सर्दी-खांसी वैसे तो कॉमन बीमारी होती है, लेकिन यह कितनी तकलीफ देती है वो तो आपको पता ही होगा। सर्दी और खांसी के बाद निकलता है कफ और फिर शुरू होता है गले में दर्द। जिन्हें साइनस की दिक्कत है या फिर माइग्रेन परेशान करता है उनके लिए तो यह और भी तकलीफ वाला साबित होता है। अब सर्दी और खांसी के दौरान अगर ऑफिस जाना हो, तो दिक्कत और भी ज्यादा शुरू हो जाती है। ऐसे में हम तरह-तरह की दवाएं खाने लगते हैं। ज्यादा दवाओं से नींद आती है और काम वैसे भी नहीं हो पाता। सर्दी और खांसी में अंग्रेजी दवाओं से ज्यादा देसी इलाज ज्यादा फायदेमंद समझे जाते हैं। आपने भी दादी और नानी के ना जाने कितने नुस्खे ट्राई किए होंगे।
ऐसे में क्यों ना कोई आयुर्वेदिक नुस्खा ही ट्राई किया जाए? आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार (BAMS) ने इंस्टाग्राम पर इससे जुड़ी जानकारी शेयर की है। उनका मानना है कि ये आयुर्वेदिक नुस्खा, कफ, सर्दी, खांसी और गले में दर्द जैसी समस्याओं पर तुरंत असर करेगा।
आयुर्वेदिक हर्बल मिक्सचर जिसके बारे में डॉक्टर दीक्षा ने बताया है वो कफ, कोल्ड और गले की परेशानियों को दूर करने में सहायक हो सकता है।
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किन चीजों की होगी जरूरत?
- आधा छोटा चम्मच हल्दी
- आधा छोटा चम्मच सौंठ (सूखा अदरक का पाउडर)
- 2 काली मिर्च कुटी हुई (आप चाहें, तो 2 चुटकी काली मिर्च पाउडर भी ले सकती हैं)
- 1 छोटा चम्मच शुद्ध शहद
इसे अच्छे से मिक्स करें और 2-3 बार एक दिन में खाएं। इसे खाना खाने के एक घंटे पहले या एक घंटे बाद ही खाएं। खाने से साथ इसे खाना सही नहीं होगा।
यह देसी नुस्खा उस वक्त सबसे ज्यादा काम करेगा जिस वक्त आपको गले में बहुत दिक्कत महसूस हो रही है। गले के दर्द को ठीक करने के साथ-साथ ये एलर्जी भी हटाएगा।
सर्दी और खांसी से बचने के लिए कुछ और आयुर्वेदिक टिप्स
- तुलसी की 7-8 पत्तियां, एक छोटा टुकड़ा अदरक, दो-चार कली लहसुन, 1 छोटा चम्मच अजवाइन, 1 छोटा चम्मच मेथी दाने, थोड़ी सी हल्दी, 4-5 काली मिर्च आदि को 1 लीटर पानी में मिलाकर उबालें। इसे तब तक उबालें जब तक ये ड्रिंक आधी नहीं हो जाती। इसके बाद इसे छानकर रख लें और सुबह-सुबह पिएं।
- पीने या नहाने के लिए ठंडा पानी बिल्कुल उपयोग ना करें।
- डाइजेस्टिव फंक्शन ठीक करने के लिए गुनगुना पानी पिएं।
- आपके खराब गले को ठीक करने के लिए शहद अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
- अदरक, हल्दी और नींबू की चाय पिएं।
- जब भी स्टीम लें तब थोड़ा सा नीलगिरी का तेल डालें और अजवाइन के कुछ बीज। आप नीलगिरी की जगह हल्दी का प्रयोग भी कर सकते हैं। इससे बंद रेस्पायरेटरी ट्रैक खुलता है।
- हल्दी वाला दूध पिएं। यह एक अच्छा इलाज हो सकता है।
- मुलेठी को गुनगुने पानी में मिलाकर गार्गल करें।
- हल्दी और सेंधा नमक गुनगुने पानी में मिलाकर गार्गल करें।
- आप मुलेठी को ऐसे ही चबा सकते हैं।
- आयुर्वेदिक फार्मूला जैसे सितोपलादि चूर्ण, त्रिकटु चूर्ण, तालीसादि चूर्ण आदि को लिया जा सकता है। हालांकि, किसी भी आयुर्वेदिक दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें। कोई भी आयुर्वेदिक दवा लेने के लिए शहद या दूध का इस्तेमाल करना सही होता है।
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इन होम रेमेडीज के अलावा आप फैटी फूड्स जैसे तला-भुना खाना, बासी खाना, स्ट्रीट फूड आदि भी कम खाएं। घर का बना हुआ हल्का खाना खाना ज्यादा अच्छा हो सकता है।
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प्राणायाम से होगा फायदा
भ्रस्तिका, अनुलोम विलोम, भ्रामरी प्राणायाम आदि रोजाना करने से आपकेरेस्पायरेटरीसिस्टम में फायदा हो सकता है।
सर्दी-खांसी हो ही ना इसके लिए आप कुछ आदतों को ध्यान में रखें
इन आसान तरीकों से आप अपना वायरल, कफ, कोल्ड और गले की समस्याएं कम कर सकते हैं।
- कफ बढ़ाने वाली चीजों से बचें जैसे कोल्ड ड्रिंक आदि से बचें।
- दही और फल मिलाकर बिल्कुल ना खाएं।
- दही को दोपहर के बाद ना खाएं।
- आइसक्रीम, शक्कर से भरे हुए फूड्स, डीप फ्राइड फूड्स, हैवी फूड्स ना खाएं।
- दिन में सोने से बचें।
- बहुत देर रात तक जागने से बचें।
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