अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ को हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की चीफ इकॉनमिस्ट के पद पर नियुक्त किया गया। भारतीय मूल की बेहद प्रतिभावान गीता ने देश का मान-सम्मान बढ़ाते हुए आईएमएफ में यह अहद पद हासिल किया है। गीता फिलहाल अमेरिकी नागरिक हैं। गौरतलब है कि गीता मौरीस ओब्सफेल्ड के स्थान पर इस जिम्मेदारी को संभालेंगी, जो इस साल के आखिर में रिटायर हो जाएंगे। आइए गीता की जिंदगी और उनकी उपलब्धियों के बारे में तफ्सील से जानते हैं-
गीता गोपीनाथ फिलहाल हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के पद पर हैं। आईएमएफ की 'रॉक स्टार' हेड ने गीता का अप्वाइंटमेंट करते हुए कहा कि गीता दुनिया के चुनिंदा अर्थशास्त्रियों में से एक हैं, जिनके पास असाधारण शैक्षिक योग्यता है और उनके ट्रैक रिकॉर्ड ने भी उनकी योग्यता साबित की है। यह भी भारत के लिए गौरवपूर्ण बात है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के बाद दूसरी बार किसी भारतीय को इस पद की जिम्मेदारी मिली है।
गीता का जन्म सन् 1971 में केरल में हुआ था और स्कूल पढ़ाई भी उन्होंने यहीं से की। इसके बाद गीता दिल्ली आ गईं और यहां के लेडी श्रीराम कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से इकनॉमिक्स में मास्टर्स किया। इसके बाद 2001 में उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में पीएचडी की डिग्री हासिल की थी।
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साल 2001 में गीता गोपीनाथ ने शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर का पद संभाल लिया और फिर साल 2005 में उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का रुख किया। साल 2010 में गीता यहां फुल टाइम प्रोफेसर बन गईं। पढ़ाने के साथ-साथ वह अमेरिकन इकोनॉमिक रिव्यू की को-एडिटर भी बन गईं।
गीता आईएमएफ के उस विभाग की डायरेक्टर बनी हैं, जिसका संस्था में सबसे अहम योगदान है। आईएमएफ का रिसर्च डिपार्टमेंट दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं पर स्टडी करके सदस्य देशों के लिए जरूरी नीतियों की रूपरेखा तैयार करता है।
गीता गोपीनाथ के पिता गोपीनाथ ने अपनी बेटी की इस बड़ी उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि वे अपनी बेटी की तरक्की से बहुत खुश हैं और जमकर जश्न मनाएंगे। हाल-फिलहाल में गीता अपने परिवार से मिलने बेंगलुरु भी आई थीं। उसी दिन उन्हें आईएमएफ चीफ की तरफ से कॉल आ गई। उन्होंने गीता को बताया कि उनका नाम इस पोस्ट के लिए अंतिम सूची में डाला गया है। गीता औपचारिक घोषणा होने तक यह बात गुप्त रखना चाहती थीं।
जब पति-पत्नी दोनों ही अर्थशास्त्री हों तो उनके घर-गृहस्थी कितनी अच्छी चलेगी। आपको यह जानकर खुशी होगी कि गीता के पति इक़बाल धालीवाल भी इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएट हैं। यही नहीं इक़बाल धालीवाल 1995 बैच के आईएएस टॉपर थे। बाद में इकबाल आईएएस की नौकरी छोड़ पढ़ाई के लिए प्रिंसटन चले गए थे। गीता अपने पति और एक बेटे से साथ कैम्ब्रिज में रहती हैं।
गीता ने अपनी कड़ी मेहनत और योग्यता के बल पर आईएमएफ की चीफ का पद हासिल किया। अगर हमारे देश की महिलाएं इसी तरह अपनी प्रोफेशनल लाइफ में आगे बढ़ने के लिए प्रयास करें तो महिला सशक्तीकरण को भी बल मिलेगा।
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