धनवान बनना चाहते हैं तो इस कुबेर मंदिर का दर्शन करने जरूर पहुंचें

भारत में एक ऐसा कुबेर मंदिर है जहां दर्शन के बाद आज तक कोई ख़ाली हाथ नहीं लौटा। आइए इस मंदिर के बारे में जानते हैं। 

kuber bhandari temple vadodara

भारत एक ऐसा देश है जहां हर कदम पर आपको एक पवित्र मंदिर मिल जाएगा। यहां मौजूद मंदिरों की चर्चा सिर्फ़ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है।

भारत में एक ऐसा ही मंदिर है जिसे कुबेर भंडारी मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के बारे में यह लोक कथा प्रचलित है कि कोई भी भक्त धनतेरस या दिवाली के दिन दर्शन करने के लिए पहुंचता है तो वो ख़ाली हाथ नहीं लौटता है।

इस लेख में हम आपको कुबेर भंडारी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहां आप भी ज़रूर जाना चाहेंगे। आइए जानते हैं।

भारत में किस जगह है कुबेर भंडारी मंदिर?

about kuber bhandari temple

जिस फेमस और धनवान मंदिर के बारे में हम आपसे ज़िक्र कर रहे हैं वो किसी और जगह नहीं बल्कि गुजरात के वडोदरा शहर में स्थित है। इस फेमस और पवित्र मंदिर में धनतेरस और दिवाली के कुछ दिन पहले से ही भक्तों की भीड़ लग जाती हैं। यहां सिर्फ़ गुजरात ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों से भी भक्त धन की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद मांगने आते हैं।

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कुबेर भंडारी मंदिर का इतिहास

kuber bhandari temple history

गुजरात के वडोदरा में स्थित कुबेर भंडारी मंदिर का इतिहास बेहद दिलचस्प है। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण लगभग 25 सौ साल पहले किया गया था। नर्मदा नदी के किनारे होने के चलते यह मंदिर बेहद खास है। कई लोगों का मानना है कि इस मंदिर का निर्माण किसी व्यक्ति ने नहीं बल्कि खुद भगवान शिव ने किया था।(धन्वंतरि मंदिर)

कुबेर भंडारी मंदिर की पौराणिक कथा

kuber bhandari temple

जिस तरह इस मंदिर का इतिहास दिलचस्प है ठीक उसी तरह इस मंदिर की पौराणिक कथा भी बहुत प्रचलित है। कहा जाता है कि भगवान शिव और पार्वती किस पैदल यात्रा पर निकले थे।

रास्ते में मां पार्वती को भूख लगी और उन्होंने भगवान शिव से आग्रह किया कि उन्हें भोजन और पानी चाहिए। इधर-उधर घूमने के बाद भगवान शिव को भोजन नहीं मिला तो वो नर्मदा किनारे ठहर गए। इसके बाद इस जगह मंदिर का निर्माण हुआ और इस मंदिर को कुबेर यानी भोजन या धन देने वाला मंदिर के रूप में जाना जाने लगा।(भारत के प्रसिद्ध लक्ष्मी मंदिर)

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दीपोत्सव में होती है भक्तों की भीड़

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जी हां, इस पवित्र मंदिर में दीपोत्सव यानी दिवाली से पहले और दिवाली के बाद तक भक्तों की भीड़ लगी रहती हैं। कहा जाता है कि धनतेरस और दिवाली के दिन इस मंदिर में सबसे अधिक भक्तों की भीड़ होती हैं। यहां जो भक्त दर्शन के लिए पहुंचता है तो निराश नहीं होता है।

एक अन्य मान्यता है कि जो भी भक्त धनतेरस या दिवाली के दिन इस मंदिर परिसर से मिट्टी को लेकर तिजोरी में रखता है उसके घर में लक्ष्मी जी हमेशा निवास करती हैं।

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Image Credit(@connectgujarat,tripadvisor)

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