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महिला सुरक्षा को बढ़ावा दे रही है दिल्ली की फीमेल मोटरबाइक पुलिस यूनिट

दिल्ली की सड़कों वुमन सेफ्टी के लिए तैनात ऑल फीमेल मोटरसाइकिल पुलिस यूनिट की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगा सकती हैं कि इसके बनने के बाद महिला अपराधों में 30 फीसदी की कमी आई है।
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-07-20, 17:08 IST

नए आंकड़ों की मानें तो दिल्ली की नई ऑल फीमेल मोटरसाइकिल पुलिस यूनिट महिलाओं पर अत्याचार और उन्हें डराने धमकाने के मामलों से प्रभावशाली तरीके से निपट रही है। इस 'रफ्तार यूनिट' में करीब 40 महिला पुलिस ऑफिसर हैं, जो मोटरबाइक पर चलती हैं। ताजा आंकड़ों से पता चला है कि इस यूनिट की बदौलत राजधानी में महिलाओं पर होने वाले हैरसमेंट में 30 फीसदी की कमी आई है। यह यूनिट फरवरी में बनी थी और तब से अब तक दिल्ली के कई हिस्सों में छेड़छाड़, पीछा करने और महिलाओं को डराने-धमकाने के मामलों में कमी दर्ज की गई है। 

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देश की राजधानी में सड़कों पर छेड़छाड़ एक आम समस्या है, इससे निपटने के लिए कई महिला संगठन और पुलिस हेल्पलाइन के जरिए मदद मुहैया करा रहे हैं। निर्भया मामले के बाद महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूर 2017 से फरवरी 2018 तक 233 क्राइम अगेंस्ट वुमन दर्ज किए गए थे। जब इस यूनिट की शुरुआत हुई थी, तब महिला अपराध का आंकड़ा गिरकर 163 तक पहुंच गया था। 

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महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में आई कमी

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आला पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मोटसाइकिल टीम ने महिलाओं को पीछा करने वालों और सेक्शुअल प्रिडेटर्स से सुरक्षा मुहैया कराई है। साथ ही यह यूनिट यूनिवर्सिटी कैंपस, शॉपिंग मॉल, मेट्रो स्टेशन और पार्कों में, जहां महिलाओं की संख्या आमतौर पर ज्यादा रहती है, की विशेष निगरानी करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दो हफ्ते पहले साकेत में कुछ लोग एक महिला का पीछा कर रहे थे, तभी इस यूनिट ने उस महिला को मेट्रो की तरफ दौड़ते देखा। उन्होंने तुरंत इस महिला का बचाव किया।

इसी तरह डियर पार्क के हरे-भरे इलाके में एक 20 साल की लड़की का एक अनजान शख्स पीछा कर रहा था। इस टीम ने इस लड़की को उस शख्स से बचाया और सुरक्षित उसके घर तक पहुंचाया। 

 

कड़ी ट्रेनिंग से गुजरी हैं यूनिट की महिलाएं

इस स्क्वॉड के इंचार्ज एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस विजयंता आर्य का कहना है, 'हम परेशानी में पड़ने वाली हर लड़की पर नजर रखते हैं। कई मामलों में टीम की महिला सदस्यों ने पीछा करने वालों को धर-दबोचा है और लड़कियों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाया है। हमने इस टीम में बेहद जोशीली और एनर्जेटिक महिलाओं को शामिल किया है, जिन्हें अनजान लोगों से मुकाबला करने के लिए कड़ी ट्रेनिंग दी गई है। इस टीम की सदस्य पीड़िता को सुरक्षित होने का अहसास भी बखूबी कराती हैं।' इस स्क्वॉड की सदस्य मोबाइल वायरलैस सेटों से लैस हैं, वे अकेले जा रही लड़कियों को सुरक्षित माहौल देने के लिए अपनी ड्यूटी से आगे बढ़कर जिम्मा उठाती हैं। इस टीम का उद्देश्य ना सिर्फ महिलाओं को सुरक्षा देना है, बल्कि महिलाओं के साथ होने वाले हीनियस क्राइम्स में भी कमी लाना है।'

 

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