कौन थी दुर्गाबाई देशमुख,जिन्होंने आंध्र महिला सभा का किया था गठन

Women's Day 2024: दुर्गाबाई देशमुख, एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थी,जो न केवल देश की सेवा के लिए आगे आई बल्कि महिलाओं की शिक्षा के लिए भी  काम किया। चलिए जानते हैं इनके बारे में।

Who is the founder of Durgabai Deshmukh Hospital

देश की सेवा और महिलाओं के हक के कई महिलाओं ने आवाज उठाई उसमें से एक नाम दुर्गाबाई देशमुख का भी है। दुर्गाबाई देशमुख का जन्म 15 जुलाई, 1909 को आंध्र प्रदेश के राजमुदंरी में हुआ था। दुर्गाबाई के पिता एक सोशल वर्कर थे जिनका नाम बीवीएन रामा राव और माता का नाम कृष्णावनम्मा था। दुर्गाबाई एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी के साथ कानून की पढ़ाई कर महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। साल 1953 में, उन्होनें भारत के तत्कालीन वित्त मंत्री चिंतामन देशमुख से दूसरी शादी की थी।

दुर्गाबाई देशमुख हुई थी बाल-विवाह कुप्रथा का शिकार

durgabai deshmukh

बाल विवाह का विरोध में खड़ी रहने वाली दुर्गाबाई देशमुख का विवाह 8 साल की उम्र में एक जमींदार से करा दी गई थी। लेकिन इन्होंने 15 साल की उम्र में खत्म कर दिया था। बाल विवाह जैसी कुप्रथा से निकलने के बाद दुर्गाबाई भारत को आजाद कराने में जुट गईं। इसके साथ ही उन्होंने देवदासी प्रथा का विरोध किया और महिलाओं के लिए हिंदी पाठशालाएं शुरू की। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से प्रभावित होकर इन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का मन बनाया। इस वजह से इन्हें 'जॉन ऑफ आर्क' भी कहा जाता है।

दुर्गाबाई देशमुख को हुई थी कालकोठरी की सजा

नमक सत्याग्रह के दौरान दुर्गाबाई देशमुख ने अहम भूमिका निभाई थी। स्वतंत्रता सेनानी टी प्रकाशन उस वक्त नमक सत्याग्रह आंदोलन की बागडोर संभाल रहे थे। उनके गिरफ्तार होने के बाद दुर्गाबाई ने इसकी बागडोर संभाली। अंग्रेजी सरकार ने गिरफ्तार करके 3 साल के लिए इन्हें कालकोठरी में कैद कर दिया गया था।

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1938 में किया 'आंध्र महिला सभा' का गठन

andra deshmukh sabha

समाजसेविका जननी के रूप में लोकप्रिय दुर्गाबाई ने महिलाओं के शिक्षा हेतु पहली योजना 'राष्ट्रीय महिला शिक्षा समिति' की अध्य़क्ष नियुक्त किया गया। इस समिति को दुर्गाबाई देशमुख समिति भी कहा जाता है। दुर्गाबई ने महिलाओं की स्वतंत्रता के लिए आंध्र महिला सभा की स्थापना की थी। दुर्गाबाई देशमुख को निम्म पुरस्कार 'पॉलजी हॉफमैन', 'नेहरू साक्षरता पुरस्कार','यूनेस्को पुरस्कार','पद्म विभूषण' आदि से सम्मानित किया गया था। दुर्गाबई देशमुख ने 'द स्टोन दैट स्पीकेथ' नामक किताब लिखीं। जबकि उनकी किताब 'आत्मकथा चिंतामन' और 'मैं 1981' में उनके निधन से एक साल पहले प्रकाशित हुई थीं। (भारत की पहली महिला पायलट)दुर्गाबाई का निधन 9 मई, 1981 को आंध्र प्रदेश में हुई थी।

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