भारत एक ऐसा देश है, जहां पर लोग कई तरह के मसालों का सेवन करना पसंद करते हैं। शायद यही कारण है कि भारत को मसालों का देश कहा जाता है। लेकिन ये मसाले सिर्फ स्वाद बढ़ाने के लिए ही नहीं होते हैं, बल्कि इनके अपने औषधीय गुण भी होते हैं, जो सेहत के लिए लाभकारी माने गए हैं। हमारी दादी-नानी के पास हमेशा ही हर बीमारी के लिए कोई ना कोई नुस्खा जरूर होता था। इनकी सबसे अच्छी बात यह है कि इनमें से ज़्यादातर नुस्खे वाकई कारगर हैं।
आज के समय में लोग इन नुस्खों को लेकर शंका करते हैं, लेकिन बहुत लंबे समय से इन्हीं नुस्खों को लोग आजमाते आए हैं। ऐसे कई घरेलू नुस्खे हैं, जो पहली बार सुनने में काफी अजीबो-गरीब महसूस होते हैं, लेकिन ये वास्तव में बहुत अधिक कारगर हैं, जैसे दस्त के लिए चावल का पानी पीना। लेकिन जब आप इनके पीछे के विज्ञान को खंगालते हैं, तो पता चलता है कि इन देसी नुस्खों के पीछे ठोस तर्क है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब घरेलू नुस्खों के बारे में बता रहे हैं, जो सच में आपके लिए कारगर साबित हो सकते हैं-
अगर किसी को छाती में बलगम जमा होने, नाक बंद होने या फिर खांसी की शिकायत है तो ऐसे में अजवाइन का धुआं लेने से यकीनन फायदा होता है। दरअसल, अजवाइन में थाइमोल होता है, जो एक शक्तिशाली एंटी-माइक्रोबायल और डिकॉन्गेस्टेंट है। इसलिए, जब आप इसका धुआं अंदर लेते हैं तो इससे बलगम को ढीला करने और रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया को मारने में मदद मिलती है।
एक तवे पर 1 बड़ा चम्मच अजवाइन को तब तक गर्म करें जब तक कि उसमें से धुआं न निकलने लगे। धुएं की गहरी सांस लें, लेकिन इसे ज़्यादा न लें या गर्म अजवाइन को कपड़े में लपेटकर उसकी भाप अंदर लें। 2-3 दिनों के लिए दिन में दो बार इसे लें।
दांत दर्द, मसूड़ों में इंफेक्शन और दांतों को चमकाने के लिए आप जला हुआ नारियल के छिलके का इस्तेमाल कर सकते हैं। नारियल के छिलकों में एक्टिवेटिड कार्बन होता है, जिसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो कैविटी पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारते हैं। जब इसे जलाया जाता है, तो वे लॉरिक एसिड छोड़ते हैं, जो मसूड़ों की सूजन को कम करता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ डेंटल रिसर्च में किए गए अध्ययनों से इस बात की पुष्टि होती है कि नारियल का कोयला मुंह से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।
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नारियल का छिलका लें और उसे तब तक जलाएँ जब तक वह काला न हो जाए। अब इसे बारीक पीस लें। इसे थोड़े से सरसों के तेल के साथ मिलाएं और इसे टूथपेस्ट की तरह इस्तेमाल करें। आप इससे दिन में दो बार ब्रश करें। इससे दर्द में तुरंत आराम मिलता है, लेकिन कैविटी ठीक होने में हफ़्ते लगते हैं।
अगर किसी का पेट खराब है और डिहाइड्रेशन की वजह से कमजोरी का अहसास होता है, तो चावल के पानी का सेवन करना अच्छा माना जाता है। दरअसल, चावल के पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स और कार्ब्स होते हैं, जो सादे पानी की तुलना में शरीर को तेज़ी से हाइड्रेट करने में मदद करते हैं। चावल के पानी में मौजूद स्टार्च डाइजेस्टिव ट्रैक्ट को लाभ पहुंचाता है, जिससे दस्त में आराम मिलता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल न्यूट्रिशन ने भी यह पुष्टि की है कि चावल का पानी बच्चों में दस्त के लिए एक प्रभावी उपाय है।
दो कप पानी में आधा कप चावल उबालें। पानी को छान लें, इसे थोड़ा ठंडा होने दें। दस्त के दौरान हर कुछ घंटों में आधा कप पीएं। इसे तब तक लें, जब तक पेट ठीक न हो जाए।
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