Mahatma Gandhi के जीवन से जुड़ी हुई हैं ये खास बातें, आप भी जरूर जानें

हर साल 2 अक्टूबर को देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है। स्कूल-कॉलेजों, समेत विभिन्न जगहों पर गांधी जयंती के कार्यक्रम होते हैं। महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता भी कहा जाता है। 

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भारत में 2 अक्टूबर को हर साल महात्मा गांधी के नाम समर्पित किया जाता है जिन्होंने देश को हमेशा अहिंसा के रास्ते पर चलने की शिक्षा दी है। 2 अक्टूबर 1869 राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पोरबंदर गुजरात में जन्म हुआ था। गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी था जो कि राजकोट के दीवान थे और इनकी माता का नाम पुतलीबाई था। चलिए अब आपको महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताएंगे।

स्वास्थ्यकर्मी के तौर पर की थी लोगों की मदद

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गांधी जी का सिविल राइट्स आंदोलन कुल 4 महाद्वीपों और 12 देशों तक फैला हुआ था। दक्षिण अफ्रीका प्रवास के दौरान गांधी जी ने 1899 के एंग्लो बोएर युद्ध में स्वास्थ्यकर्मी के तौर पर लोगों की मदद की थी। उन्होंने युद्ध की विभीषिका देखी थी और अहिंसा के मार्ग पर चल पड़े थे।

विश्‍व के सबसे बड़े इनोवेटर स्टीव जॉब्स भी गांधी जी से काफी प्रेरित थे। इसलिए उन्हें सम्मान देने को गोल चश्मा पहना करते थे। अपने आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी 13 बार गिरफ्तार हुए। इस दौरान उन्होंने 17 बड़े अनशन किए थे।

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महात्मा गांधी जी से प्रभावित थे ये लोग

महात्मा गांधी से मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला जैसे नेता भी प्रभावित हुए। उन्होंने अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ी और महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन भी बापू से प्रभावित थे और महात्मा गांधी को 5 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था।

महात्मा गांधी के नोबल कार्यों को इस बात से समझा जा सकता है कि जिस देश से भारत को आजादी दिलाने के लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी और उसी ने उनके सम्मान में डाक टिकट जारी किया।इसे भी पढ़ें- Happy Gandhi Jayanti 2023: राष्ट्रपिता के जीवन से सीखें सफलता के 3 अहम मंत्र

गांधीजी ने इन आंदोलन से देश को दिलाई हिम्मत

गांधी जी ने नमक पर ब्रिटिश हुकूमत के एकाधिकार के खिलाफ 12 मार्च 1930 को नमक सत्याग्रह चलाया, जिसमें वे अहमदाबाद के पास स्थित साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों तक पैदल मार्च निकाला। देश की आजादी के लिए 'दलित आंदोलन', 'असहयोग आंदोलन', 'नागरिक अवज्ञा आंदोलन', 'दांडी यात्रा' और 'भारत छोड़ो आंदोलन' शुरू किए थे।

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image credit- freepik

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