कहानी में अब तक- सुहानी अपने घर की समस्याओं के कारण परेशान होती है। उसके लिए जरूरी है कि वो नौकरी करती रहे, लेकिन जिस तरह के हालात ऑफिस में उसके सीनियर्स ने बना रखे हैं, उनके कारण सुहानी का ऐसे काम करना मुश्किल हो रहा था। एक बार नाइट शिफ्ट के दौरान मनोज नाम के सीनियर ने उसे हाथ लगाने की कोशिश कर दी। ऐसे में दूसरे डिपार्टमेंट की एक लड़की ऊर्वशी ने उसे कुछ सलाह दी और अब जानिए आगे...
सुहानी अपना आपा खोकर बोले जा रही थी। उसे लग रहा था कि जिस तरह से उसके साथ हो रहा है, अगर वो यहां रुकी तो पागल हो जाएगी। ऐसे में घर की मजबूरियों के आगे सुहानी ने अपने स्वाभिमान के बारे में सोचा। 'अगर आपको लगता है कि आपकी इन बातों से मैं डर जाऊंगी, तो ऐसा नहीं होगा। आप लोग मेरे साथ जो कर रहे हैं वो हैरेसमेंट है और ये लगातार हो रहा है। अब मैं चुप नहीं रहूंगी।' सुहानी ने कहा।
'तुझे जो करना है कर ले, आज ही तेरी शिकायत करते हैं हम। फिर देखना तुझे कैसे नौकरी से निकाला जाता है,' विकास ने कहा और मनोज अभी भी सुहानी को गुस्से में देख रहा था। 'सुहानी, तूने बहुत गलत पंगा ले लिया। तू नौकरी छोड़, अभी जो तूने पूरा महीना काम किया है ना, उसकी सैलरी भी नहीं मिलेगी तुझे। तू देख बस अब...' मनोज अपनी बात कह ही रहा था कि बाहर से कोई आ गया। मनोज और विकास दोनों ने ही ये नहीं सोचा होगा कि कैसे सुहानी ने उनके खेल में उन्हें ही फंसा दिया।
दरअसल, सुहानी ने जब बोलना शुरू किया, तो वह अपने फोन पर लाइव स्ट्रीम ऑन कर रही थी। मनोज और विकास दोनों को ये पता नहीं था कि सुहानी ने पूरे ऑफिस के ग्रुप में इन दोनों की बातें वायरल कर दी थीं। जो इंसान इस वक्त ऑफिस के अंदर आ रहा था, वो इस कॉल सेंटर का मालिक था। प्रमोद सर अंदर आए और विकास और मनोज के सामने खड़े हो गए। 'हां जी बताएं, आप क्या कह रहे थे? नौकरी का क्या किया जाएगा? किसे सैलरी नहीं मिलेगी?' उनका इतना कहते ही विकास और मनोज दोनों ही कुछ भी नहीं कह पाए।
दोनों ने ही एक सुर में बोलना शुरू कर दिया, 'सर आप किसी बात पर यकीन ना कीजिए। इसने आपको यहां बुलाया है ना? हमने तो कुछ भी नहीं किया, हम बस इसे समझा ही रहे थे और ये लड़की सीधे हमारे ऊपर इल्जाम लगाने लगी। इसने धमकी भी दी कि हमें पुलिस के पास ले जाएगी। हम सालों से यहां हैं सर, हमारी बात का यकीन कीजिए।' 'आपको क्या लगा था? आप कुछ भी करते रहेंगे और किसी को पता भी नहीं चलेगा? आपकी सारी बातें पूरे ऑफिस ने लाइव स्ट्रीम पर सुन ली हैं। मैं तो आ गया हूं, एचआर हेड भी आते ही होंगे, अब आप दोनों की रिपोर्ट मैं बनाने वाला हूं,' प्रमोद सर ने उन दोनों से कहा।
'सुहानी, मुझे माफ करना कि मैं अपने ही ऑफिस में लड़कियों की सिक्योरिटी के लिए कुछ नहीं कर पाया। ये मेरी चूक है और इसे अब मैं ही सुधारूंगा। तुम इतने समय से इतनी परेशान थीं, तो तुम्हें इनकी शिकायत करनी चाहिए थी। हमारे ऑफिस में POSH कमेटी भी है। तुम उसका फायदा उठा सकती थीं,' प्रमोद सर ने कहा।
'सर उस कमेटी का एक मेंबर खुद विकास है। हमारे ऑफिस में आज तक एक भी केस ऐसा नहीं आया जहां किसी को सेक्शुअल हैरेसमेंट के खिलाफ बनी इस कमेटी से सजा मिली हो। सर मेरे डर की वजह मेरी मजबूरियां थीं, लेकिन भला किसी लड़की को ऑफिस में काम करने के लिए इतना डरना क्यों पड़ रहा है? आप खुद सोचिए कि ऐसी कमेटी का क्या मतलब अगर किसी को कोई फायदा ही नहीं होता? आज ऊर्वशी ने मुझे हिम्मत दी, तो मैं ये लाइव स्ट्रीम कर पाई और आप यहां आए। पर क्या कोई सोचता है कि रोजाना आपके ऑफिस में काम करने वाली लड़कियों की क्या हालत होती है?' सुहानी ने अपने मन की सारी बातें कह दीं।
इतने देर में एचआर हेड भी वहां आ गए। विकास और मनोज को तत्काल रूप से ऑफिस से निकाल दिया गया था। सुहानी ने ऊर्वशी का शुक्रिया किया और सारे प्रोसेस पूरे किए। आधिकारिक तौर पर उन दोनों के खिलाफ शिकायत भी कर दी थी।
आज जिस तरह से सुहानी ने अपने लिए कदम उठाया था, वो तारीफ के काबिल था। ऐसे ही ना जाने कितनी लड़कियां अपने साथ हो रहे शोषण का जवाब नहीं देती हैं और रोजाना सहती हैं, लेकिन ये सही नहीं है।
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