Women's Day 2024: भारत की पहली वनस्पति वैज्ञानिक महिला से जुड़ी खास बातें

India First Botanist Scientist Janki Ammal: जानकी अम्मल उन महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने देश के बदलाव के लिए अहम भूमिका निभाई। चालिए जानते हैं कि उनके बारे में पूरी बात।

 

first Indian woman botanist

Women's Day: भारत के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य की बात करें,तो उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर आता है। गन्ने की अलग-अलग प्रजातियां देशभर में पाई जाती है। लेकिन क्या आपको पता है कि गन्ने की इन प्रजातियों को किसने विकसित किया। इस लेख में आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने गन्ने की 12 से अधिक प्रजातियों को विकसित किया।

भारत की पहली वनस्पति वैज्ञानिक महिला

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देश का गन्ना उगाने वाले लाखों किसानों में से बहुत से लोग जानकी अम्मल के बारे में नहीम जानते होंगे। जानकी अम्मल भारत की पहली बोटनिस्ट थी, जिन्होंने शुगर केन की एक नहीं बल्कि 12 से अधिक वैरायटी को विकसित किया। जानकी अम्मल का जन्म साल 1897 में थालसेरी में हुआ था। 19 भाई-बहनों के परिवार में जानकी अम्मल दसवें नंबर पर थी। उनके पिता का नाम दीवान बहादुर ईके कृष्णन था। वह उस समय मद्रास प्रेसीडेंसी में उप-न्यायधीश के रूप में कार्यरत थे।

अमेरिका में पढ़ाई करने वाली भारत की पहली महिला

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जिस दौर में महिलाओं की साक्षरता दर 1 फीसद के करीब थी, जानकी अम्मल ने उस समय बॉटनी की पढ़ाई करने का फैसला लिया और पीएचडी करने के लिए अमेरिका चली गई। आपको बता दें कि जानकी अमेरिका से पढ़ाई करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इसके बाद जानकी ने कोयंटूबर के शुगर केन इंस्टिट्यूट में काम किया। इंपीरियल सुगरकेन इंस्टिट्यूट संस्थान गन्ने की किस्म डिवलेप करने के लिए स्थापित किया गया था। (जागर गाने वाली बसंती बिष्ट)

विज्ञान के क्षेत्र में दिया अहम योगदान

first Indian woman janaki ammal to become a botanist

जानकी अम्माल ने देश के अन्य विज्ञानियों के साथ मिलकर गन्ने की कई किस्मों को विकसित की,जो बीमारियों और सूखे की स्थिति में भी उग सकती थी। 1920 से पहले गन्ने की भारत में स्थिति कुछ खास नहीं थी। जानकी अम्माल ने गन्नों की क्रास ब्रीडिंग करके नई किस्मों को विकसित किया। 1945 में अम्मान ने सीडी डार्लिंगटन के साथ मिलकर ‘द क्रोमोजोम एटलस आफ कल्चर्ड प्लांट्स’नाम की बुक लिखी।

तत्कालीन प्रधानमंत्री जवारहलाल नेहरू ने आजादी के बाद देश से पलायन कर रहे विज्ञानी प्रतिभाओं को देश में रोकने और स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए जानकी से आग्रह किया और उन्होंने भारतीय बोटैनिकल सोसायटी का पुनर्गठन किया। 1977 में जानकी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। यह सम्मान पाने वालीं वे देश की पहली महिला विज्ञानी थीं। (भारत की पहली महिला कमर्शियल पायलट)

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Image credit- Wikipedia

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