कहानी अब तक- मनु के ससुराल वाले काला जादू कर रहे हैं, मनु को अलग चीजें दिख रही हैं और एक बच्चा मनु को बार-बार दिखता है, वह उसे एक डायरी देता है जिसमें किसी संध्या के बारे में लिखा है, मनु को ये भी पता है कि उसके ससुराल वाले उसकी बली चढ़ाने वाले हैं। वह यज्ञ वेदी के सामने है और खंजर भी दिख रहा है। मनु को वह साया भी दिख रहा है... अब आगे...
वह साया छटपटा सा रहा था, किसी कारण वह उस कमरे की दहलीज को पार नहीं कर पा रहा था। उस बच्चे की अस्थियां भी वहीं उसी कमरे में पहुंच गई थीं और वह अपनी मां की रूह के पीछे खड़ा रो रहा था। आज इन दोनों को नष्ट किया जाना था। संध्या के अपराधियों ने उसे हमेशा के लिए मिटाने की साजिश कर दी थी। मनु के माथे पर तरह-तरह की राख लगाई जा रही थी, उस तुलसी के पौधे की मिट्टी भी लगाई गई थी। पंडित जी तरह-तरह के मंत्र बोल रहे थे। मनु को बेहोशी छा रही थी कि अचानक दरवाजे पर दस्तक हुई। ऐसा लगा मानो कोई जोर-जोर से दरवाजा खटखटा रहा हो। इतनी रात को कौन आ सकता है? दस्तक रुकी नहीं और फिर धाएं... गोली की आवाज और दरवाजा जोर से खोल दिया गया।
अंदर पुलिस आ गई और मनु के माता-पिता। वहां चल रही कारस्तानी देखकर लोगों को समझने में देर नहीं लगी कि क्या हो रहा है। मनु की मां ने उसे गले से लगा लिया और वहां से उठा दिया, पर मनु ने चिल्ला कर कहा रुको। उसे दो आत्माओं को मुक्त करना था। मनु ने उस दरवाजे पर गड़ी हुई कील को निकालने की कोशिश की, लेकिन वह निकल नहीं रही थी। उसके ससुराल वाले चिल्लाने लगे कि ऐसा ना करे, लेकिन उसने नहीं सुनी और बाद में एक पुलिस वाले ने मिलकर उस कील को निकाल दिया। वह साया और वह बच्चा बाहर आ गया।
वह सिर्फ मनु को दिख रहा था। बाकियों ने देखा कि अचानक बृज को हार्ट अटैक आ गया है और वह वहीं मर गया, लेकिन मनु देख पा रही थी कि संध्या ने उसे मारा है। मनु और उसके ससुराल वालों के अलावा, एक और इंसान था जो उस साए को देख पा रहा था। वही पुलिस वाला जिसने वह कील हटाई थी।
वह और कोई नहीं सूरज था। संध्या का साया अब साफ दिखने लगा था। संध्या की शक्ल दिख रही थी। उसका बेटा भी उसके साथ था और उसने पहली बार मुस्कुराया था। दोनों अपने आप आसमान की ओर जा रहे थे और दोनों कहीं खो गए। भोर होने को थी, पुलिस और एम्बुलेंस दोनों ही घर के दरवाजे पर खड़ी थी। आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी भी आ गए थे। लक्ष्मी, बुआ, स्वाति, रोहन और बबलू सभी जेल जा रहे थे। रोहन कुछ पगला सा गया था और बार-बार 'मनु आई लव यू, मुझसे शादी करोगी... दोहरा रहा था।'
मनु अपने घर जा रही थी। एक दो दिन बाद मनु को स्टेटमेंट के लिए पुलिस स्टेशन जाना था। वहां उसे पूरी कहानी का पता चला। दरअसल, सूरज को पता चल गया था कि संध्या को कैद कर लिया गया है, लेकिन यह नहीं पता था कि वह उसी घर में है। सूरज ने संध्या के साथ हुई घटना का जिम्मेदार खुद को माना और पुलिस में भर्ती हो गया।
'संध्या को मारने के बाद उसकी लाश भी उन लोगों ने वहीं गाड़ दी थी, आंगन में ही। खुदाई के बाद हमें वह मिल गई,' सूरज ने मनु को बताया। 'मनु आपको पता नहीं है आपने क्या किया है। संध्या के साथ क्या हुआ वह जानने के लिए ही मैंने यह काम करना शुरू किया। मैं किसी भी हाल में संध्या को खोजना चाहता था और कई बार उसके घर के चक्कर भी लगाए, अलग-अलग तरह से घर के अंदर जाने की कोशिश भी की, लेकिन कुछ भी पता नहीं चला।' सूरज ने बताया।
दोनों उस सेल में गए जहां लक्ष्मी कैद थी और उससे जानकारी लेने की कोशिश की। लक्ष्मी ने कहा, 'अगर तू ना होती, तो मेरा घर बर्बाद ना होता। इतनी मेहनत की थी, अपनी बहन को मारा, संध्या को रास्ते से हटाया, उसके बेटे को मारा, लेकिन तू नहीं मर पाई। मेरे बृज को खा गई, रोहन को तुझपर दया ना आई होती, तो मेरे बृज आज जिंदा होते और संध्या हमेशा के लिए चली गई होती।' लक्ष्मी की बात सुनकर मनु सकते में थी।
दरअसल, जब मनु ने पुलिस को फोन मिलाया था, तब सूरज ने ही वो फोन उठाया था और मनु का एक सेंटेंस ही उसके लिए काफी था। उसने पता लगाने की कोशिश की कि घर में बहू कौन है और उसे मनु के बारे में पता चला। मनु के माता-पिता को उसने बताया और वो बेटी की जान बचाने के लिए पहुंच गए। मनु की मां वैसे भी उसके पास जाने के बारे में सोच रही थी क्योंकि उन्हें लग रहा था कि उनके सपोर्ट के बिना शायद मनु के साथ कुछ गलत हो जाए।
कुछ दिनों बाद मनु ने अपनी जिंदगी फिर से शुरू कर दी। वह अपने ससुराल की घटना को भूल जाना चाहती थी। उसने एक एनजीओ ज्वाइन किया जहां ससुराल द्वारा प्रताड़ित बहुओं की मदद की जाती थी। इस काम में सूरज ने भी मनु का साथ देना शुरू कर दिया। सूरज के रूप में मनु को एक दोस्त मिला था। मनु अब कभी शादी नहीं करना चाहती थी, उसके साथ जो हुआ वह कभी उसके बारे में याद नहीं करना चाहती थी। मनु की जिंदगी अब वापस ढर्रे पर आने लगी थी।
समाप्त.....
डिस्क्लेमर: यह कहानी फिक्शन है और हरजिंदगी किसी भी तरह के काले जादू और भूत-प्रेत की बातों को प्रमोट नहीं करता है। यह कहानी सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए है।
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