स्ट्रेचिंग से जुड़े इन मिथ्स को ना मानें सच, शरीर को होगा नुकसानन

अपने वर्कआउट सेशन में स्ट्रेचिंग शामिल करना बेहद जरूरी होता है। हालांकि, कुछ लोग इससे जुड़े मिथ्स को सच मानकर स्ट्रेचिंग का फायदा नहीं उठा पाते हैं। 
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अपने वर्कआउट सेशन में हम कई तरह की एक्सरसाइज को शामिल करते हैं। इसमें स्ट्रेचिंग भी जरूर की जाती है। अमूमन स्ट्रेचिंग को लेकर हर किसी की अपनी-अपनी राय होती है। इसे अक्सर फ्लेक्सिबिलिटी को बेहतर बनाने, चोट की रोकथाम और यहां तक कि मांसपेशियों के दर्द को ठीक करने के लिए एक सॉल्यूशन के रूप में देखा जाता है।

जहां कुछ लोग वर्कआउट के बाद स्ट्रेचिंग करना चाहते हैं, जबकि कुछ लोग वर्कआउट से पहले स्ट्रेचिंग करते हैं, ताकि उन्हें किसी तरह की चोट आदि लगने का खतरा कम हो जाए। कुछ लोगों की यह मान्यता होती है कि उन्हें स्ट्रेचिंग करते हुए लगभग 30 सेकंड तक होल्ड करना चाहिए। स्ट्रेचिंग से जुड़ी ऐसी एक या दो नहीं, बल्कि कई सारी बातें हैं, जिन्हें अक्सर आपने लोगों के मुंह से सुना होगा। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको स्ट्रेचिंग से जुड़े कुछ मिथ्स और उनकी सच्चाई के बारे में बता रहे हैं-

मिथ 1- वर्कआउट से पहले स्ट्रेचिंग करने से चोट लगने का खतरा कम होता है

Stretching before exercise

सच्चाई- अक्सर लोग यही मानते हैं कि एक्सरसाइज करने से पहले स्ट्रेचिंग करने से चोट से बचाव होता है। लेकिन एक्सरसाइज करने से पहले स्ट्रेचिंग करने से यह गारंटी नहीं मिलती कि आपको चोट नहीं लगेगी। स्टैटिक स्ट्रेचिंग ना केवल आपकी मसल्स को रिलैक्स्ड करता है। इसलिए डायनामिक वार्मअप अधिक बेहतर माना जाता है। ऐसे में आप आर्म सर्कल, लेग स्विंग्स और लाइट जॉगिंग आपके ब्लड फ्लो को इंप्रूव करता है, बल्कि मसल्स भी रेडी होती हैं।

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मिथ 2- स्ट्रेच करने से दर्द दूर होता है

सच्चाई- जब आपको दर्द हो तो स्ट्रेचिंग करना अच्छा लग सकता है, लेकिन यहां आपको यह भी समझना चाहिए कि यह कोई चमत्कारिक इलाज नहीं है। स्ट्रेचिंग अस्थायी रूप से ब्लड फ्लो को बढ़ा सकता है, बल्कि अकड़न को कम कर सकती है। हालांकि, यह जादू की तरह रिकवरी को स्पीडअप नहीं करता है। एक्टिव रिकवरी जैसे हल्का चलना या योग व सही हाइड्रेशन आपकी मदद करता है।

मिथ 3- केवल एथलीटों को ही स्ट्रेचिंग की जरूरत होती है

Stretching myths

सच्चाई- बहुत से लोगों का यह मानना होता है कि केवल एथलीटों को ही स्ट्रेचिंग की जरूरत होती है, जबकि यह भी सच नहीं है। स्ट्रेचिंग केवल जिम जाने वालों या एथलीट्स के लिए नहीं है, बल्कि यह सभी के लिए है। मसलन, अगर आप डेस्क पर घंटों बिताते हैं, तो ऐसे में आपको स्ट्रेचिंग जरूर करनी चाहिए। इससे आपके पीठ के निचले हिस्से को आराम मिलता है।

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मिथ 4- बैड पोश्चर को ठीक करने के लिए स्ट्रेचिंग ही काफी है

सच्चाई- अक्सर लोग यह मानते हैं कि बैड पोश्चर को ठीक करने के लिए स्ट्रेचिंग करना ही काफी है। यह बात पूरी तरह से सच नहीं है। जबकि स्ट्रेचिंग से झुकने से होने वाले तनाव को दूर करने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह केवल आधी लड़ाई है। आपकी पीठ, कंधों और कोर के लिए मज़बूती देने वाली एक्सरसाइज भी उतनी ही जरूरी है।

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Image Credit- freepik

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