क्या वाकई एक राजपूत राजा ने दिया था मुगल बादशाह बाबर को भारत आने का न्यौता? किसने लिखी थी वह एक चिट्ठी, जिसने बदल दिया भारत का इतिहास

इन दिनों देश में औरंगजेब की कब्र, संभाजी महाराज के बलिदान और मुगल शासकों के इतिहास को लेकर काफी उथल-पुथल मची हुई है। इतिहास के पन्ने पलटे जा रहे हैं और कई ऐसी बातें भी सामने आ रही हैं, जिनसे काफी लोग अनजान हैं। हाल ही में एक नया दावा सामने आया है, जिसके मुताबिक एक राजपूत राजा ने मुगल बादशाह बाबर को भारत बुलाया था।
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भारत का इतिहास काफी समृद्ध रहा है। राजा-महाराजाओं से लेकर ऐतिहासिक इमारतों तक, हमारे देश के इतिहास में काफी कुछ ऐसा है, जिसे जानना-समझना बहुत जरूरी है। मुगल, मराठा और राजपूतों ने लंबे समय तक भारत के अलग-अलग हिस्सों पर राज किया। मुगलों ने लगभग 3 शताब्दियों तक भारत पर शासन किया था। कहा जाता है कि मुगल साम्राज्य की स्थापना साल 1526 में बाबर ने की थी। मुगल भारत में कहां से आए और क्यों यही आकर बस गए, यह सवाल पिछले कुछ वक्त से काफी चर्चा में है। मुगल शासक औरंगजेब और मुगलों के इतिहास पर भी काफी बातें की जा रही हैं। हाल ही में एक नया दावा सामने आया है, जिसके मुताबिक एक राजपूत राजा ने मुगल बादशाह बाबर को भारत बुलाया था। क्या वाकई ऐसा है, कौन थे यह राजा और क्या यह यह किस्सा, चलिए आपको बताते हैं।

क्या राणा सांगा ने चिट्ठी लिखकर बाबर को बुलाया था भारत?

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भारत के इतिहास को इतिहासकार अलग-अलग तथ्यों और दृष्टिकोण के साथ पेश करते हैं और इसलिए कई ऐसी बातें है, जो एक-दूसरे से मेल नहीं खाती हैं। कई इतिहासकार बताते हैं कि राणा सांगा ने चिट्ठी लिखकर बाबर को भारत आने का न्यौता दिया था। लेकिन, इसे लेकर कई अलग-अलग थ्योरी मिलती हैं। कई इतिहासकार कहते हैं कि बाबर ने अपने प्रतिद्वंदी इब्राहिम लोदी के खिलाफ गठबंधन की उम्मीद में राणा सांगा को संपर्क किया था क्योंकि राणा सांगा ने लोदी को 18 बार हराया था। राणा सांगा शुरु में इसके लिए राजी थे लेकिन बाद में वह पीछे हट गए। वहीं, कुछ इतिहासकार कहते हैं कि राणा सांगा ने बाबर को बुलाने के लिए यह पत्र नहीं लिखा था बल्कि पंजाब के गर्वनर दौलत खान ने दिल्ली के सुल्तान को हराने के लिए, बाबर के सामने भारत आने की पेशकश की थी।

इस तरह पड़ी थी भारत में मुगल साम्राज्य की नींव

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बाबरनामा में राणा सांगा ने इस पत्र का जिक्र है। लेकिन, ज्यादातर इतिहासकार इसे सही नहीं मानते हैं। कहा यह भी जाता है कि जब पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराया था और उसके बाद मुगल साम्राज्य की नींव पड़ी थी। इसके बाद महाराणा सांगा और बाबर के बीच लड़ाई शुरू हुई थी। बताया जाता है कि पहले युद्ध में जहां राणा सांगा ने बाबर को मात दी थी। वहीं, बाद में राणा सांगा की हार हुई थी।

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Image Courtesy: Meta AI

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