरह से दिखाई देगा।
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क्या होता है चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में चला जाता है। यह तब भी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा अन्य दो के बीच पृथ्वी के साथ बिल्कुल या बहुत निकट संरेखित हों और ऐसा केवल पूर्णिमा की रात को ही हो सकता है। चंद्र ग्रहण का प्रकार और लंबाई चंद्रमा की अपनी कक्षा के किसी भी नोड से निकटता पर निर्भर करती है। पूरी तरह से ग्रहण किए गए चंद्रमा को कभी-कभी अपने लाल रंग के लिए ब्लड मून कहा जाता है, जो पृथ्वी के कारण सीधे सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुंचने से रोकता है। चंद्रमा की सतह से परावर्तित एकमात्र प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा अपवर्तित किया गया है। यह प्रकाश इसी कारण से लाल दिखाई देता है जिस कारण सूर्यास्त या सूर्योदय होता है।
इस प्रकार सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण वास्तव में कुछ ख़ास होगा और कार्तिक पूर्णिमा के दिन होने की वजह से इसका महत्त्व और अधिक बढ़ जाएगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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Image Credit: pixabay and unsplash
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