पेरिमेनोपॉज 'मेनोपॉज के आसपास' के समय को कहते हैं। एक उम्र के बाद, हर महिला, मेनोपॉज से गुजरती है और मेनोपॉज के आस-पास यानी उससे पहले के समय को पेरिमेनोपॉज कहते हैं। असल में यह वो समय है, जब किसी भी महिला का शरीर, मेनोपॉज के लिए खुद को तैयार करता है। इसे मेनोपॉजल ट्रांजिशन भी कहा जाता है क्योंकि इस दौरान रिप्रोडक्टिव एज खत्म हो जाती है। करीब 45 से 55 साल की उम्र में, महिलाओं को पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं और इसे मेनोपॉज कहा जाता है। पीरियड्स शुरू होने से पहले भी किसी महिला के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं। ठीक उसी तरह जब पीरियड्स समाप्त होते हैं यानी मेनोपॉज शुरू होने वाला होता है, तब भी महिलाओं के शरीर में हार्मोनल उतार-चढ़ाव होते हैं और इनके लक्षण साफ नजर आने लगते हैं। इन्हें कम करने के लिए, डाइट में कुछ खास बदलाव करने चाहिए। इस बारे में डाइटिशियन मनप्रीत जानकारी दे रही हैं। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से न्यूट्रिशन्स में मास्टर्स किया है। वह हार्मोन और गट हेल्थ कोच हैं।
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मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने के लिए डाइट में ये बदलाव करें। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे।
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