सनातम काल से हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी सबसे पूजनीय देवी में से एक हैं। करोड़ों भक्त मां लक्ष्मी को धन के रूप में पूजा-पाठ करते हैं। धनतेरस और दिवाली के शुभ मौके पर भी मां लक्ष्मी की पूजा बड़े धूमधाम के साथ की जाती है।
लेकिन देश के अलग-अलग राज्यों में ऐसे कई लक्ष्मी मंदिर मौजूद हैं जिसकी कहानी सुनकर और पढ़कर कई लोग सोच में पड़ जाते हैं। जी हां, मध्य प्रदेश में एक ऐसा ही मंदिर है जिसकी चर्चा हर दिवाली पर सुन सकते हैं।
इस लेख में हम आपको मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में स्थित उस महालक्ष्मी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे दिवाली पर फूलों से नहीं नोटों से सजाया जाता है। आइए जानते हैं।
करेंसी नोट्स से होती है मंदिर की सजावट
शायद आपको सुनने में थोड़ा अजीब लगें लेकिन, यह सच है कि मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में स्थित महालक्ष्मी के मंदिर को फूलों से नहीं करेंसी नोट्स से सजावत की जाती है।
कहा जाता है कि दिवाली के शुभ अवसर पर धनतेरस से लेकर पांच दिनों तक दीपोत्सव का आयोजन होता है और मंदिर की दीवार और मां की मूर्ति की सजावट नोट्स से होती है।
इसके अलावा मंदिर के प्रांगण में स्थित झालर को नोटों की गद्दियों से सजाया जाता है। इस मंदिर में सिर्फ करेंसी नोट्स ही नहीं बल्कि सोना, चांदी की भी चढ़ावा चढ़ता है। इस अद्भुत सजावट के चलते यह मंदिर हर साल भक्तों और अन्य लोगों का ध्यान खींचता है।
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सुरक्षा का रखा जाता है विशेष ध्यान
आपको बता दें कि इस मंदिर को एक या दो लाख से नहीं बल्कि करोड़ों करेंसी नोट्स से सजावट की जाती है। इसलिए हर साल यहां सुरक्षा व्यवस्था पर भी विशेष ध्यान रखा जाता है।
कहा जाता है कि जब तक पूजा-पाठ चलती है तब तक मंदिर के चारों तरफ पुलिस का पहरा रहता है ताकि मंदिर से कोई चोरी न कर सकें।(वैष्णो देवी के आसपास स्थित हिल स्टेशन्स)
क्या सच में प्रसाद के रूप में नोट्स दिए जाते हैं?
इस प्रसिद्ध मंदिर के बारे में कई दिलचस्प कहानियां भी हैं। जी हां, कहा जाता है कि इस मंदिर में जो भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचता है उसे प्रसाद के रूप में नोट दिए जाते हैं। कई लोगों का यह भी मानना है कि प्रसाद के रूप में सोना-चांदी भी दिए जाते हैं।(मां दुर्गा के 8 प्रसिद्ध मंदिर)
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क्या है मंदिर की पौराणिक कथा?
अगर इस मंदिर की पौराणिक कथा पर गैर करें तो यह माना जाता है कि प्राचीन काल में राजा-महाराजा राज्य की सुख-समृधि और धन की प्राप्ति के लिए इस मंदिर में पैसे के साथ आभूषण चढ़ाया करते थे। उसके बाद यह समझा जाने लगा कि जो भी भक्त इस मंदिर में आभूषण या फिर पैसे चढ़ाते हैं उनके घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।
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Image Credit:(@naidunia)
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