Which is called as Shimla of Jharkhand: झारखंड देश का एक खूबसूरत और लोकप्रिय पर्यटन केंद्र माना जाता है। यह राज्य लगभग चारों साइड से घने जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ है, इसलिए यहां हर दिन हजारों पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं।
झारखंड में आज भी ऐसी कई हसीन और शानदार जगहें मौजूद हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। झारखंड की हजारों अनदेखी जगहों में शामिल पतरातू वैली भी किसी हसीन जन्नत से कम नहीं है, जिसे झारखंड का शिमला भी कहा जाता है।
इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं पतरातू वैली की खासियत और यह झारखंड के किस शहर में मौजूद है। इसके अलावा यह भी बताने जा रहे हैं कि इस वैली में आप क्या-क्या कर सकते हैं।
पतरातू वैली की खासियत बताने से पहले आपको यह बता दें कि यह मनमोहक घाटी झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित है, जो हर दिन हजारों सैलानियों को आकर्षित करती है।
आपको यह भी बता दें कि पतरातू वैली की राजधानी रांची से महज 33 किमी की दूरी पर मौजूद है। इसके अलावा, झारखंड के हज़ारीबाग से करीब 71 और बोकारो से करीब 115 किमी की दूरी पर है।
समुद्र तल से करीब 13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पतरातू वैली किसी हसीन जन्नत से कम नहीं है। इस घाटी की खूबसूरती और खासियत इस कदर प्रचलित है कि इसे झारखंड का शिमला और झारखंड का कश्मीर भी माना जाता है। (झारखंड की एक अनोखी जगह)
ऊंचे-ऊंचे पहाड़, घने जंगल, घुमावदार सड़कें, हरियाली और झील-झरने किस घाटी की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं। कहा जाता है कि मानसून में इस घाटी की खूबसूरती चरम पर होती है। मानसून में जब पतरातू वैली बादलों से ढक जाती है, तो दृश्य और भी हसीन दिखाई देता है।
पतरातू वैली सैलानियों के लिए बेहद ही खास है। खासकर उनके लिए यह घाटी किसी हसीन जन्नत या स्वर्ग से कम नहीं है, तो प्रकृति से प्रेम करते हैं। यहां का शांत वातावरण सैलानियों को खूब भाता है।
पतरातू वैली अपनी खूबसूरती के साथ-साथ कई लुभावने दृश्य भी प्रस्तुत करती है। खासकर, इस घाटी की ऊंचाई से सूर्योदय और सूर्यास्त का नजारा देखने के लिए हर दिन हजारों पर्यटक पहुंचते हैं। यहां की ठंडी-ठंडी हवाएं भी सैलानियों को खूब आकर्षित करती हैं।
पतरातू वैली सिर्फ अपनी खूबसूरती के लिए भी नहीं, बल्कि कई सारी एडवेंचर एक्टिविटीके लिए भी फेमस है। जी हां, इस घाटी में आप ट्रेकिंग से लेकर हाईकिंग और कैम्पिंग का शानदार लुत्फ उठा सकते हैं।
पतरातू घाटी में आप कई प्रवासी पक्षियों का दीदार करते हुए आप यादगार फोटोग्राफी भी कर सकते हैं। इस घाटी में स्थित नलकारी नदी में आप मछली पकड़ने का भी काम कर सकते हैं।
वैसे तो आप पतरातू वैली में किसी भी समय घूमने के लिए जा सकते हैं, लेकिन अगर यहां घूमने का बेस्ट समय मानसून माना जाता है। मानसून में हर तरफ हरियाली ही हरियाली और झीलों की खूबसूरती को निहार सकते हैं। मानसून में अलावा, गर्मियों में यहां ठंडी हवाओं का लुत्फ उठाने पहुंच सकते हैं।
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पतरातू वैली आप झारखंड के किसी भी शहर से पहुंच सकते हैं। हालांकि, सबसे आसान होगा कि आप रांची से पहुंचे, क्योंकि रांची से इस घाटी की दूरी महज 33 किसी भी है। रांची देश के कई बड़े एयरपोर्ट और रेल से जुड़ा हुआ शहर है।
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