आजकल लोग अपनी फिटनेस को लेकर काफी सजग हो गए हैं और यही वजह है कि वे हर दिन वर्कआउट करना पसंद करते हैं। लेकिन वर्कआउट के बाद जब शरीर में थकान का अहसास होता है तो बस सीधा बिस्तर पर लेट जाने का मन करता है। हो सकता है कि आपको भी हर दिन ऐसा ही महसूस होता हो। लेकिन ऐसा करने से आपको अगली सुबह शरीर में दर्द से लेकर अकड़न का अहसास हो सकता है इस समस्या से बचने का एक आसान तरीका है स्ट्रेचिंग। स्ट्रेचिंग को अक्सर हम सभी नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन वर्कआउट के बाद पांच-दस मिनट लगाकर स्ट्रेचिंग करना बेहद जरूरी होता है।
दरअसल, जब हम एक्सरसाइज करते हैं, तो उस समय मांसपेशियां सिकुड़ती हैं और शरीर एक्टिव मोड में चला जाता है। ऐसे में अगर वर्कआउट के बाद स्ट्रेचिंग किए बिना सीधा आराम किया जाए तो फिर मसल्स में खिंचाव और जकड़न होना लाजमी है। स्ट्रेचिंग से ना केवल शरीर रिलैक्स होता है, बल्कि मसल्स की रिकवरी भी जल्दी होती है। तो चलिए आज इस लेख में पावरलिफ्टिंग में नेशनल रिकॉर्ड होल्डर और एनीटाइम फिटनेस के फिटनेस ट्रेनर विनय माहौर आपको कुछ ऐसी ही स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें वर्कआउट के बाद करना काफी अच्छा रहेगा-
अगर आपने लेग वर्कआउट या फिर कार्डियो जमकर किया है तो आपको आखिरी में हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच करना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाइए और फिर कमर से धीरे-धीरे आगे की तरफ झुकिए। इस दौरान कोशिश करें कि पैरों की उंगलियों को छू लें। हालांकि, अगर आप ऐसा नहीं कर पा रहे तो कोई बात नहीं। बस जितना हो सके, उतना नीचे जाने की कोशिश करें। 20-30 सेकंड तक ऐसे ही रुकें और फिर वापिस सीधे हो जाएं। यह स्ट्रेच हैमस्ट्रिंग, कमर और पिंडलियों की टाइटनेस को कम करता है।
स्क्वाट, लंजेस या साइकलिंग के बाद जांघों में अक्सर टाइटनेस आ जाती है। क्वॉड स्ट्रेच उन मसल्स को खोलने और अकड़न से बचाने में मदद करता है। क्वॉड स्ट्रेच करने के लिए आप एक पैर पर खड़े हो जाइए। अब दूसरे पैर को पकड़कर पीछे की ओर उठाइए और कूल्हे की तरफ लाइए। दोनों घुटनों को पास रखिए और हर पैर पर 20-30 सेकंड तक पकड़े रहिए। साइकलिंग के बाद जांघों में टाइटनेस आ जाती है। ये स्ट्रेच उन मसल्स को खोलने और अगले दिन अकड़न से बचाने में मदद करता है।
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वर्कआउट के बाद स्पाइन, गर्दन और शोल्डर की थकान व खिंचाव को दूर करने के लिए कैट-काउ स्ट्रेच करना अच्छा माना जाता है। अगर आपने अपर बॉडी वर्कआउट किया है तो आप कैट-काउ स्ट्रेच जरूर करें। इसके लिए आप अपने घुटनों को मोड़कर और हथेलियों को जमीन पर रखें। अब सांस भरते हुए पीठ को नीचे दबाइए। इस दौरान गर्दन ऊपर करें। फिर सांस छोड़ते हुए पीठ को ऊपर उठाइए और गर्दन झुकाइए। इसे 5-6 बार धीरे-धीरे दोहराइए। लंबे समय तक बैठने पर भी इस स्ट्रेच से फायदा मिलता है।
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यह एक बेहतरीन स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज है, जिसे पुश-अप्स, प्लैंक या वेट ट्रेनिंग के बाद करना काफी अच्छा माना जाता है। यह वर्कआउट के बाद चेस्ट और शोल्डर की टाइटनेस को कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप हाथों को अपनी पीठ के पीछे पकड़ें। अब कंधों को पीछे और छाती को आगे की ओर खींचें। करीबन 20 सेकंड तक रुकें और फिर इसे दोबारा दोहराएं। अगर आप चाहें तो इसे दीवार या दरवाज़े का सहारा लेकर भी कर सकती हैं।
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