हनुमान जी के भक्तों के लिए आज बड़ा दिन है। पुरे देश में हनुमान जयंती मनाई जा रही है। शास्त्रों के मुताबिक चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन हर वर्ष हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस बार की हनुमान जयंती ज्योतिष शास्त्र के आधार पर भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बार सूर्य, बुध और शुक्र ग्रह मेष राशि बने रहेंगे और राहु वृषभ में और केतु वृश्चिक राशि में रहेंगे।
देखा जाए तो हनुमान जयंती पर ग्रहों का यह योग शुभ संकेत देता है।
उज्जैन के पंडित मनीष शर्मा कहते हैं, ' हनुमान जयंती पर हनुमान चालीसा का पठा जरूर करें। इससे आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।' पंडित जी ने यह भी कहा, ' हनुमान चालीसा पढ़ना बेहद आसान है। इसे पढ़ने के कोई विशेष नियम नहीं हैं। आप इसे कभी भी और कहीं भी पढ़ सकते हैं। बस आपका मन शुद्ध होना चाहिए।'
इस वर्ष हनुमान जयंती 26 अप्रैल और 27 अप्रैल को पूरे भारत वर्ष में मनाई जाएगी। अगर आप भगवान हनुमान के भक्त हैं और हनुमान जयंती के दिन उनकी पूजा करना चाहते हैं तो आप 26 अप्रैल की दोपहर 12 बज कर 44 मिनट से लेकर 27 अप्रैल रात 9 बजे तक हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं। इस शुभ मुहूर्त में आप भगवान हनुमान और शनि देव दोनों की पूजा कर सकते हैं।
हनुमान जी का रोज पाठ करने पर आप भयमुक्त बनेंगे। हनुमान चालीसा को पढ़ना एक तरह का मेडिटेशन है। इसे पढ़ने से आप अपने दिमाग को केंद्रित रखना सीखते हैं और अपनी इंद्रियों को नियंत्रित कर पाते हैं। अगर आपको बुरे सपने आते हैं या फिर आप तनाव में रहते हैं तो हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपको बहुत राहत मिलती है। पंडित जी कहते हैं, ' ऐसा लोग कहते हैं कि हनुमान चालीसा पढ़ने से अड़चने दूर हो जाती हैं। मगर ईश्वर भी मदद उनकी करता है जो खुद की मदद करते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप में आत्मविश्वास आए और इसके लिए मन और दिमाग का स्थिर होना जरूरी है। हनुमान चालीसा पढ़ने से तनाव दूर होता है और मन भी शांत होता है।'
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पंडित मनीष शर्मा कहते हैं, ' हनुमान चालीसा भगवान हनुमान की स्तुति है। स्तुति का मतलब तारीफ करना होता है। क्या आप जब किस व्यत्कि की तारफी करते वक्त समय के बारे में विचार करते हैं। इसी तरह हनुमान चालीसा में भगवान हनुमान की तारीफ लिखी है और इसे आप किसी भी वक्त पढ़ सकते हैं। बस आपका मन शुद्ध होना चाहिए। सुबह, रात या दिन किसी भी समय आप हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं। मगर जब हनुमान चालीसा पढ़ें तो आपका ध्यान उसी पर होना चाहिए।'
पंडित जी कहते हैं, ' आप चलते-फिरते, उठते-बैठते या लेटे हुए भी हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं। मगर जब आप समशान में हों या फिर शौचालय में हों तब हनुमान चालीसा न पढ़ें। इसके साथ ही आपको मदिरापान करते वक्त भी हनुमान जी का स्मरण नहीं करना चाहिए और न ही हनुमान चालीसा पढ़नी चाहिए।'
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