हिंदू धर्म में कई देवी देवताओं की आराधना की जाती है। भगवान हनुमान की पूजा का भी हिंदू धर्म में खास महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के आधार पर मंगलवार के दिन बजरंगबली के भक्त अपने आराध्य की विशेष पूजा करते हैं। साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ भी करते हैं। हनुमान जी के भक्त पुरुष हों या महिलाएं सभी हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। मगर क्या आपको पता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने के कुछ नियम और कायदे होते हैं।
यदि आप बजरंगबली के भक्त हैं और उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो, हनुमान चालीसा का पाठ करते वक्त इन खास नियमों का जरूर पालन करें।
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पहला नियम
जो लोग भगवान हनुमान के भक्त हैं , उन्हें हनुमान चालीसा तो अच्छी तरह याद होगी ही। याद होने की वजह से कई लोग हनुमान चालीसा को मन ही मन दोहरा कर पूजा कर लेते हैं। ऐसे लोगों को पूरी हनुमान चालीसा दोहराने में मात्र 2-3 मिनट ही लगते हैं। मगर जल्दबाजी में वह चालीसा में लिखें कई पदों को गलत तरह से बोल जाते हैं। यह तरीका सही नहीं है। हनुमान चालीसा की चौपाइयों को शांत मन से बैठ कर एक पद को देख देख कर मुंह से बोल कर पढ़ना चाहिए। इससे आप चालीसा में लिखे हर पद को अच्छे से बोल सकेंगी।
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दूसरा नियम
हनुमान चालीसा पढ़ने का दूसरा महत्वपूर्ण नियम है कि आप चालीसा को दिन में तीन बार पढ़ें। सबसे पहले आपको सुबह नहा कर साफ सुथरे कपड़े पहनने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए और इसके बाद दोपहर में फिर रात में सोने से पहले भी एक बार हनुमान जी का पाठ करना चाहिए। महिलाओं को हनुमान जी उपवास नहीं रखना चाहिए क्योंकि पीरियड्स की वजह से यदि वह किसी मंगलवार उपवास नहीं रख पातीं तो व्रत खंडित हो जाता है। इसलिए महिलाओं को केवल हनुमान जी का पाठ करना चाहिए।(यह भी पढ़ें: हनुमान जी को लगाएं 5 भोग)
तीसरा नियम
महिलाओं को हनुमान जी को छूना मना होता है क्योंकि वह ब्रह्मचारी थे। इसलिए महिलाएं न तो हनुमान जी को वस्त्र चढ़ा सकती हैं और न ही वे जल से हनुमान जी को स्नाना करा सकती हैं। मगर बिना जल चढ़ाए कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती हैं इसलिए महिलाओं को हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले अपने सामने एक कलश में पानी भर कर रख लेना चाहिए और चालीसा पढ़ने के बाद उस जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण कर लेना चाहिए।(यह भी पढ़ें:हनुमान जी के इस अनोखे मंदिर की रोचक कहानी)
चौथा नियम
हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए किसी भी स्थान का चुनाव न करें। शास्त्रों के अनुसार पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर हनुमान जी का पाठ करना चाहिए। इसलिए घर की जगह ऐसे मंदिर जाएं जहां पीपल के पेड़ की छाव हो और वहां बैठ कर हनुमान जी का पाठ करें। कहते हैं कि देवी लक्ष्मी और शनि देव दानों को ही पीपल का पेड़ प्रिय है। अगर पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर हनुमान जी का पाठ किया जाए तो भगवान हनुमान के साथ ही देवी लक्ष्मी और शनि देव का भी आशीर्वाद मिलता है।(यह भी पढ़ें: हनुमान जी पर क्यों चढ़ाते हैं सिंदूर)
पांचवा नियम
हनुमान चालीसा का पाठ करते वक्त लाल रंग के वस्त्र पहनें और उन्हें गुड़ या बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं। महिलाएं इस बात का भी ध्यान रखें कि हनुमान जी को प्रणाम करते वक्त सिर न झुकाएं क्योंकि हनुमान जी सभी महिलाओं को मां के स्थान पर रखते हैं।इसके साथ ही पूरे दिन मन ही मन ‘राम-राम’ का जाप करें।
अगली बार जब आप हनुमान चालीसा का पाठ करें तो इन नियमों को जरूर ध्यान में रखें। धर्म से जुड़ी और भी बातों को जानने के लिए जुड़े रहें HerZindagi से।
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