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how can i keep my liver healthy during menopause

मेनोपॉज का लिवर पर क्या होता है असर? जानें

मेनोपॉज के दौरान शरीर में कई हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसका असर लिवर हेल्थ पर भी पड़ता है। इस दौरान फैटी लिवर डिजीज होने की भी संभावना रहती है। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2023-07-30, 09:00 IST

आमतौर पर महिलाओं में मेनोपॉज 45-50 साल के बीच होता है। इस समय किसी भी महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं। इन हार्मोनल बदलावों का असर महिलाओं में साफ दिखने लगता है। मेनोपॉज में ओवरी एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन बंद कर देती हैं और फिर हर महीने कोई भी अंडा रिलीज नहीं करती हैं, जिसके बाद पीरियड्स नहीं होते हैं। मेनोपॉज के शुरुआती लक्षणों को पेरिमेनोपॉज कहा जाता है। हॉट फ्लैशेज, मूड स्विंग्स, पीरियड्स का अनियमित होना वगरैह कई लक्षण हैं, जो मेनोपॉज में नजर आते हैं। इसका असर सिर्फ महिलाओं की फर्टिलिटी पर नहीं होता है, बल्कि उससे कहीं ज्यादा होता है। एक्सपर्ट की मानें तो महिलाओं में मेनोपॉज का असर लिवर हेल्थ पर भी होता है। यह जानकारी डॉक्टर शिखा शर्मा दे रही हैं। डॉक्टर शर्मा ने दिल्ली से पढ़ाई की है। वैदिक और मॉर्डन न्यूट्रिशन को फॉलो कर वह लोगों को सही डाइट चुनने और हेल्दी रहने में मदद करती हैं।

मेनोपॉज का लिवर हेल्थ पर असर

how menopause affects liver

फीमेल सेक्स हार्मोन एस्ट्रोजन, बॉडी फंक्शन्स को रेगुलेट करने में अहम भूमिका निभाता है। इसमें लिवर हेल्थ भी शामिल हैं। मेनोपॉज से पहले महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल अधिक होता है। वहीं, मेनोपॉज के दौरान यह काफी कम हो जाता है। जिसका लिवर हेल्थ पर सीधा असर होता है।

मेनोपॉज और फैटी लिवर डिजीज

मेनोपॉज के समय में महिलाओं को फैटी लिवर डिजीज होने का भी अधिक खतरा रह सकता है। एस्ट्रोजन हार्मोन, महिलाओं के शरीर में फैट मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने में मदद करता है। एस्ट्रोजन के कम होने पर यह बैलेंस बिगड़ सकता है। जिसकी वजह से मेनोपॉज में महिलाओं के लिवर के इर्द-गिर्द फैट जमा हो सकता है और नॉन-अल्कोहोलिक लिवर डिजीज हो सकती है। इससे लिवर इंफ्लेमेशन और लिवर डैमेज की समस्या हो सकती है।

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हार्ट हेल्थ पर भी होता है असर

ffect of menopause on liver and heart health

एक्सपर्ट की मानें तो मेनोपॉज का असर हार्ट हेल्थ पर भी होता है। एस्ट्रोजन के लेवल कम होने से लिपिड प्रोफाइल में बदलाव हो सकते हैं। जिसकी वजह से कोलेस्ट्रोल लेवल (कोलेस्ट्रोल लेवल कम करने के लिए आयुर्वेदिक हर्ब्स) और ट्राइग्लिसराइ़ड्स बढ़ सकते हैं। इसके कारण कार्डियोवैस्कुलर डिजीज हो सकती है और इसका असर लिवर पर भी होता है।

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Image Credit:Freepik

 

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FAQ
मेनोपॉज के क्या लक्षण होते हैं?
पीरियड्स का अनियमित होना, वजाइना में ड्राइनेस होना, मूड स्विंग्स होना, वजन बढ़ना, सिरदर्द, मेटाबॉलिज्म का धीमा होना और नींद के पैटर्न में बदलाव मेनोपॉज के लक्षण हैं।
क्या मेनोपॉज के दौरान एक्सरसाइज करना सही है?
हां, मेनोपॉज के दौरान, हार्मोनल बैलेंस के लिए एक्सरसाइज करना चाहिए लेकिन अधिक एक्सरसाइज कर अपने शरीर को न थकाएं।
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