Menopause: मेनोपॉज में अच्छे डाइजेशन के लिए ये मुद्रा करेंगी मदद

मेनोपॉज में डाइजेशन की समस्याएं काफी आम हैं। इस दौरान होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से और भी कई परेशानियां हो सकती हैं। यह योग मुद्रा आपकी मदद कर सकती है।

 
mudra for fertility

Yoga Mudra: मेनोपॉज के समय होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से महिलाओं को कई परेशानियां का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान मूड स्विंग्स भी काफी बढ़ जाते हैं। पेट से जुड़ी समस्याएं भी इस समय में बहुत देखने को मिलती हैं। अक्सर महिलाओं को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि मेनोपॉज का असर उनकी लिवर हेल्थ पर भी होता है। मतली या जी मिचलाना और पाचन संबंधित समस्याएं जैसे अधिक गैस बनना, कब्ज हो जाना, वजन बढ़ना जैसी दिक्कते देखने को मिलती है। मेनोपॉज के अच्छे डाइजेशन के लिए 1 योग मुद्रा बेहद कारगर है। यह जानकारी दिलराज प्रीत कौर दे रही हैं। वह इंटरनेशल योगा टीचर हैं। साथ ही उत्तराखंड सरकार की योगा ब्रांड एंबेसडर भी हैं।

मेनोपॉज के डाइजेशन की समस्या होने का कारण (Digestive Problems during Menopause)

digestive problems during menopause

मेनोपॉज के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल कम होता है। इस वजह से पेट साफ होने में दिक्कत आती है। कब्ज, उल्टी और जी मिचलाने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आंतों की सेहत के लिए एस्ट्रोजन लेवल का सही होना जरूरी है। जब आंतों को एस्ट्रोजन की सही सप्लाई नहीं मिल पाती है, तो आंतों के फंक्शन में मुश्किल आती है। इसी वजह से डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं दिखाई देती हैं।

मेनोपॉज में अच्छे डाइजेशन के लिए त्रिमूर्ति मुद्रा (Trimurti Mudra in Menopause)

  • इसके लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं।
  • इस दौरान बिल्कुल सीधा बैठें और रीढ़ की हड्डी को एकदम सीधा रखें।
  • दोनों हाथों के अंगूठों को जोड़ें।
  • इसके बाद दोनों हाथों की उंगलियों को मिलाएं।
  • ऐसा करते हुए हाथों को बाहर की तरफ लाएं।
  • एक वी के आकार की शेप बनाएं।
  • इसे अपने पेट के निचले हिस्से के पास लाएं।
  • कुछ देर सांस को रोकें।
  • कुछ देर बाद सांस छोड़ें और धीरे-धीरे इस मुद्रा से भी बाहर आएं।
  • ऐसा आपको 5-10 बार करना है

त्रिमूर्ति मुद्रा के फायदे

  • मेनोपॉज में होने वाली डाइजेशन की समस्याओं से राहत मिलती है।
  • पीरियड क्रैम्प्स (पीरियड्स के दर्द के लिए टिप्स) कम होते हैं।
  • महिलाओं की फर्टाइल हेल्थ में भी सुधार होता है।
  • एक्सपर्ट के अनुसार, प्रेग्नेंसी में भी इसका अभ्यास किया जा सकता है।

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Image Credit:Shutterstock

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