दिल्ली को दिल वालों का शहर कहा जाता है और यहां रहने वालों को यहां की ऐतिहासिक धरोहरों पर नाज़ है। दिल्ली में आपको कई सारे मकबरें, मिनार, किले और पार्क आदि मिल जाएंगे जो इसके इतिहास को बहुत ही रूमानी बनाते हैं। यहां घूमने के लिए बहुत सी जगहें हैं जहां जाकर आपको ऐसा लगेगा मानो शहर की भीड़-भाड़ से दूर आ गए हों, लेकिन यकीन मानिए आप रहेंगे दिल्ली के अंदर ही। वैसे तो दिल्ली में कई चर्चित टूरिस्ट स्पॉट्स भी हैं, लेकिन कुछ स्पॉट्स ऐसे भी हैं जो इतने फेमस नहीं, लेकिन अपने अंदर सदियों का इतिहास समेटे बैठे हैं। ऐसा ही एक स्पॉट दिल्ली में है खूनी झील जिसे खूनी खान झील भी कहा जाता है। जी हां, ये इस झील का असली नाम है और अगर आप गूगल मैप्स में सर्च करेंगे तो आपको इसका रास्ता भी दिखाया जाएगा।
कहां मौजूद है ये खूनी झील?
दिल्ली के कमला नेहरू रिज का एक हिस्सा है खूनी झील। इसे अब एक लैंडमार्क बना दिया गया है जो लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। खूनी झील इसके इतिहास से जुड़ा है जो 1857 के समय से चला आ रहा है।
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कमला नेहरू रिज के बारे में भी कुछ जान लीजिए-
ये खूनी झील कमला नेहरू रिज में स्थित है और भले ही हम इस झील के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन इस रिज के बारे में भी बात करना जरूरी है। यहां चौबुर्जा मस्जिद, फ्लैगशिप टावर आदि ऐतिहासिक जगहें मौजूद हैं। जिन लोगों को इतिहास से लगाव है, जो लोग प्रकृति के करीब रहना चाहते हैं और जो लोग बर्ड वॉचिंग करना चाहते हैं वो यहां आते हैं। ये 35 किलोमीटर में फैला एक हिस्सा है जिसे बहुत ज्यादा एक्सप्लोर किया जा सकता है। दिल्ली के चर्चित टूरिस्ट्स स्पॉट्स से अलग यहां आपको ज्यादा भीड़ नहीं मिलेगी।
आखिर क्यों कहा जाता है खूनी झील?
कमला नेहरू रिज में जाने पर अगर आप खूनी झील को देखेंगे तो शायद आपको थोड़ा अचरज हो। ऐसा इसलिए क्योंकि ये झील काई से जमी हुई छोटी सी झील है जहां बत्तख आदि मौजूद हैं। ये नज़ारा कुछ लोगों को देखने में सुंदर भी लग सकता है।
अगर ये सुंदर लग सकता है तो फिर इसका नाम ऐसा क्यों? इसका सीधा सा कारण इसके इतिहास से जुड़ा हुआ है। खूनी झील 1857 के समय से ही प्रसिद्ध है जहां विद्रोह और लड़ाई के दौरान मारे गए भारतीय और अंग्रेजी सिपाहियों की लाश यहां डाली गई थी। पहले ब्रिटिश सिपाही भाग रहे थे जब इसी इलाके में लड़ाई हुई थी और उसके बाद भारतीय सिपाहियों को भी यहीं मार दिया गया था जब अंग्रेजी फौज आई थी। सिर्फ इतना ही नहीं उस समय घोड़े-खच्चर आदि के शव भी डाल दिए गए थे। जब वो त्रासदी हुई थी तब कई दिनों तक इस झील का पानी लाल हो गया था और बदबू इतनी थी कि यहां लोग कई दिनों तक नहीं आए थे।
अब इस झील को लेकर कई कहानियां सुनने को मिल जाएंगी कि यहां लोगों को भूत दिखते हैं आदि, लेकिन ऐसा कोई भी साइंटिफिक प्रूफ नहीं है फिर भी इसे हॉन्टेड प्लेसेस में से एक घोषित कर दिया है।
इस कहानी से जुड़े कई अलग-अलग वर्जन हैं और कुछ लोगों का मानना है कि यहां डूबने से कई लोगों की मौत हुई थी।अगर कोई भूत नहीं तो डरते क्यों हैं लोग?
दरअसल, ये इलाका थोड़ा सुनसान है और इस इलाके में कई असामाजिक तत्व भी घूमा करते हैं।
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अगर आप जाएं तो क्या ख्याल रखें-
- दिन के समय जाएं क्योंकि ये इलाका सुनसान होता है और झील गहरी हो सकती है इसलिए उसके पास जाने की कोशिश न करें। दूर से खूबसूरती निहारना अच्छा हो सकता है।
- कोशिश करें कि ग्रुप में जाएं।
- पूरी कमला नेहरू रिज को एक्सप्लोर करने की कोशिश करें और अपना एक्सपीरियंस हमसे हरजिंदगी के फेसबुक अकाउंट पर शेयर करें।
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