अच्छा, आपसे एक सवाल है- भगवान राम के पिता का क्या नाम है? और माता जी का क्या नाम है? शायद, आप इन सवालों का जवाब अधिक समय लिए बिना बोल दें। एक दूसरा सवाल- भगवान राम के भाइयों का क्या नाम है? शायद इस सवाल का भी आप जवाब झट से दें देंगे। लेकिन अगर आपसे यह सवाल किया जाए कि भगवान राम की बहन का क्या नाम है? तो फिर आपका जवाब क्या हो सकता है?
जी हां, शायद आप भगवान राम की बहन के बारे में बहुत कम ही जानते हो, लेकिन कहा जाता है कि भगवान राम की एक बहन भी थीं। आज भी उनकी पूजा भारत की कई जगहों पर होती है। इस लेख में हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि क्या सच में भगवान राम की बहन कोई थीं और कहां होती है उनकी पूजा? आइए जानते हैं।
कहां होती है भगवान राम की बहन की पूजा?
वैसे तो भारत में ऐसी कई जगहें हैं जहां राम की बहन की पूजा होती है, लेकिन हिमाचल प्रदेश में एक ऐसी जगह है जहां राम की बहन की पूजा मुख्य रूप से होती है। जी हां, हिमाचल के कुल्लू से लगभग 50 किलोमीटर दूर एक प्राचीन मंदिर है जहां उनकी प्रतिमा स्थापित है और हर दिन पूजा होती है। सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि दूर-दूर से लोग उनकी पूजा करने के लिए पहुंचते हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से पूजा-पाठ करता है तो उसे बहन के साथ भगवान राम का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। कहा जाता है कि मंदिर में दशहरा का त्यौहार बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है।
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पौराणिक कथाओं में उल्लेख
पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि वो भगवान राम से भी बड़ी थीं। कई लोगों का मानना है कि बेटी के जन्म के बाद राजा दशरथ की कोई संतान नहीं थी और वो एक पुत्र चाहते थे, जो राजवंश को आगे लेकर चले। इसके बाद राजा दशरथ ने ऋषि से पुत्रकामेष्टि यज्ञ करने का फैसला लिया। यज्ञ होने के कुछ समय बाद राम, भरत और जुड़वां लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म हुआ था। हालांकि, इनके जन्म के पहले राजा दशरथ ने अपनी बेटी को किसी को गोद दे दिया था।(दुनिया के 10 सबसे भव्य मंदिर)
कौन है भगवान राम की बहन?
ये सबको पता है कि भगवान राम के 3 भाई थे, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भगवान राम की एक बहन भी थी जिनका नाम शांता था। कहा जाता है कि शांता का उल्लेख रामायण में भी है। वो इन चारों भाइयों से बड़ी थीं। ऐसा माना जाता है कि शांता दशरथ और कौशल्या की बेटी थीं, जिन्हें कौशल्या की बड़ी बहन वर्षिणी ने गोद ले लिया था।(रामायण से जुड़ी ये 10 रोचक बातें)
कई लोगों का मानना है कि वर्षिणी की कोई संतान नहीं थी और उन्होंने शांता को गोद लेने की इच्छा जताई जिसके बाद राजा दशरथ ने उन्हें अपनी बेटी शांता को गोद देने का वचन दे दिया।
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क्या सच में विद्वान थी शांता?
पौराणिक कथाओं के अनुसार शांता को वेद और काला के साथ-साथ शिल्प का भी अनूठा ज्ञान था। आपकी जानकारी के बता दें कि शांता की शादी शृंग ऋषि हुई थी। आपको ये भी बता दें कि वो अंग देश की रानी थीं। आपको ये भी बता दें कि कुल्लू में मौजूद शांता मंदिर में देवी के साथ उनके पति की भी पूजा होती हैं।
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Image Credit:(@jagran,twitter)
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