हर साल की तरह लोग इस साल भी बेसब्री से बजट आने का इंतजार कर रहे हैं। 8 फरवरी को बजट आने वाला है। खासतौर पर इस बार के बजट से महिलाएं बहुत सारी उम्मीदें लागएं बैठी हैं। जाहिर है घर चलाने की जिम्मेदारी जो महिलाओं के कंधे पर होती है। सबसे ज्यादा घर का बजट रसोई के खर्चों पर डिपेंड करता है। सब्जियां, मसाले और एपलाइंसेज सस्ते हो रहे हैं या मेहंगे। यह सब कुछ निर्भर करता यूनियन बजट पर। इसलिए महिलाओं को हमेशा से ही बजट का बेसब्री से इंतजार रहता है। हरजिंदगी टीम ने फाइनेंस एक्सपर्ट अर्विंद सेन से यह जानने की कोशिश की कि इस बार आने वाले बजट में रसोई के खर्चों पर महिलाएं लगाम कस पाएंगी या नहीं? इस सवाल के जवाब में अरविंद सेन ने कहा, ‘बीते वर्ष किचन को बजट में टार्गेट नहीं किया गया था। मगर इस बार उम्मीद की जा रही है कि बजट में रसोई के खर्चों को कम करने के लिए स्थाई कोष बनाए जाएंगे।’
किस काम आएगा स्थाई कोष
अगर बजट में रसोई के लिए निर्धारित राशि का स्थाई कोष बनाया जाता है तो इसका सीधा असर महिलाओं के किचन बजट पर पड़ेगा। महिलाएं महंगाई की दबाव से कुछ उबर पाएंगी और कुछ बचत कर पाएंगी। अरविंद जी बताते हैं, ‘स्थाई कोष से आशय है कि कुछ निर्धारित राशि को सरकार एक ऐसे फंड में रखेगी जिसका यूज तब होगा जब कोई वस्तु देश में कम हो जाएगी और उसका आयात किया जाएगा। यदि ऐसा होता है तो रसोई का बजट डगमगाए का नहीं क्योंकि किसी भी वस्तु की कमी पर ही उसकी कीमतें बढ़ती हैं। अगर सरकार इसमें हस्तक्षेप करे और बजट में ऐसा कोई कोष बना दे तो किसी वस्तु की कमी होने पर सरकार उसे आयात कर सकती है और उस वस्तु के दाम भी नहीं बढ़ेंगे।’
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प्याज, टमाटर और आलू के सस्ते होने की उम्मीद
इस वर्ष जिस तरह से प्याज की आसमान छूते दामों ने महिलाओं के घर के पूरे बजट को हिला कर रख दिया उसे देखते हुए इस बात की उम्मीद की जा सकती हैं कि इस वर्ष बजट में प्याज, टमाटर और आलू की कीमतों पर लगाम कसने के लिए सरकार एक अलग फंड तैयार कर सकती है। यहां यह भी हो सकता है कि जो फंड रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की पूर्ती के लिए बनाया जाए उसी में प्याज, टमाटर और आलू को भी शामिल कर दिया जाए। अरविंद जी कहते हैं, ‘हर दो साल में प्याज, टमाटर और आलू के उत्पादन में उछाल आता है। इस बाद देश ने इसी परेशानी का सामना किया है। इसलिए उम्मीद जताई जा सकती हैं कि इस वर्ष इनकी कीमतों में उतार चढ़ाव को रोकने के लिए सरकार पहले से ही कोई ठोस कदम उठा ले।’
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बढ़ेगी गैस की कीमतें
अगर आप गैस की बढ़ती कीमतों से परेशान हैं और आपको उम्मीद है कि इस वर्ष गैस की बढ़ी कीमतों में कुछ राहत मिलेगी तो शायद यह सोचना वाजिब नहीं होगा। अरविंद जी बताते हैं, ‘ गैस रसोई का सबसे मुख्य सामान है। मगर, बेती कुछ समय से गैस के दाम बढ़ ही रहे हैं। इस बार भी बजट में गैस के दाम में राहत मिलने की कम गुंजाइश नजर आ रही है। खासतौर पर जिन 10 सिलैंर्ड्स पर सबसिडी मिल रही थी अब उनके भी दाम बढ़ सकते हैं। दरअसल देश में 80 प्रतिशत गैस आयात की जाती है। ऐसे में एलपीजी के दामों के सस्ता होने की उम्मीद करना व्यर्थ है। इतना ही नही भारत में जो भी सरकारी पैट्रोलियम कंपनियां हैं उनकी प्राइवेट होने पर शायद गैस से सबसिडी भी खत्म कर दी जाए।’ Budget Expectations 2020: हेल्थ से जुड़ी इन योजनाओं पर रहेगी सब की नज़र
अब ऑनलाइन भी कम ही मिलेंगे डिस्काउंट
भारत में ई-कॉमर्स का अच्छा खासा नेटवर्क है। मगर इस बार बजट में हो सकता है कि इनको भी नुकसान ही पहुंचे। बहुत समय से मंत्रालय में इस बात पर बहस चल रही है और ई-कॉमर्स के लिए बने नियमों में बदलाव की डिमांड की जा रही है। अरविंद जी बताते हैं, ‘ हो सकता है कि वर्ष 2020 के बजट के बाद सरकार ऑनलाइन ट्रेडर्स की संख्या में कमी कर दे।
यदि ऐसा होता है तो आपको जो डिस्काउंट्स ऑनलाइन शॉपिंग पर मिल जाते हैं उनमें काफी गिरावट आ जाएगी। खासतौर पर ग्रॉसरी आइटम्स पर कम ही डिस्काउंट मिलेंगे। वहीं एप्लाइंसेज भी मेहंगे हो जाएंगे। ’
वैसे महिलाओं की रसोई सीधे तौर पर किसानों से जुड़ी होती हैं। अगर इस बार बजट में में किसानों के लिए सरकार कुछ अच्छे ऑफर्स लाती है या फिर कोल्ड स्टोरेज बनाने की बात होती है तो भी रसोई के बजट पर लगाम कसी जा सकती है।
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