Rani Gaidinliu: नागालैंड की रानी लक्ष्मीबाई जिसने बिना बंदूक अंग्रेजों से किया था युद्ध

Rani Gaidinliu Struggle Story: रानी गाइदिन्ल्यू ने अपने समाज को गांधीवाद विचारधारा से अवगत कराने का बीड़ा उठाया था। इन्हें नागालैंड की 'लक्ष्मीबाई' कहा जाता है।

 
What were the problems faced by tribals during British rule

Women's Day 2024: भारत को ब्रिटीश शासन के चंगुल से आजाद कराने के लिए पुरूषों की तरह महिलाओं ने भी अहम भूमिका निभाई। भारत की आजादी की बात हो और वीरांगनाओं का जिक्र न हो तो ऐसा हो नहीं सकता। इनमें से कई स्वतत्रंता सेनानी ऐसे हैं जिनके बारे में हम सभी को नहीं पता और वे इतिहास के पन्नों में खो गए हैं। ऐसा ही एक नाम रानी गाइदिन्ल्यू का है, जिन्हें नागालैंड की रानी लक्ष्मीबाई कहा जाता है।

नागालैंड की 'रानीलक्ष्मी बाई'

nagaland rani laxmibai

रानी गाइदिन्ल्यू मणिपुर की रहने वाली थी। इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्तवपूर्ण भूमिका निभाई थी। 13 साल की उम्र में रानी गाइदिन्ल्यू अंग्रेजो के खिलाफ मैदान में उतर गई। उस आंदोलन का नाम 'हेराका' था।। 'हेराका आंदोलन' का लक्ष्य नागालैंड की विभिन्न जनजातियों की पारंपरिक धार्मिक मान्यताओं औऱ सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखना था। हैपोउ जादोनां (जादोनाग) का के आंदोलन करने के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 29 अगस्त, 1931 को उन्हें फांसी की सजा दे दी गई। हैपोउ जादोनां के बाद इस आंदोलन की बागडोर रानी गाइदिन्ल्यू के हाथ में आ गई। गांधी द्वारा अंग्रेजों के खिलाफ चलाए जा रहे टैक्स की कई बातों को सुना था। इस बात से अवगत होने के कारण उन्होंने ब्रिटीश सरकार को कर न देने की घोषणा की। (रेप कानून को बदलने में इस महिला ने निभाई अहम भूमिका)

'गुरिल्ला युद्ध' का किया ऐलान

gurilla war nagaland tribal

ब्रिटीश सरकार के खिलाफ रानी गाइदिन्ल्यू ने कई कड़े नियम कानून बनाएं और जेलियांग्रांग कबीले के लोगों को एकजुट कर आंदोलन में शामिल किया। 17 साल की उम्र में रानी ने अंग्रेजो के खिलाफ 'गुरिल्ला युद्ध' का एलान कर दिया। 18 मार्च, 1932 को हान्ग्रुम गांव में 50 से 60 लोगों ने अंग्रेज सिपाहियों पर हमला बोल दिया। अंग्रेज सिपाहियों के हाथ में बंदूक तो वहीं जेलियांग्रांग कबीले के लोगों के हाथ में भाले और तीर-धनुष था जिसके कारण ये लोग उनके सिपाहियों के आगे कमजोर पड़ गए। इस युद्ध के बाद नागालैंड की रानी लक्ष्मीबाई छिप गई। 17 अक्टूबर साल 1932 को रानी गाइदिन्ल्यू को गिरफ्तार कर लिया गया। (भारत की पहली महिला सिंगर)

इसे भी पढ़ें- Women's Day 2024: भारत की पहली वनस्पति वैज्ञानिक महिला से जुड़ी खास बातें

आजादी तक रानी ने झेली जेल की सजा

tribal freedom fighter story

साल 1933 से लेकर 1947 तक रानी गाइदिन्ल्यू जेल में रहीं। उन्हें गुवाहटी, शिलांग, आइजोल, तुरा के जेलों में रखा गया।

इस आर्टिकल के बारे में अपनी राय भी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। साथ ही,अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हर जिन्दगी के साथ

Image credit- Wikipedia

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP